जिले के पिंडवाड़ा तहसील क्षेत्र में लाइम स्टोन के लिए प्रस्तावित खनन परियोजना शुरू होने से पहले ही विवादों में घिर गई है। वाटेरा, रोहिड़ा, भारजा, तरुंगी, डोलीफली, पिपेला और खाराडोली सहित आसपास के गांवों के ग्रामीण परियोजना का कड़ा विरोध कर लामबंद हो गए हैं। उन्होंने आक्रोश जताते हुए चेतावनी दी है कि यदि मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
ग्रामीणों के अनुसार मैसर्स कमलेश मेटा कास्ट प्रा.लि. को प्रस्तावित 800.99 हैक्टेयर क्षेत्र में खनन का आवंटन किया गया है, जिसे वे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने पर्यावरणीय जनसुनवाई की सूचना क्षेत्रवासियों से छिपाई है। एक महीने पहले पत्र जारी होने के बावजूद इसकी जानकारी ग्रामीणों तक नहीं पहुंचाई गई। उनका कहना है कि अधिकारी निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए गुप्त तरीके से जनसुनवाई आयोजित कर रहे हैं।
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ग्रामीणों ने आशंका जताई कि खनन शुरू होने पर क्षेत्र में गंभीर पर्यावरणीय असंतुलन होगा। खेत-खलिहान बंजर हो जाएंगे, ब्लास्टिंग से मकानों को नुकसान पहुंचेगा और धूल व प्रदूषण से स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ेगा। पहाड़ी क्षेत्रों में वन्यजीवों व स्थानीय बस्तियों को भी बड़ा खतरा होगा। साथ ही ग्रामीण सड़कों को नुकसान और पेयजल संकट की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।
ग्रामीणों ने सवाल उठाए हैं कि इतनी बड़ी परियोजना की जानकारी गुप्त रखने और सूचना पत्र दबाने के पीछे आखिर क्या मंशा थी। जनसुनवाई की सूचना क्षेत्रवासियों तक क्यों नहीं पहुंचाई गई और इसके पीछे कौन लोग शामिल हैं, यह जांच का विषय है। अब देखना यह है कि सिरोही जिला कलेक्टर और राज्य सरकार इस मामले पर कितनी गंभीरता दिखाते हैं और क्या जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई होती है।