मध्य प्रदेश के सागर और रतलाम की घटनाओं पर उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल का बयान सामने आया है। राजेन्द्र शुक्ल ने ग्वालियर में कहा, एमपी शांति का टापू था और आगे भी रहेगा। कानून-व्यवस्था को जो लोग हाथ में लेते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करने में एमपी सबसे आगे है। कानून तोड़ने वालों को अब कोई राजनीतिक संरक्षण नहीं है। पहले संरक्षण मिलता था, इसलिए वे लोग सक्रिय हो जाते थे। जो अपराध करता है, उस पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्रवाई की जा रही है।
वहीं, कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार ने कहा कि बीजेपी सरकार जब से बनी है, देश और प्रदेश में नफरत का बीज बो रही है। धर्म और जातियों को लड़ाने का काम कर रही है। बीजेपी गृहयुद्ध जैसी स्थिति पैदा कर रही है। इतनी नफरत धर्म और जातियों में भर दी गई है, जिसकी कोई सीमा नहीं है। हमारे नेता राहुल गांधी अकेले मोहब्बत की दुकान चला रहे हैं, लेकिन मोहब्बत की दुकान पर भी बीजेपी वाले हावी हो गए हैं। देश को आने वाले समय में बड़ा खतरा है।
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उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग में पदों की स्वीकृति और अस्पताल भवन के नवीनकरण के आदेश भी दिए हैं। साथ ही ग्वालियर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज से संबंधित स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 700 करोड़ रुपये की योजनाओं की घोषणा की गई है। राजेन्द्र शुक्ल ने कहा, प्रदेश के हर क्षेत्र में उच्च स्तरीय चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। ग्वालियर क्षेत्र के अन्य स्वास्थ्य संस्थानों के अधोसंरचना विकास, मैनपावर और उपकरणों की उपलब्धता की भी समीक्षा की गई है।
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दरअसल, ग्वालियर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज की 10वीं सामान्य परिषद की बैठक शनिवार आयोजित की गई। इस बैठक में सांसद, राज्यसभा सांसद, विधायक, महापौर और मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर शामिल हुए। बैठक में उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि एक हजार बिस्तरों वाले अस्पताल के लोड को कम करने के लिए जिला चिकित्सालय, सिविल अस्पताल और ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों का विस्तार किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अस्पतालों में रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाए। नर्स और वार्ड ब्वॉय के जितने भी पद रिक्त हैं, उन्हें भी जल्द से जल्द भरा जाए ताकि मरीजों की बेहतर देखभाल हो सके। आरक्षित वर्ग के जो पद नहीं भरे जा पा रहे हैं, उनके स्थान पर कंसल्टेंसी पर चिकित्सकों को रखकर कार्य करवाने पर भी गंभीरता से विचार किया जाए। उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि अस्पतालों में दवाओं की कोई कमी नहीं होनी चाहिए। वर्तमान में अस्पतालों को लगभग 80 प्रतिशत दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। जो दवाएं उपलब्ध नहीं हैं, उन्हें प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र से खरीदा जाए।