भीलवाड़ा जिले के खामोर गांव में सामने आया एक वीडियो क्षेत्र की लापरवाह सोंच और नियमों के प्रति उदासीनता की तस्वीर पेश कर रहा है। वीडियो में एक युवक अपनी बाइक पर 8 बच्चों को बैठाकर स्कूल से घर ले जा रहा है। वह भी क्षतिग्रस्त और कीचड़ भरी सड़क पर। चैंकाने वाली बात यह है कि बाइक चालक ने एक बच्चे को अपने कंधों पर भी बैठा रखा है और एक बच्चा डंडे से पीछे लटकता हुआ दिखाई देता है। यह दृश्य केवल एक व्यक्ति की गलती नहीं, बल्कि ग्रामीण इलाकों में फैली व्यवस्था की कमजोरी और जागरूकता की कमी को भी उजागर करता है। खामोर गांव में सड़क निर्माण और पाइपलाइन कार्य के चलते जगह-जगह गड्ढे और कीचड़ हैं। ऐसे में इस तरह ओवरलोडेड बाइक पर बच्चों को बैठाकर चलाना किसी बड़े हादसे को दावत देने जैसा है।
ग्रामीणों ने बताया कि बाइक चालक गोवर्धन कालबेलिया है, जो स्कूल की छुट्टी के बाद अपने परिवार के बच्चों को ले जा रहा था। ग्रामीणों ने जब यह जोखिम भरा दृश्य देखा तो उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। वीडियो वायरल होने के बाद भी न पुलिस सक्रिय हुई और न परिवहन विभाग ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई की है। यह पहली बार नहीं है जब ऐसी घटनाएं देखने को मिली हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर देखा जाता है कि वाहन चालक ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करते हैं। लोग अपनी सुविधा के लिए जान की परवाह किए बिना ओवरलोड वाहन चलाते हैं। पुलिस व परिवहन विभाग की सुस्ती और ग्रामीणों में जागरूकता की कमी इसके पीछे मुख्य कारण है।
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समाज में ऐसी घटनाओं के पीछे एक और बड़ी सच्चाई यह भी है कि आर्थिक मजबूरी और संसाधनों की कमी के चलते लोग मजबूरी में भी ऐसे जोखिम उठाते हैं। कई बार परिजनों के पास इतने साधन नहीं होते कि वे अलग-अलग वाहनों से बच्चों को स्कूल भेज सकें, लेकिन यह मजबूरी कब लापरवाही में बदल जाती है, इसका अंदाजा उन्हें भी नहीं होता। ग्रामीण बताते हैं कि खामोर जैसे इलाकों में परिवहन नियमों को लेकर कभी कोई अभियान नहीं चलाया जाता। ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी तो कभी-कभार ही नजर आती है। इसी वजह से लोग बेधड़क नियमों की अनदेखी करते हैं।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बावजूद क्षेत्र के अधिकारी अभी केवल जांच की बात कर रहे हैं। सवाल यह है कि क्या प्रशासन ऐसी घटनाओं पर तभी सक्रिय होगा, जब कोई बड़ा हादसा हो जाएगा? अब समय आ गया है कि समाज भी इस तरह की लापरवाही के खिलाफ आवाज उठाए और प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग करें। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रैफिक नियमों और बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाए जाएं। वरना ऐसी हीरोगिरी कभी भी किसी मासूम की जान ले सकती है।
खामोर जैसे गांवों में यह घटना एक चेतावनी है कि नियमों को हल्के में लेना भविष्य में भारी पड़ सकता है। प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह केवल सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो देखकर बयान न दे, बल्कि मौके पर पहुंचकर कार्रवाई भी करे और उदाहरण पेश करे ताकि दोबारा ऐसी घटनाएं न हों।
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इनका कहना है कि शाहपुरा के जिला परिवहन अधिकारी जाकिर हुसैन ने कहा कि प्रकरण के संज्ञान में आने पर मामले की जांच कराते हैं। बाइक के नंबर मिलने पर बाइक मालिक को नोटिस जारी करा मोटर व्हीकल एक्ट में कार्रवाई करेंगे। एक बाइक पर 9 जनों के सवार होने पर ओवरलोडिंग का प्रकरण भी बनता है। कार्रवाई की जाएगी।
शाहपुरा के पुलिस उपाधीक्षक ओमप्रकाश विश्नोई ने कहा कि आज ही प्रकरण संज्ञान में आया है। पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी। बाइक सवार को थाने बुलाकर सख्त कार्रवाई करेंगे, ताकि दोबारा ऐसा न हो सके। शाहपुरा के अतिरिक्त ब्लाॅक मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारका प्रसाद जोशी ने कहा कि प्रकरण की जांच को कहा गया है। रिपोर्ट आते ही कार्रवाई करेंगे।