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कारगिल विजय दिवस...आपदा में बह गई परिवार को मिली जमीन, बलिदानी के माता-पिता ने बताई अंतिम इच्छा
कारगिल में बलिदान हुए रामनगर डांडा थानो के नरपाल सिंह के परिवार को सरकार की ओर से छिद्दरवाला में पांच बीघा जमीन दी गई थी। 2013 में आई आपदा में जमीन सौंग नदी में बह गई। इसके बाद से बलिदानी का परिवार जिलाधिकारी कार्यालय और राजस्व विभाग का चक्कर काट रहा है। बलिदानी के पिता सुरेंद्र सिंह मनवाल (87) और माता पूरणदेई (80) ने कहा कि उनकी अंतिम इच्छा है कि उनके बेटे के नाम से रामनगर डांडा में एक शहीद द्वार का निर्माण किया जाए। साथ ही उनके परिवार को बह चुकी जमीन के बदले कहीं और जमीन दी जाए। माता-पिता ने रुंधे हुए गले से बताया कि उनके बेटे का जन्म देश पर मर मिटने के लिए हुआ था। उनके तीन अन्य बेटे चंद्रपाल सिंह, धर्मपाल और सत्यपाल अपना काम धंधा और रोजगार संभाल रहे हैं। बलिदानी नरपाल सिंह के दो बच्चे हैं। बेटी की शादी हो गई है। बेटा रमन अपने पिता की बटालियन 18 गढ़वाल में भर्ती होकर देश सेवा कर रहा है। रमन के दादा-दादी ने बताया कि रमन और उसकी बहन रोहिमा लैंसडाउन में पढ़ते थे। रमन जब 12वीं में था, तभी सेना में भर्ती हो गया था। 12वीं के बचे हुए पेपर भी सेना के अधिकारियों ने उससे दिलवाए थे।
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