{"_id":"5e4631e98ebc3ee58d4817ba","slug":"gorakhpur-latest-news-gorakhpur-real-time-update-14-february-latest-news","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"कलश यात्रा के साथ रुद्र महायज्ञ शुरू, पुलवामा में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि, देखें दिनभर की हलचल","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
कलश यात्रा के साथ रुद्र महायज्ञ शुरू, पुलवामा में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि, देखें दिनभर की हलचल
डिजिटल न्यूज डेस्क, गोरखपुर
Published by: vivek shukla
Updated Fri, 14 Feb 2020 10:24 PM IST
विज्ञापन
कलश यात्रा में शामिल महिलाएं व शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते शिक्षक और छात्र- छात्राएं। ।
- फोटो : अमर उजाला
गोरखपुर में आज गोरखनाथ मंदिर से मानसरोवर तक कलश यात्रा निकाली गई।
Trending Videos
संगोष्ठी में संबोधित करते प्रोफेसर नागेंद्र कुमार सिंह।
- फोटो : अमर उजाला
गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विजय कुमार सिंह ने कहा कि देश की खाद्यान्न जरूरतों को पूरा करने के लिए नई पर्यावरणीय प्रतिरोधी प्रजातियां विकसित किए जाने की जरूरत है। इसमें बायोटेकभनोलॉजी की अहम भूमिका है।
वह शुक्रवार को विश्वविद्यालय के बायो टेक्नोलॉजी विभाग में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में बोल रहे थे। संगोष्ठी में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के वक्ताओं ने नवीन जानकारियां दीं। संगोष्ठी का शुभारंभ कुलपति प्रो. विजय कुमार सिंह, मुख्य अतिथि प्रो. नागेंद्र कुमार सिंह ने दीप प्रज्जवलन कर किया। सरस्वती वंदना के बाद संगोष्ठी पर आधारित स्मारिका का विमोचन किया गया।
मुख्य अतिथि प्रो. एनके सिंह ने चावल, आम, अरहर तथा गेहूं की विभिन्न प्रजातियों की जीन संरचना, कार्य एवं अनुक्रमण की विस्तार से जानकारी दी और श्रोताओं के सवालों के जवाब दिए। प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता सेंटर फॉर रिसर्च एंड डेवलपमेंट के अध्यक्ष डॉ. बीएन सिंह ने की। सह अध्यक्षता माइक्रोबायोलॉजी विभाग की कोऑर्डिनेटर प्रो. पूजा सिंह ने की।
दूसरे सत्र में किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ के प्रो. शैलेंद्र सक्सेना ने एड्स पर उनके द्वारा आणविक अध्ययन की जानकारी दी। राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के बायोकेमिस्ट्री विभाग की प्रो. नीलम पाठक ने पौधों के विकास और मिट्टी की लवणता कम करने में सूक्ष्म जीवों के महत्व को इंगित किया। पर्यावरण संस्थान नेशनल एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट नागपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. हेमंत पुरोहित ने सूक्ष्म जीवों का उपयोग कर पानी का प्रदूषण कम करने की तकनीक मेटजेनोमिक्स की जानकारी दी।
