उदयपुर के गोगुंदा क्षेत्र में वन विभाग द्वारा लगाए गए पिंजरे में शनिवार सुबह एक तेंदुआ (लेपर्ड) कैद हो गया। पिछले दो दिनों में इसी इलाके में तेंदुए ने चार लोगों पर हमला किया था। तेंदुए के पकड़े जाने से ग्रामीणों के साथ वन विभाग ने भी राहत की सांस ली है। हालांकि इस क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक तेंदुओं का मूवमेंट बना हुआ है।
घटना गोगुंदा के चलवा गांव की है, जहां ग्रामीणों की मांग पर वन विभाग ने शुक्रवार को तीन पिंजरे लगाए थे। आज सुबह तेंदुआ खुद ही एक पिंजरे में फंस गया। खबर फैलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए।
सूचना मिलते ही गोगुंदा वन विभाग के फॉरेस्टर पुष्पेंद्र सिंह भाटी, नरेंद्र पुरी गोस्वामी, तेज सिंह झाला, धर्मेंद्र मीणा, रोहित पंचाल, भूरीलाल और कमल टीम के साथ मौके पर पहुंचे। टीम ने तेंदुए को सुरक्षित पकड़कर सज्जनगढ़ सेंचुरी भेजा, जहां उसका इलाज किया जा रहा है।
गुरुवार दोपहर नांदेशमा के चलवा चौकी गांव में कालू सिंह राजपूत के घर के बाहर बने मंदिर में ओबरा निवासी चेतन सिंह पुत्र डालू सिंह और गजेंद्र सिंह पुत्र कालू सिंह पूजा कर रहे थे। तभी झाड़ियों से निकलकर आए तेंदुए ने चेतन सिंह पर हमला कर दिया और गले से दबोच लिया। पास बैठे गजेंद्र सिंह पर भी उसने झपट्टा मारा। चेतन सिंह ने हिम्मत दिखाते हुए तेंदुए के जबड़े में हाथ डालकर अपनी जान बचाई।
इसी दौरान चलावड़ा इलाके में भी तेंदुए का मूवमेंट देखा गया, जहां उसने रूपलाल पुत्र भंवरलाल गमेती पर हमला कर घायल कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि शुक्रवार को भी तेंदुए ने एक पालतू पशु और एक बाइक सवार पर हमला किया था।
ये भी पढ़ें- Jaipur News: एसओजी और दक्षिण पुलिस ने पांच आरोपियों को किया गिरफ्तार, 43 लाख रुपये की जाली मुद्रा बरामद
गौरतलब है कि गोगुंदा ब्लॉक के जंगलों में पिछले साल भी तेंदुए ने कई लोगों पर हमले किए थे। 18 अक्टूबर 2024 को एक आदमखोर तेंदुए को मार गिराया गया था। संयोग से, इस वर्ष भी 18 अक्टूबर को तेंदुए ने तीन लोगों को घायल कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि इलाके के कई गांवों में तेंदुओं की लगातार आवाजाही रहती है, और शिकार नहीं मिलने पर वे इंसानों पर हमला कर देते हैं।