बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी उपखंड के सैकड़ों किसान मंगलवार को अपनी लंबित मांगों को लेकर 200 ट्रैक्टरों के काफिले के साथ जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्ट्रेट घेराव करने निकले। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी नेता थानसिंह डोली भी किसानों के साथ हैं। हालांकि पुलिस-प्रशासन ने रास्ते में चार बार काफिले को रोककर समझाइश की। लेकिन किसान कलेक्टर और एसपी को मौके पर बुलाने की जिद पर अड़े हैं। फिलहाल काफिला धोरीमन्ना में रुका हुआ है। जहां गुड़ामालानी एसडीएम केशव मीणा समेत प्रशासन के अधिकारी वार्ता कर रहे हैं।
किसानों का कहना है कि खेती-किसानी और पशुपालन से जुड़ी मूलभूत समस्याएं वर्षों से अनसुलझी हैं। सबसे बड़ी मांग 2022 से 2024 तक का आदान अनुदान है, जो तकनीकी खामियों का हवाला देकर तीन साल से रोका जा रहा है। किसान संघ के प्रहलादराम ने बताया कि खरीफ 2022 का अनुदान तक नहीं मिला। सर्वे में देरी और गलत रिपोर्टिंग की वजह से क्लेम नहीं दिया जा रहा। इसके साथ ही सूअरों की बढ़ती समस्या पर स्थायी समाधान की मांग की है।
5 दिसंबर को किसानों और जनप्रतिनिधियों ने गुड़ामालानी एसडीएम को ज्ञापन सौंपा था और 9 दिसंबर तक समाधान न होने पर कलेक्ट्रेट घेराव की चेतावनी दी थी। प्रशासन की ओर से लगातार आश्वासन मिलने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में किसानों ने मंगलवार को गुड़ामालानी से बाड़मेर जिला मुख्यालय के लिए कूच करते हुए रवाना हुए। हालांकि पुलिस प्रशासन ने किसानों को बीच रास्ते में रोककर समझाईश के प्रयास किए। बावजूद इसके किसान राजी नहीं हुए।
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वहीं, धोरीमन्ना में चौथी बार रोके जाने पर आरएलपी नेता थानसिंह डोली ने अधिकारियों से साफ कहा कि कलेक्टर को बुलाइए या एसपी को, मौके पर बात होगी, वरना किसान आगे बढ़ेंगे। प्रशासन ने कलेक्टर के जिले से बाहर होने की बात कही, तो डोली ने एसपी को मौके पर बुलाने की मांग की।
इस समय भारी पुलिस बल तैनात है और प्रशासन किसी भी हाल में काफिले को बाड़मेर शहर में प्रवेश नहीं करने देना चाहता। किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन जारी रहेगा। फिलहाल धोरीमन्ना में किसानों और प्रशासन के बीच वार्ता चल रही है, ऐसे में अगले कुछ घंटों में स्थिति साफ हो सकेगी।