राजस्थान के जैसलमेर जिले के लाठी क्षेत्र में एक ऐसी घटना घटी जिसने रेलवे के लोको पायलट की मानवता और वन्यजीव प्रेम की मिसाल कायम कर दी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना की गई जोधपुर-जैसलमेर स्वर्णनगरी एक्सप्रेस के लोको पायलट ने ट्रेन की रफ्तार इसलिए धीमी कर दी, क्योंकि रेलवे ट्रैक के ठीक किनारे दुर्लभ भारतीय गिद्धों का एक बड़ा झुंड मृत मवेशी को अपना निवाला बना रहा था। गिद्धों की जान बचाने के लिए ड्राइवर ने न सिर्फ ट्रेन धीमी की, बल्कि लगातार हॉर्न बजाकर उन्हें सुरक्षित उड़ान भरने का मौका दिया। इस घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद देशभर के पर्यावरण प्रेमी, पक्षी विशेषज्ञ और आम लोग लोको पायलट की जमकर तारीफ कर रहे हैं।
दरसअल शनिवार दोपहर करीब ढाई बजे लाठी स्टेशन से कुछ किलोमीटर आगे पोकरण-जोधपुर रेलखंड पर यह घटना हुई। पटरियों के बिल्कुल पास एक मृत गाय पड़ी थी। मृत गाय पर करीब 50-60 भारतीय गिद्ध जमा थे जो अपना भोजन कर रहे थे। गिद्धों की प्रजाति पहले से ही लुप्तप्राय घोषित है और राजस्थान का थार मरुस्थल इनके अंतिम गढ़ों में से एक है। अचानक तेज रफ्तार ट्रेन देखकर गिद्ध भयभीत हो सकते थे और कई की जान जा सकती थी।
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लेकिन ट्रेन के लोको पायलट ने दूर से ही स्थिति को भांप लिया। उन्होंने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन की गति कम की और लंबे-लंबे हॉर्न बजाने शुरू कर दिए। हॉर्न की तेज आवाज सुनकर गिद्ध एक-एक कर आकाश में उड़ने लगे। करीब दो-तीन मिनट तक हॉर्न बजता रहा और जब सारे गिद्ध सुरक्षित उड़कर दूर चले गए, तब जाकर ड्राइवर ने ट्रेन आगे बढ़ाई। इस दौरान ट्रेन में सवार यात्रियों ने पूरा दृश्य अपने मोबाइल में कैद कर लिया। अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इन वीडियोज में साफ देखा जा सकता है कि कैसे गिद्ध शांतिपूर्वक उड़ रहे हैं और ट्रेन रुकी हुई है। लाठी की इस घटना ने न सिर्फ एक लोको पायलट की संवेदनशीलता को सलाम किया है, बल्कि पूरे समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाने के लिए हमें कितने छोटे-छोटे कदम उठाने पड़ सकते हैं।