राजस्थान के शिक्षा एवं पंचायती राज्य मंत्री मदन दिलावर शनिवार को अचानक से पंचायत समिति लाडपुरा की ग्राम पंचायत बोराबास में लगाई जा रहे ग्रामीण सेवा शिविर में पहुंच गए। जब मंत्री दिलावर शिविर में पहुंचे तो कुर्सियां पूरी तरह से खाली थीं, यहां तक की सेवा शिविर के बैनर तक भी नहीं लगे थे। जिस पर मंत्री दिलावर नाराज हो गए और उन्होंने उपखंड अधिकारी गजेंद्र सिंह को फोन लगाकर शिविर के बारे में जानकारी ली। अधिकारी ने उन्हें शिविर का समय सुबह 9:30 से शाम 6:00 तक का बताया। इस पर दिलावर ने कहा कि अभी 10:15 हो चुके हैं, लेकिन सेवा शिविर में ना तो कोई अधिकारी मौजूद है और ना ही कर्मचारी।
दरअसल, ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले ग्रामीण वासियों की समस्याओं के समाधान के लिए बोरावास ग्राम पंचायत में आयोजित होना था। लेकिन शिविर में कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मौजूद नहीं थे। वहीं मंत्री के अचानक सेवा क्षेत्र में पहुंचने की जानकारी मिलने के बाद अधिकारियों के भी हाथ पैर फूल गए और आनन फानन में उन्होंने सेवा शिविर की ओर दौड़ लगा दी।
पढ़ें; शहर में दो जगहों से बाइक चोरी, CCTV में कैद हुई वारदात; पुलिस ने जांच की शुरू
इस दौरान आंगनवाड़ी महिला कार्यकर्ताओं ने कुर्सियों के पीछे बैनर लगाना भी शुरू कर दिया। वहीं मंत्री दिलावर ने मौके पर पहुंचे अधिकारियों से उपस्थिति रजिस्टर मंगवाया, जिस पर उन्होंने नोट भी डाल दिया। कुछ अधिकारियों ने मंत्री को जानकारी दी की वह सेवा शिविर में आ गए थे, लेकिन कमरे में बैठे हुए थे। इस पर मंत्री नाराज हुए और उन्होंने कहा कि शिविर बाहर लगा है ना कि कमरे में।
वहीं मंत्री के पहुंचने के करीब आधा घंटे बाद सेवा शिविर प्रारंभ हुआ। जिसमें आयुर्वेद विभाग के अधिकारियों ने विभाग से संबंधित जानकारी दी। इसके बाद अलग-अलग विभागों के कर्मचारियों ने भी शिविर में किए जाने वाले कार्यों के बारे में बताया। वही मंत्री दिलावर ने लगभग 1 घंटे तक शिविर में उपस्थित होकर ग्रामीण जनों की समस्याओं को भी सुना और उनका समाधान करवाया।