Hindi News
›
Video
›
Himachal Pradesh
›
Shimla News
›
Shimla Prof Mahavir Singh said aim is to restore the old glory of Himachal Pradesh University by doing research and educational reforms
{"_id":"6866881650687f36360f8d46","slug":"video-shimla-prof-mahavir-singh-said-aim-is-to-restore-the-old-glory-of-himachal-pradesh-university-by-doing-research-and-educational-reforms-2025-07-03","type":"video","status":"publish","title_hn":"Shimla: प्रो. महावीर सिंह बोले- हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में शोध अनुसंधान, शैक्षणिक सुधार कर पुरान गौरव लौटाना है लक्ष्य","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Shimla: प्रो. महावीर सिंह बोले- हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में शोध अनुसंधान, शैक्षणिक सुधार कर पुरान गौरव लौटाना है लक्ष्य
शिमला ब्यूरो
Updated Thu, 03 Jul 2025 07:09 PM IST
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के मुखिया कुलपति के पद पर हुई अंतरराष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक शिक्षाविद प्रो. महावीर सिंह की ताजपोशी से न केवल विश्वविद्यालय के शिक्षक, गैर शिक्षक वर्ग बल्कि आम छात्रों को भी उम्मीद जगी है, कि विश्वविद्यालय अब बुलंदियों को छूएगा। इसी विश्वविद्यालय के छात्र रहे प्रो. महावीर सिंह आज कुलपति के पद पर आसीन हुए है, जहां से वे अपने विश्वविद्यालय को विकास की राह पर लाने को कार्य करने के लिए हर तरह से सक्षम है। कुलपति प्रो. महावीर सिंह के पदभार संभालने के बाद उन्होंने अपने तीन साल के विवि के विकास के विजन को सांझा किया। उन्होंने बेबाक हो कर अपने मन मस्तिष्क में बनाई गई कार्ययोजना पर खुलकर बात की। मेरा प्रयास रहेगा कि मैं अपने विश्वविद्यालय को उसका पुराना गौरव लौटा सकूं, विश्वविद्यालय का शोध अनुसंधान उपलब्धियों, छात्र सुविधाओं को लेकर देश विदेश में नाम हो। इस पर कार्य शुरू हो गया है। इसमें विश्वविद्यालय के हर शिक्षक को सक्रिय रूप से इंटरडिस्पलेनरी शोध हो। फिजिक्स के शोध में हेल्थ, ग्रीन एनर्जी को भी भी जोड़ा जाए। विश्वविद्यालय में अंत: विषयक शोध हो, जिसमें हर विभाग अपना योगदान दे। जन उपयोगी शोध अनुसंधान करने की दिशा में कार्य होगा। जिससे विश्वविद्यालय के रिसर्च यूनिवर्सिटी के रूप में अलग पहचान बने। उन्होंने साफ किया कि हर शिक्षक को रिसर्च में अनिवार्य रूप से कार्य करना ही होगा, अन्यथा उनकी मुश्किलें बढ़ेगी। इस दिशा में पांच शोध अनुसंधान केद्र स्थापित करने को शैक्षणिक परिषद और सर्वोच्च निर्णायक संस्था कार्यकारिणी परिषद से मंजूरी दिलवा दी गई है। केंद्र जल्द कार्य करना शुरू कर देंगे। इन केंद्रों के बन जाने से यूजीसी और सरकार की एजेंसियों से शोध के लिए फंडिंग लेना भी आसान होगा। सभी शिक्षकों के अलग अलग समूह में बैठकें कर उनको नामी शोध अनुसंधान केंद्रों से एमओयू साइंन करने, मिलकर शोध अनुसंधान करने के लिए दिशा निर्देश दे दिए गए है, जिस पर काम भी शुरू हो गया है। शोध अनुसंधान केंद्रों में रोजगार की लिहाज से उपयोगी कोर्स भी शुरू होंगे, जो रोजगार के बाजार को छात्रों में कौशल विकसित किया जाएगा । विवि में खुलने वाले शोध अनुसंधान केंद्रों में ग्रीन एनर्जी ,नैनो टेक्नोलॉजी केंद्र, साइबर फिजिकल सिस्टम, आर्टिफिश्यिल इंटेलिजेंस, डाटा साइंस केंद्र , आपदा प्रबंधन केंद्र, पहाड़ी संस्कृति और धरोहकर केंद्र को बढ़ावा देने, उसे संजोने के लिए अलग केंद्र। इन सभी केंद्रों को संचालित करने वाले रामानुजम शोध अनुसंधान केंद्र भी स्थापित किया जा रहा है। ये विश्वविद्यालय के केंद्र नहीं पूरे प्रदेश के केंद्र है। केंद्र सिर्फ विवि के बंद कमरों मेंं बैठ शोध नहीं करेंगे, फिल्ड में जा कर तथ्यों, डाटा को