राजस्थान में मानसून की तेज बारिश ने एक बार फिर प्रशासनिक तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है। नागौर जिले के खींवसर क्षेत्र से एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया। तीन दिन पहले हुई बारिश के बाद से अब तक गांव की सड़कों पर घुटनों तक पानी भरा हुआ है। इसी हालात में ग्रामीणों को एक शव को श्मशान भूमि तक ले जाना पड़ा। यह दृश्य खींवसर पंचायत समिति और उपखंड मुख्यालय की व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।
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तीन दिन की बारिश, लेकिन राहत की कोई व्यवस्था नहीं
डांगा के गढ़ खींवसर में लगातार बारिश के कारण सड़कों पर जलजमाव की स्थिति बनी हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार रात को सेवानिवृत्त शिक्षक रामरख भार्गव का निधन हुआ था। मंगलवार सुबह जब उनका पार्थिव शरीर श्मशान भूमि की ओर ले जाया जा रहा था, तब रास्ते में हर ओर पानी ही पानी था और शव यात्रा को घुटनों तक पानी में चलकर अंतिम संस्कार के स्थान तक पहुंचना पड़ा।
पंचायत पर भड़के ग्रामीण, बोले- विकास सिर्फ कागजों में
स्थानीय लोगों ने इस घटनाक्रम के बाद खींवसर ग्राम पंचायत की कार्यप्रणाली पर गहरी नाराजगी जताई है। ग्रामीणों का कहना है कि यहां पंचायत समिति और उपखंड कार्यालय होने के बावजूद विकास कार्यों की स्थिति दयनीय है। गांव में हर मानसून में यही हाल होते हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। नालियों की सफाई, जल निकासी की व्यवस्था और सड़क सुधार की दिशा में कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए हैं।
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कैबिनेट मंत्री का गढ़, लेकिन जनता बेहाल
खींवसर क्षेत्र राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह का क्षेत्र माना जाता है। ग्रामीणों का सवाल है कि जब मंत्री के अपने क्षेत्र में ये हालात हैं, तो बाकी राज्य का क्या हाल होगा? इससे पहले भी खींवसर से गर्भवती महिलाओं को पालकी या चारपाई पर अस्पताल पहुंचाने जैसी विकट तस्वीरें सामने आ चुकी हैं, लेकिन हालात जस के तस हैं।