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Udaipur News: Youth's Condition Worsens in Police Custody, Severe Injuries Found, Admitted to ICU
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Udaipur News: पुलिस कस्टडी में युवक की हालत बिगड़ी, शरीर पर गंभीर चोटों के निशान, आईसीयू में भर्ती
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उदयपुर Published by: उदयपुर ब्यूरो Updated Sun, 20 Apr 2025 09:48 AM IST
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जिले के खेरवाड़ा थाना क्षेत्र में पुलिस हिरासत के दौरान एक युवक की तबियत बिगड़ने का मामला सामने आया है। बाजारिया गांव निवासी 24 वर्षीय अभिषेक मीणा को गुरुवार रात लूट की साजिश के आरोप में हिरासत में लिया गया था। शुक्रवार सुबह उसे अदालत में पेश किया जाना था लेकिन वह बेहोशी की हालत में सीधे एमबी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में पहुंचा, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है, फिलहाल अभिषेक को आईसीयू में भर्ती किया गया है।
उदयपुर रोडवेज में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अभिषेक की मां लीला देवी जब अस्पताल पहुंचीं तो बेटे की हालत देखकर सदमे में आ गईं। उनका कहना है कि अभिषेक के हाथ-पैर, गले और कानों पर गंभीर चोटें हैं। गले में सूजन है, कान से खून बह रहा था और पूरे शरीर पर चोट के निशान हैं। आंखों में आंसुओं के साथ लीला देवी ने पुलिस वालों से पूछा- “क्या मेरे बेटे ने किसी की जान ली थी, जो पुलिस ने उसकी ये हालत कर दी ?” लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।
खेरवाड़ा थानाधिकारी दलपत सिंह राठौड़ ने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि अभिषेक पहले से बीमार था और नशे का आदी है। एएसपी अंजना सुखवाल ने भी यही बात दोहराई और कहा कि प्रारंभिक मेडिकल रिपोर्ट में कोई गंभीर बाहरी चोट नहीं पाई गई है। हालांकि परिजन पुलिस की इस थ्योरी को पूरी तरह खारिज कर रहे हैं।
यह घटना खेरवाड़ा थाना पुलिस पर कई सवाल खड़े करती है। सबसे बड़ा सवाल यही है कि युवक की तबीयत थाने में अचानक इतनी गंभीर कैसे हो गई? यदि वह बीमार था, तो उसे समय रहते चिकित्सकीय सुविधा क्यों नहीं दी गई? उसे पहले निजी अस्पताल ले जाने की क्या वजह थी और परिजनों को इसकी सूचना क्यों नहीं दी गई? यदि वह केवल नशे में था तो उसके शरीर पर इतने गंभीर चोटों के निशान कैसे हैं? क्या हिरासत में कुछ ऐसा हुआ जिसे छुपाने की कोशिश की जा रही है?
मामले की गंभीरता को देखते हुए मजिस्ट्रेट खुद एमबी अस्पताल पहुंचे और युवक की स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद अभिषेक को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने का आदेश दिया गया। फिलहाल वह आईसीयू में भर्ती है और चिकित्सक उसकी स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं।
अब तो अभिषेक के होश में आने के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि हिरासत में वास्तव में क्या हुआ था लेकिन फिलहाल खेरवाड़ा पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में है। यह मामला सिर्फ एक युवक की तबीयत का नहीं, बल्कि हिरासत में मानवाधिकारों की संभावित अनदेखी का भी गंभीर मुद्दा बन गया है।
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