जुटाएंगे और शोध विकास और आम जनता के लिए उपयोगी बने। ग्रीन एनर्जी यानि सोलन एनर्जी को गांव तक लेकर जाएं, हाइड्रोजन से वाहन चालने की टैक्नोलॉजी को एनर्जी में बदलकर इंधन के रूप में वाहनों उपयोग करने की दिशा में कार्य होगा। केंद्र सरकार के साथ मिलकर इस दिशा में कार्य करेंगे। आपदा प्रबंधन केंद्र में प्रदेश को आपदाओं से बचाने के लिए कार्य होगा। नए निर्माण संबंधित सुझाव सरकार को दिए जाएंगे, जागरूकता लाने का कार्य होगा । कुलपति ने कहा कि वे चाहते है कि हर विभाग का शिक्षक लैब में बैठ कर कार्य नहीं करेगा। पहले रात ग्यारह बजे तक शिक्षक शोध करते रहे है। इन केंद्रों को डीआरडीओ, एआईसीटी, आईसीआर और केंद्र, मानव संसाधन विकास मंत्रालय से सोशल साइंस के प्रोजेक्ट फंड लाने के लिए प्रयास होंगे। बदलाव जल्द नजर आएगा। कुलपति ने साफ किया कि विश्वविद्यालय में कार्य संस्कृति को बढ़ावा दिया जाएगा, तीन सालों तक बिना कुलपति के चलते रहे इस विश्वविद्यालय में जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करने के लिए कार्य शुरू कर दिया गया है। विश्वविद्यालय का हर कर्मचारी अनुशासित हो बायोमिट्रिक लगाने पर मैं नहीं जाना चाहता,। काम करने की संस्कृति को शिक्षक गैर शिक्षक को अपने व्यवहार में लाना होगा। यह संस्कृति समाप्त हो गई थी। इसके लिए हर कर्मचारी, शिक्षक कार्य करने को अपने को तैयार करें। छात्र सुविधाओं को लेकर कुलपति ने कहा कि क्लास रूम से लेकर परिसर, कार्यालयों में छात्र छात्राओं को बेहतरीन सुविधाएं देना और उनका विस्तार करना प्रथमिकता है। विवि के छात्रावासों के भवनों के नवीकरण पर पीएम उषा से सबसे अधिक बजट खर्च कर उन्हें बेहतर बनाया जा रहा है। वहीं विश्वविद्यालय में एक नए छात्रावासों, नई पार्किंग निर्माण, डिजिलट लाइब्रेरी से के लिए नए भवनों के निर्माण को भूमि चिन्हित करने पर कार्य हो रहा है, ग्रीन एरिया और नक्शा आदि पास करवाने की मुश्किलें दूर करने को विवि कार्य कर रहा है। विश्वविद्यालय में डिग्री कोर्स के अलावा रोजगार में सहयोगी कोर्स को शुरू किया जा रहा है, आगे भी यह क्रम जारी रखा जाएगा। छात्र छात्राओं को ऑनलाइन सुविधाएं, जानकारी देने के लिए काम हो रहा है। घणाहट्टी में नए परिसर को विकसित करने के सवाल पर कुलपति ने कहा कि इसके लिए अलग से बजट की आवश्यकता रहेगी। इसके लिए केंद्र और प्रदेश की सरकार से आवययक बजट लाने के लिए प्रयास किये जाएंगे, मगर विवि की मौजूदा आर्थिक स्थिति को देख परिसर को बनाने का कार्य शुरू करना संभव नहीं है। विश्वविद्यालय में 2019 से लेकर अटकी 253 गैर शिक्षक कर्मचारियों के पदों भरे जाने के सवाल पर कुलपति ने कहा कि गैर शिक्षकों के पदों का युक्तिकरण कर अतिआवश्यक पदों को भरने की प्रक्रिया को शुरू करने को लेकर सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। इसे मंजूरी मिलते ही , भर्ती की प्रक्रिया को शुरू कर दिया जाएगा । उन्होंने आउटसोर्स पर लगे दो सौ से अधिक कर्मचारियों के मामले पर कहा कि फिलहाल इस पर विवि प्रशासन कुछ भी करने नहीं जा रहा है, जब तक नियमित भर्तियां नहीं हो जाती । कुलपति प्रो. महावीर सिंह ने सरकार से कर्मचारियों के वेतन के लिए वार्षिक मिलने वाले वार्षिक अनुदान के सवाल पर कहा कि सरकार से 152 करोड़ अनुदान मिलता है, जबकि वेतन पर खर्च 180 करोड़ से अधिक होता है। विवि इसे अपने आय स्रोतों से ही पूरा कर रहा है। वे सरकार से सहायता अनुदान को बढ़ाने का मामला जरूर उठाएंगे। कुलपति ने 2013 से लेकर विवि और कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव बहाली के सवाल पर कहा कि यह निर्णय सरकार के स्तर पर होता है, मेरी प्राथमिकता विवि के हर कार्य को पटरी पर लाने की है, जो किन्हीं कारणों से पटरी से बाहर हो गई थी।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।