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बागेश्वर जिला अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर सोशल मीडिया पर छलका फौजी का दर्द, देखिये वीडियो
बागेश्वर जिला अस्पताल की अव्यवस्थाओं पर समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं। इस बार सीमा पर तैनात एक सैनिक ने सोशल मीडिया पर अस्पताल की अव्यवस्थाओं की पोल खोली है। ग्वालदम से लेकर हल्द्वानी तक पांच अस्पतालों में जाने के बावजूद उनके बच्चे की जान नहीं बच पाई। उन्होंने इसके लिए बागेश्वर जिला अस्पताल और 108 सेवा को कठघरे में खड़ा किया है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में चमोली जिले के चिडंगा निवासी जवान दिनेश चंद्र बताया कि वह जम्मू कश्मीर में तैनात हैं। उनके गांव में उनकी मां, पत्नी और डेढ़ साल का उनका पुत्र रहता था। बीती 10 जुलाई को उनके पुत्र की अचानक तबीयत बिगड़ने पर उनकी पत्नी बच्चे को लेकर ग्वालदम के सरकारी अस्पताल गई। बच्चे की हालत को देखत चिकित्सकों ने उसे सीएचसी बैजनाथ के लिए रेफर कर दिया। सीएचसी बैजनाथ में चिकित्सकों ने बच्चे की जांच की और उसे जिला अस्पताल बागेश्वर भेज दिया। शाम छह बजे परिजन बच्चे को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जिला अस्पताल की इमरजेंसी में बच्चे को भर्ती किया गया। अस्पताल में तैनात बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अंकित ने बच्चे की दोबारा जांच की। बच्चे की हालत गंभीर देखते हुए वहां से भी हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया।
परिजनों की ओर से सोशल मीडिया पर जारी वीडियो के अनुसार उन्होंने लगभग सात बजे 108 पर कॉल कर एंबुलेंस की मांग की। 108 एंबुलेंस सेवा की तरफ से उन्हें जल्द अस्पताल पहुंचने का आश्वासन मिलता रहा। एक घंटे तक भी जब एंबुलेंस नहीं पहुंची तो परिजनों को चिंता सताने लगी। जम्मू कश्मीर में तैनात जवान ने जब फोन कर इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक डॉ. भूपेंद्र घटियाल से एंबुलेंस के देर में आने के कारण के बारे में जानकारी ली तो उनकी ओर से जवान को एंबुलेंस के बारे में कोई जवाब न दे पाने की स्थिति बताई गई। जवान दिनेश ने आरोप लगाया कि चिकित्सक ने उनके साथ बदसलूकी से बात की जिससे वह काफी आहत हुए।
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