जिला पर्यटन विभाग, अलवर की ओर से मत्स्य उत्सव का आगाज हुआ। इस अवसर पर टोंक, बालोतरा, बारां आदि जिलों से आए लोक कलाकारों ने अलग-अलग प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम में पर्यटकों व स्थानीय नागरिकों की संख्या बिल्कुल कम होने से कलाकारों की कला का अनुकूल उत्साहवर्धन नहीं हो सका। प्रशासन को ऐसे कार्यक्रमों के लिए विज्ञापन और जनसंचार की ओर ध्यान देना चाहिए। दौसा से आए अनिल शर्मा ने बताया कि भानगढ़ में मत्स्य उत्सव के आयोजन की खबर सुनकर भानगढ़ घूमने आए हैं।
दर्शकों की कमी से जूझ रहे इस उत्सव में पेयजल और बैठने के पर्याप्त इंतजामों को लेकर भी प्रशासन की तरफ से कोई खास व्यवस्था नहीं की गई, जिसके कारण यहां मौजूद लोगों का काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। उत्सव का आगाज ऐतिहासिक पर्यटन स्थल भंगश से हुआ, जहां अनेक लोक कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसे बाद सिलीसेढ़ की पाल पर देश के 3 विभिन्न अंचलों से आए लोक नृत्यों का संगम हुआ।
इस अवसर पर रमन गर्ग ने भांगड़ा, ज्योति रैना ने कश्मीरी और यूप्लि कोली ने लावणी से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। इसी कड़ी में हरेश डंग एंड पार्टी ने सिद्धि धमाल, सुनीता गूजर ने हरियाणवी और गफरुद्दीन मेवाती ने भपंग वादन की प्रस्तुति दी, जिसे वहां मौजूद दर्शकों ने काफी सराहा।
रात में भगवान जगन्नाथ जी के मंदिर में महाआरती का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में शहर के लोगों ने भाग लिया। इस लोक उत्सव में आज कंपनी बाग में योग कार्यक्रम के साथ ही मेहंदी, रंगोली और पेंटिंग प्रतियोगिता हुई। दोपहर तीन बजे पारंपरिक शोभायात्रा निकाली जाएगी, जो होप सर्कस से शुरू होकर सागर तक जाएगी और सागर पर इसका समापन होगा। यहीं पर दीपदान का कार्यक्रम भी होगा और इसके बाद महल चौक में लोकरंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोक संस्कृति की छटा बिखरेगी।