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VIDEO : डफरिन में 65 नवजातों की हुई बहरेपन की जांच, जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुआ कार्यक्रम
डफरिन महिला अस्पताल में गुरुवार को 65 नवजातों की बहरेपन की जांच की गई। सभी बच्चे पूरी तरह स्वस्थ निकले। राष्ट्रीय मूकबधिर कार्यक्रम के तहत आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने की।
डॉ. प्रवीण कुमार सक्सेना ने बताया कि पैदा होते ही एक सप्ताह से पहले बच्चे के कान की जांच करा लें। इससे मूकबधिर समस्या की पहचान हो जाती है। सीएमओ डॉ. हरी दत्त नेमी ने बताया कि लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से कार्यशाला का आयोजन किया गया। अगर बच्चे में बहरेपन की समस्या है तो तीन साल के अंदर कॉक्लियर इंप्लांट कराए। बच्चों में इसका अच्छा परिणाम आएगा। उन्हें अच्छे से सुनाई देने लगेगा।
बताया कि अभी हैलट और उर्सला में बहरेपन की जांच होती है। इसकी मशीन करीब तीन लाख रुपये की है। शासन से कांशीराम, केपीएम और सभी सीएचसी के लिए इस मशीन की मांग की जाएगी, जिससे नवजातों की आसानी से जांच हो सके। उन्होंने कहा कि जल्द ही दूसरी कार्यशाला भी होगी। यहां पर सीएमएस डॉ. रुचि जैन, डॉ. बीसी पाल, डॉ. नवीन चंद्रा, ईएनटी सर्जन डॉ. अवनीश यादव, डॉ. रोहित मल्होत्रा, डॉ. कैलाश चंद्र आदि रहे।
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