अहमदाबाद विमान हादसे में जान गंवाने वाले बांसवाड़ा निवासी चिकित्सक डॉ. प्रतीक जोशी, उनकी पत्नी डॉ. कौमी जोशी और तीन बच्चों के शव सोमवार तक भी परिजनों को नहीं सौंपे जा सके हैं। हादसे के बाद पीड़ित परिवार डीएनए जांच की प्रक्रिया से गुजर रहा है, जबकि दूसरी ओर सोशल मीडिया पर दिवंगत परिवार की तस्वीरों और पहचान का एआई तकनीक के जरिए दुरुपयोग किए जाने से उनके परिजन बेहद आहत हैं।
हादसे में डॉक्टर परिवार की दर्दनाक मौत
पिछले सप्ताह हुए हादसे में डॉ. प्रतीक जोशी, उनकी पत्नी कौमी जोशी और उनके तीन बच्चों मिराया, नकुल और प्रद्युत की मृत्यु हो गई थी। शवों की पहचान मुश्किल होने के कारण डीएनए जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं। परिजन अब तक जांच रिपोर्ट और शवों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर संवेदनहीनता से आहत परिवार
परिवार के सदस्य कुलदीप भट्ट ने बताया कि सोशल मीडिया पर मृत दंपती और उनके बच्चों की तस्वीरों का एआई की मदद से वीडियो में रूपांतरण कर वायरल किया जा रहा है। यहां तक कि बच्ची मिराया की तस्वीर को मोहनजोदड़ो-हड़प्पा सभ्यता के ताबूत में रखी किसी अन्य बॉडी की फोटो से जोड़कर प्रचारित किया जा रहा है। यह कृत्य संवेदनहीनता की चरम सीमा को दर्शाता है।
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फेक अकाउंट और फॉलोअर्स की दौड़ में इंसानियत हारती दिखी
डॉ. कौमी के नाम से फेक सोशल मीडिया अकाउंट बनाए गए हैं। परिजनों का कहना है कि फॉलोअर्स बढ़ाने की होड़ में लोग पीड़ित परिवार की भावनाओं से खेल रहे हैं। इस संवेदनशील समय में जब प्रशासन मदद कर रहा है और देश भर से संवेदना मिल रही है, तब ऐसी हरकतें परिवार को मानसिक रूप से तोड़ रही हैं।
इंफ्लूएंसर्स से संयम बरतने की अपील
परिजनों ने सोशल मीडिया यूज़र्स और इन्फ्लूएंसर्स से अपील की है कि इस प्रकार के झूठे, मनगढ़ंत और संवेदनहीन कंटेंट को शेयर करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें। ऐसी घटनाएं मृतकों का अपमान और परिजनों के लिए मानसिक पीड़ा का कारण बनती हैं।