राजस्थान पुलिस के महानिदेशक राजीव शर्मा आज कोटा दौरे पर रहे। इस दौरान डीजीपी के साथ एडीजी क्राइम हवा सिंह भुमारिया, डीआईजी पुलिस मुख्यालय शांतनु भी मौजूद रहे। वहीं पुलिस लाइन पहुंचने पर डीजीपी राजीव शर्मा ने लाइब्रेरी और प्रदर्शनी का उद्घाटन कर अवलोकन किया। इस दौरान कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ के पुलिस अधीक्षकों ने अपने जिले में किए गए कार्यों और अपराधियों पर कसे गए शिकंजे की जानकारी डीजीपी शर्मा को दी। वहीं, प्रदर्शनी का अवलोकन करने के दौरान सुरक्षित नारी-सशक्त समाज, सुरक्षित यातायात और नशे के खिलाफ कोटा पुलिस का प्रहार के बारे में भी डीजीपी को बताया गया।
डीजीपी राजीव शर्मा ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के सख्त निर्देश हैं कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाएं। इसके साथ ही भ्रष्टाचार को लेकर भी जीरो टोरलेंस की नीति अपनानी है। पुलिस अपने काम को पूरी निडरता के साथ करे ताकि अपराधियों को पनपने का मौका न मिले। डीजीपी ने कहा कि अपने काम को निष्पक्षता के साथ और भ्रष्टाचार से दूरी बनाकर करना है। अगर कहीं से भी शिकायत है तो उसपर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, प्रदेश में थाना प्रभारियों पर की गई कार्रवाई को लेकर डीजीपी ने कहा कि कोई भी पुलिस अधिकारी या पुलिसकर्मी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है तो उसके किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
शिक्षा नगरी कोटा में चाकूबाजी की घटनाओं को लेकर डीजीपी ने कहा कि इस संबंध में शहर पुलिस अधीक्षक से विस्तार से चर्चा की जाएगी। अगर किसी क्षेत्र में या एक समय पर इस तरह की घटनाएं हो रही है तो उसको रोकने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। डीजीपी ने ये भी कहा कि अगर कोई गिरोह नाबालिगों को इस्तेमाल करता है तो उसपर कड़ी कार्रवाई करने के लिए नए कानून में प्रावधान लाया गया है। राजस्थान पुलिस का विशेष ध्यान साइबर क्राइम, नशे की प्रवृत्ति और महिलाओं पर हो रहे अपराधों को रोकने में है। वहीं, नए नवाचार को लेकर डीजीपी ने कहा कि प्रदेश स्तर पर नए नवाचार लगातार किए जाते है।
यह भी पढ़ें- ‘रील स्टार’ कहे जाने पर क्या बोलीं IAS टीना डाबी: क्यों मचा सियासी-प्रशासनिक बवाल, विवाद से ABVP का नाता कैसा?
डीजीपी ने कहा कि राजस्थान एक सुरक्षित प्रदेश है, यहां पर होने वाले अपराधों को रोकने के लिए पुलिस अधिकारी समय-समय पर सख्त कदम उठाते हैं। डीजीपी ने ये भी कहा कि अपराधियों को हीरो नहीं बनाना चाहिए। उनकी कितनी फोटो कब और कैसे देनी है ये पुलिस अधिकारियों को ध्यान देने की जरूरत है। अपराधियों को हीरो बनाने से युवा वर्ग इसका गलत असर पड़ता है और युवा वर्ग गलत कदम उठाते हैं जो उनके लिए ही नुकसान साबित होता है।