भीलवाड़ा जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला प्रमुख बरजी बाई भील की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में बिजली व्यवस्था को लेकर ऐसा माहौल बना, जैसे जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच करंट दौड़ गया हो। विधायक अपनी मर्यादा भूल गए और बिजली विभाग के कर्मचारियों को चोर और डाकू तक कह डाला।
बैठक में भीलवाड़ा शहर विधायक अशोक कोठारी, मांडल विधायक उदयलाल भडाणा, आसींद विधायक जब्बर सिंह सांखला, सहाड़ा विधायक लादूलाल पितलिया, मांडलगढ़ विधायक गोपाललाल खंडेलवाल, जिला कलेक्टर नमित मेहता, अतिरिक्त कलेक्टर ओमप्रकाश मेहरा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली, पानी, सड़क और अन्य विकास कार्यों को लेकर मुद्दे उठाए।
बिजली पर बहस से गर्म हुआ माहौल
बैठक की शुरुआत में ही बिजली व्यवस्था को लेकर तीखी बहस हुई। मांडल विधायक उदयलाल भडाणा ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग के कुछ कर्मचारी अपने परिवार या रिश्तेदारों के नाम पर ठेकेदारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे कर्मचारियों की सूची बनाकर कार्रवाई होनी चाहिए। आसींद विधायक जब्बर सिंह सांखला ने बिजली विभाग के अधिकारियों को आड़े हाथों लेते हुए पूछा कि 26 जनवरी को हुरड़ा एईएन कहां थे? उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों का ट्रांसफर हो चुका है, उन्हें तत्काल रिलीव किया जाए। इस दौरान बिजली एसई वीके संचेती को घेरते हुए विधायकों ने नाराजगी जताई।
विधायक सांखला गुस्से में इतना आगे बढ़ गए कि उन्होंने बिजली कर्मचारियों को चोर और डाकू तक कह डाला। भीलवाड़ा विधायक अशोक कोठारी ने भी शहर में बिजली लाइनों से हादसों का मुद्दा उठाते हुए त्वरित समाधान की मांग की। बैठक में शिक्षा, चिकित्सा, कृषि, सिंचाई, मनरेगा और पशुपालन जैसे ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े विभिन्न विभागों के कार्यों पर भी चर्चा हुई। जिला कलेक्टर ने बताया कि जिले में अवैध खनन के खिलाफ पिछले एक साल में पांच गुना अधिक कार्रवाई हुई है।
जिला परिषद सदस्य नंदलाल गुर्जर ने गांवों में ट्रांसफॉर्मर से तेल और कॉइल की चोरी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि ट्रांसफॉर्मर बदलने में 25-30 दिन तक की देरी होती है, जिससे ग्रामीण परेशान होते हैं। इस पर एसई संचेती ने एफआईआर दर्ज होते ही ट्रांसफॉर्मर बदलने का आश्वासन दिया।
मीटिंग में गैर-हाजिर अफसरों पर कार्रवाई की मांग
मांडलगढ़ विधायक गोपाललाल खंडेलवाल ने कहा कि जो अधिकारी जिला परिषद या पंचायत समिति की बैठक में अनुपस्थित रहते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इस पर कलेक्टर ने सहमति जताई और प्रस्ताव भेजने की बात कही।
जनप्रतिनिधियों की शिकायत, राज बदला, पर व्यवस्था वही
बैठक के दौरान कई विधायकों ने कहा कि सरकार बदलने के बावजूद व्यवस्थाएं नहीं बदली हैं। जनता अब भी बुनियादी समस्याओं से जूझ रही है। जनप्रतिनिधियों ने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों की लापरवाही से योजनाएं जमीनी स्तर पर नहीं पहुंच रही हैं।
आने वाले दिनों में बढ़ सकता है दबाव
बैठक में विधायकों और जनप्रतिनिधियों के बीच बिजली विभाग को लेकर जिस तरह की नाराजगी सामने आई, उससे यह साफ है कि सरकार और प्रशासन पर दबाव बढ़ने वाला है। आने वाले दिनों में इन मुद्दों पर और तीखी बहस होने की संभावना है। आगामी दिनों होने वाले पंचायत चुनाव के लिए राजनेता अभी से अपनी भूमि का धरातल तलाश रहे है।