अलवर में आने वाली गर्मी में पानी की संभावित समस्या को लेकर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव बेहद चिंतित और परेशान हैं। उन्होंने पानी की समस्या को लेकर मिनी सचिवालय के सभागार में अधिकारियों की बैठक भी ली। इस बैठक में राज्य के वन मंत्री संजय शर्मा, जिला प्रमुख बलबीर छिल्लर सहित कई नेता और तमाम अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में शहर की पानी की आपूर्ति पर अफसरों से चर्चा की गई और अधिकारियों को पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अलवर शहर में पानी की आपूर्ति के लिए 20 एमएलडी के गैप को पूरा करने का काम किया जा रहा है। प्रशासन ने आश्वस्त किया है कि वर्तमान में जो पानी की आपूर्ति की जा रही है, उसे बरकरार रखने के प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए शहर में टैंकरों की मदद भी ली जाएगी, इन टैंकरों की मॉनिटरिंग जीपीएस के माध्यम से की जाएगी। जहां भी नलकूप खराब होंगे, उनकी रिपेयरिंग के लिए स्पष्ट गाइडलाइन बनाई जाएगी।
राज्य सरकार ने हाल ही में 69 बोरिंग स्वीकृत किए हैं। राजगढ़, गोविंदगढ़, लक्ष्मणगढ़ और बड़ौदामेव की भी समीक्षा की गई है, ताकि वहां भी पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने बताया कि 2026 तक सिलिसेढ़ से पाइपलाइन के जरिए पानी लाने के प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी गई है और इसके लिए बजट भी स्वीकृत कर दिया गया है। इसके अलावा, एक सप्ताह के भीतर सीटीपी के पानी को ठीक कराकर इंडस्ट्री को दिया जाएगा। सीटीपी का पानी वापस इंडस्ट्री तक पहुंचे, यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाएंगे।
बैठक में गर्मियों में पेयजल समस्या को लेकर गहन मंथन किया गया, क्योंकि आने वाले समय में शहर को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। पिछली बार भी पानी की समस्या से परेशान लोगों ने प्रत्येक दिन शहर में जाम लगाया था। इस बार ऐसी स्थिति न बने, इसके लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। बैठक में ईआरसीपी (पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना) पर भी चर्चा हुई, क्योंकि जिले में जल आपूर्ति इसी पर निर्भर है।