हनुमानगढ़ जिले में बीती रात से शुरू हुई मूसलाधार बारिश लोगों के लिए राहत से ज्यादा आफत लेकर आई। खेतों में पानी भरने से किसानों की फसलों पर खतरा मंडरा रहा है, वहीं जिला मुख्यालय के अधिकांश कार्यालय जलमग्न हो गए। हालात इतने बिगड़े कि जिला कलेक्टर और एसपी कार्यालय के मुख्य गेट तक 2 से 3 फीट पानी भर गया।
कार्यालयों में भरा पानी, कामकाज ठप
जानकारी के मुताबिक, महिला थाना, जिला उपभोक्ता आयोग, सीओ सिटी, डीएसटी और होमगार्ड कार्यालयों में भी बारिश का पानी भर जाने से कामकाज प्रभावित हुआ। जिला मुख्यालय के निचले इलाकों में पानी घुस जाने से कई लोग बेघर हो गए।
गांव मक्कासर में तबाही, परिवारों ने छोड़ा घर
मुख्यालय के नजदीकी गांव मक्कासर में दर्जनों परिवार भारी बारिश और पानी भराव के चलते अपने घर छोड़ने को मजबूर हो गए। ग्रामीणों ने प्रभावित परिवारों का घरेलू सामान सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की मदद से लोगों ने घर का सामान निकाला। इस दौरान कई परिवारों की आंखों में आंसू छलक पड़े।
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जिले में रिकॉर्ड बारिश, फेफाना सबसे आगे
जिला कलक्टर कार्यालय से जारी आंकड़ों के अनुसार सोमवार सुबह 8 बजे तक जिले में कुल 571 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। सबसे ज्यादा बारिश फेफाना में 110 मिमी दर्ज हुई। हनुमानगढ़ मुख्यालय पर 59 मिमी, पल्लू में 67 मिमी, नोहर में 68 मिमी, टिब्बी में 35 मिमी, खुइयां में 56 मिमी, रावतसर में 26 मिमी, रामगढ़ में 24 मिमी, डबली राठान में 33 मिमी और तलवाड़ाझील में 17 मिमी बारिश हुई। वहीं, पीलीबंगा में 5 मिमी, गोलूवाला में 6 मिमी, डाबां में 7 मिमी, छानीबड़ी में 8 मिमी, डूंगराना में 10 मिमी और संगरिया में 13 मिमी बारिश दर्ज की गई।
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फसलों को नुकसान और लोगों की परेशानी
जहां बारिश से लोगों को उमस और गर्मी से कुछ राहत मिली है, वहीं खरीफ की फसलें पानी में डूब जाने से किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। निचले इलाकों में जलभराव से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और कई परिवार सुरक्षित ठिकानों पर शरण लेने को मजबूर हो गए।