इसी संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. बीके सारंगी ने आर्सेनिक के बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय बताए। इस सत्र की अध्यक्षता प्रो. केडीएस यादव और सह अध्यक्षता प्रो. बीके सारंगी ने की। तीसरे सत्र में सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग के वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार त्रिपाठी ने खाद्य प्रसंस्करण से निकलने वाले बाईप्रोडक्ट हाइड्रोलाइसेट को प्रोबायोटिक जीवाणुओं के उत्पादन में उपयोग करने की जानकारी दी। गन्ना शोध संस्थान शाहजहांपुर के वैज्ञानिक डॉ. एके तिवारी ने फायटोप्लाज्मा से गन्ने में होने वाले विभिन्न रोगों और उनकी रोकथाम पर प्रकाश डाला। संगोष्ठी में डॉ. अभिषेक कुमार वर्मा, डॉ. अनुपमा ओझा, डॉ. ऐमन तनवीर, डॉ. संगीता यादव, डॉ. तूलिका मिश्रा आदि ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।
वह शुक्रवार को विश्वविद्यालय के बायो टेक्नोलॉजी विभाग में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में बोल रहे थे। संगोष्ठी में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के वक्ताओं ने नवीन जानकारियां दीं। संगोष्ठी का शुभारंभ कुलपति प्रो. विजय कुमार सिंह, मुख्य अतिथि प्रो. नागेंद्र कुमार सिंह ने दीप प्रज्जवलन कर किया। सरस्वती वंदना के बाद संगोष्ठी पर आधारित स्मारिका का विमोचन किया गया।
मुख्य अतिथि प्रो. एनके सिंह ने चावल, आम, अरहर तथा गेहूं की विभिन्न प्रजातियों की जीन संरचना, कार्य एवं अनुक्रमण की विस्तार से जानकारी दी और श्रोताओं के सवालों के जवाब दिए। प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता सेंटर फॉर रिसर्च एंड डेवलपमेंट के अध्यक्ष डॉ. बीएन सिंह ने की। सह अध्यक्षता माइक्रोबायोलॉजी विभाग की कोऑर्डिनेटर प्रो. पूजा सिंह ने की।
दूसरे सत्र में किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ के प्रो. शैलेंद्र सक्सेना ने एड्स पर उनके द्वारा आणविक अध्ययन की जानकारी दी। राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के बायोकेमिस्ट्री विभाग की प्रो. नीलम पाठक ने पौधों के विकास और मिट्टी की लवणता कम करने में सूक्ष्म जीवों के महत्व को इंगित किया। पर्यावरण संस्थान नेशनल एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट नागपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. हेमंत पुरोहित ने सूक्ष्म जीवों का उपयोग कर पानी का प्रदूषण कम करने की तकनीक मेटजेनोमिक्स की जानकारी दी।
इसी संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. बीके सारंगी ने आर्सेनिक के बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय बताए। इस सत्र की अध्यक्षता प्रो. केडीएस यादव और सह अध्यक्षता प्रो. बीके सारंगी ने की। तीसरे सत्र में सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग के वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार त्रिपाठी ने खाद्य प्रसंस्करण से निकलने वाले बाईप्रोडक्ट हाइड्रोलाइसेट को प्रोबायोटिक जीवाणुओं के उत्पादन में उपयोग करने की जानकारी दी। गन्ना शोध संस्थान शाहजहांपुर के वैज्ञानिक डॉ. एके तिवारी ने फायटोप्लाज्मा से गन्ने में होने वाले विभिन्न रोगों और उनकी रोकथाम पर प्रकाश डाला। संगोष्ठी में डॉ. अभिषेक कुमार वर्मा, डॉ. अनुपमा ओझा, डॉ. ऐमन तनवीर, डॉ. संगीता यादव, डॉ. तूलिका मिश्रा आदि ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।
विज्ञापन
विज्ञापन
सरल हृदय में जल्दी बसते हैं भगवान: नरेश
कथावाचक नरेश शर्मा जी महाराज।
- फोटो : अमर उजाला
