सवाई माधोपुर जिले में एक ऐसा मार्मिक मामला सामने आया है, जहां वन स्टॉप सेंटर के हस्तक्षेप से एक परिवार टूटने से बच गया और एक मासूम का बचपन सुरक्षित हो गया। मनमुटाव और तलाक की कगार पर पहुंचे पति-पत्नी ने आपसी समझ और भावनाओं को फिर से जोड़ते हुए नई शुरुआत करने का फैसला किया।
यह मामला गंभीरा गांव निवासी इंद्रराज शर्मा और सवाई माधोपुर पुराने शहर की विनीता शर्मा से जुड़ा है। दोनों की शादी करीब चार वर्ष पूर्व हुई थी, लेकिन शादी के एक साल बाद ही आपसी मतभेदों के चलते दोनों अलग हो गए। पिछले तीन वर्षों से दोनों एक ही शहर में रहते हुए भी अलग-अलग जीवन बिता रहे थे।
तलाक की तैयारी के बीच उम्मीद की किरण बनी काउंसलिंग
पति-पत्नी ने रिश्ते को खत्म करने का निर्णय ले लिया था और पुलिस थाने व न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में थे। इसी बीच, वन स्टॉप सेंटर की टीम ने हस्तक्षेप करते हुए काउंसलिंग शुरू की। निदेशक हिना सिंह के नेतृत्व में काउंसलर सुनीता गौतम, तनु जैन और विजयलक्ष्मी गौतम ने दोनों को गहराई से समझाया। केंद्र की टीम ने दंपति को उनके बच्चे के भविष्य की ओर ध्यान दिलाया और आपसी बातचीत के माध्यम से मनमुटाव दूर करने का प्रयास किया।
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बच्चे के भविष्य के लिए भूल गए गिले-शिकवे
काउंसलिंग के बाद दोनों ने महसूस किया कि उनका विवाद सिर्फ उन्हें नहीं बल्कि उनके बच्चे के भविष्य को भी प्रभावित कर रहा है। उन्होंने अपने पुराने मतभेदों को नजरअंदाज कर फिर से एक साथ जीवन बिताने का निर्णय लिया। अब दोनों ने अपने घर को नई उमंग और विश्वास के साथ गृहस्थ जीवन की नई शुरुआत की है।
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