अलवर में चिटफंड कंपनियों द्वारा ठगी के पैसों की रिकवरी हेतु काउंटर खुलवाने के लिए ज्ञापन सौंपा गया। पिछले ज्ञापन में एक सप्ताह का समय दिया गया था, लेकिन अभी तक काउंटर नहीं खोला गया।
बता दें कि ठगी से परेशान पीड़ित ने कहा कि पिछली बार जब ज्ञापन दिया गया था, उस समय आश्वासन दिया था कि एक सप्ताह में काउंटर खोला जाएगा। लेकिन अभी तक काउंटर नहीं खोला गया। एक तरफ तो सरकार कह रही है कि 180 दिनों में पैसे मिल जाएंगे, लेकिन छह वर्ष बीत गए अभी तक समस्या वैसी ही बनी हुई है। यहां तक कि काउंटर तक ही नहीं लगाए गए हैं। जबकि राजस्थान में कुछ जिलों में पोर्टल काउंटर खुल गए हैं। जहां लोगों की ओर से अपनी समस्याओं के साथ दस्तावेज भी जमा करवा दिए गए हैं। इसके बाद अब उन लोगों को जल्दी ही उनके रुपये मिलने शुरू हो जाएंगे।
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लेकिन अलवर में कितनी ही बार धरना प्रदर्शन किया जा चुका और कितनी बार ही ज्ञापन जा चुका। लेकिन यहां के जिला कलेक्टर सुनने को तैयार नहीं है। पहले जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया जाता था, लेकिन उनके नहीं होने से अब अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ये ज्ञापन दिये जा रहे हैं। लेकिन कोई भी अपनी कार्यप्रणाली के अनुसार काम करने को तैयार नहीं है। आखिर कब तक ये ठगी पीड़ित लोग दर-दर की ठोकरें खाते रहेंगे।
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साल 2019 के कानून के तहत कहा गया था कि तुरंत पोर्टल काउंटर खोला जाए और 180 दिनों में पैसे दिये जाएं। लेकिन अभी तक कुछ नहीं मिला है। पैसे की रिकवरी नहीं होने की वजह से कुछ लोगों ने तो आस ही छोड़ दी और लोग आत्महत्या तक कर चुके हैं। कुछ लोग कर्ज के चक्कर में अपना स्थान छोड़कर पलायन कर गए और दूसरी जगह जकर रहने लगे हैं। लेकिन अभी तक कोई भी सुनवाई नहीं कर रहा है।
अगर अब भी सुनाई नहीं होती है तो दिल्ली में जंतर-मंतर पर एकत्रित होकर संसद का घेराव कर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। यह केवल एक ही चिटफंड कंपनी का ही मामला नहीं है। बल्कि कई कम्पनियों से जुड़ा है और किसी भी कम्पनी की ओर से रिकवरी का पैसा नहीं दिया गया है।
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