गीता वाटिका में आयोजित नवधा भक्ति एवं भरत चरित्र कथा के चौथे दिन शुक्रवार को फाजिल्का (पंजाब) से आए कथा व्यास नरेश जी शर्मा ने व्यासपीठ से कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि भक्ति के लिए सरलता होनी चाहिए। हृदय जितनी जल्दी सरल बनेगा उतनी ही जल्दी भक्ति देवी हृदय में पधारेंगी।
कथा व्यास ने कहा कि जप-तप साधन इसलिए किया जाता है कि हृदय में सरलता आ जाए। भक्ति करेंगे तो प्रेम बढ़ेगा और प्रेम होगा तो भक्ति होने लग जाएगी। प्रेम और भक्ति अन्योन्याश्रित हैं। भगवान से कोई भी संबंध बना लेना चाहिए। संबंध बनने पर ही प्रेम होता है। तुलसीदास कहते हैं कि भरत जी बार-बार अपने लिए भिखारी शब्द का इस्तेमाल करते हैं । भिखारी के दो विशेष गुण हैं पहला यह कि उसे अपने अपमान की चोट नहीं लगती है, दूसरा यह कि वह आशा नहीं छोड़ता।
भरत जी भी संगम के तट पर गंगा और यमुना जी से अपने क्षत्रिय धर्म का त्याग करके भीख मांगते हैं। प्रत्येक जन्म में मेरा राम जी के चरणों में प्रेम होने के अतिरिक्त मुझे धर्म, अर्थ ,काम, मोक्ष कुछ भी नहीं चाहिए। गीता वाटिका परिसर में सायंकाल श्री राधा माधव संकीर्तन मंडल के मिंटूजी (बरेली) के साथ ही भक्तजनों ने संकीर्तन किया।
कथा व्यास ने कहा कि जप-तप साधन इसलिए किया जाता है कि हृदय में सरलता आ जाए। भक्ति करेंगे तो प्रेम बढ़ेगा और प्रेम होगा तो भक्ति होने लग जाएगी। प्रेम और भक्ति अन्योन्याश्रित हैं। भगवान से कोई भी संबंध बना लेना चाहिए। संबंध बनने पर ही प्रेम होता है। तुलसीदास कहते हैं कि भरत जी बार-बार अपने लिए भिखारी शब्द का इस्तेमाल करते हैं । भिखारी के दो विशेष गुण हैं पहला यह कि उसे अपने अपमान की चोट नहीं लगती है, दूसरा यह कि वह आशा नहीं छोड़ता।
भरत जी भी संगम के तट पर गंगा और यमुना जी से अपने क्षत्रिय धर्म का त्याग करके भीख मांगते हैं। प्रत्येक जन्म में मेरा राम जी के चरणों में प्रेम होने के अतिरिक्त मुझे धर्म, अर्थ ,काम, मोक्ष कुछ भी नहीं चाहिए। गीता वाटिका परिसर में सायंकाल श्री राधा माधव संकीर्तन मंडल के मिंटूजी (बरेली) के साथ ही भक्तजनों ने संकीर्तन किया।
कार्यक्रम में मंचासीन कुलपति प्रो.वीके सिंह साथ में.प्रति कुलपति प्रो.हरिशरण व अन्य।
- फोटो : अमर उजाला
गोरखपुर विश्वविद्यालय के संवाद भवन में वर्ष 2020 की परीक्षा में सम्मिलित हो रहे विद्यार्थियों के लिए आयोजित प्रेरक उद्बोधन कार्यक्रम में मंचासीन कुलपति प्रो.वीके सिंह साथ में.प्रति कुलपति प्रो.हरिशरण,डॉ ओमप्रकाश, डॉ.अमरेंद्र कुमार सिंह, प्रो.अजय कुमार शुक्ला, डॉ.अश्वनी मिश्रा, डॉ.मनीष कुमार।
इसे भी पढ़ें...
DDU में पहली बार परीक्षा से पहले छात्रों के लिए प्रेरणा सत्र कार्यक्रम, तनावमुक्त होकर दें परीक्षा
इसे भी पढ़ें...
DDU में पहली बार परीक्षा से पहले छात्रों के लिए प्रेरणा सत्र कार्यक्रम, तनावमुक्त होकर दें परीक्षा
विज्ञापन
इनरव्हील क्लब ऑफ होराइजन द्वारा वैलेंटाइन डे का आयोजन किया गया।
- फोटो : अमर उजाला
इनरव्हील क्लब ऑफ होराइजन द्वारा वैलेंटाइन डे का आयोजन किया गया।
इसे भी पढ़ें...
वैलेंटाइन स्पेशल: युवाओं ने साथियों से किया इजहार-ए-मोहब्बत, शहर में कुछ ऐसा दिखा नजारा
इसे भी पढ़ें...
वैलेंटाइन स्पेशल: युवाओं ने साथियों से किया इजहार-ए-मोहब्बत, शहर में कुछ ऐसा दिखा नजारा
