सीतापुर की महोली कोतवाली का हाजीपुर गांव, जहां पर रविवार को शहनाइयों व ढोल नगाड़ों की गूंज सुनाई पड़ रही थी। बड़े अरमान से परिवार ने सुनील वर्मा उर्फ सोनू को सजाया था। जहां परिवार के चेहरे पर खुशियां झलक रही थीं, वहीं सोनू अपने नए हमसफर के साथ जिंदगी का सफर तय करने के सपने देख रहा था। सोनू ने शायद सपने में भी नहीं सोचा होगा कि जिस हम सफर के साथ जिंदगी निभाने के ख्वाब वह देख रहा है, कुछ घंटों के बाद ही वह ख्वाब, सिर्फ ख्वाब ही बनकर रह जाएगा। उसका सफर शुरू होने से पहले ही खत्म हो जाएगा।
मंडप के नीचे बैठे दूल्हे पर दोस्त ने छुपकर झोंका फायर, मौत, वीडियो रिकॉर्डिंग से खुला राज, तस्वीरें
दूल्हे को गोली लग गई लेकिन लोगों को पता तब चला, जब दूल्हा घायल होकर गिर गया। दूल्हे के सीने से खून निकलते देख वहां पर भगदड़ मच गई। इसी बीच हमलावर भी निकल भागा। तब तक सोनू दम तोड़ चुका था। मंडप का दृश्य ऐसा था, जहां पर मंगल गीत बज रहे थे, वहां पर मातम मच गया। विवाह की खुशियां एक पल में काफूर हो गईं। इससे पहले कि दुल्हन मंडप तक आकर दूल्हे का हाथ थामती, उसका हमसफर वैवाहिक सफर शुरू होने से पहले ही ऐसी जगह चला गया, जहां से लौटकर कोई आता ही नहीं। जहां हाय तौबा मची हुई थी, वहीं घर के एक कोने में सजी धजी दुल्हन की सिसकियां गूंज रहीं थी।
एक नहीं तीन परिवारों की उजड़ गई खुशियां
दूल्हे की मौत के बाद लौट रहे एक दोस्त ने भी सड़क हादसे में तोड़ा दम
(सीतापुर/ बड़ागांव)। विवाह के दौरान गोली लगने से दूल्हे की मौत के मामले में एक परिवार पर ही दुखों का पहाड़ नहीं टूटा है। बल्कि वह ऐसी मनहूस घड़ी थी, जिसने तीन-तीन परिवारों की खुशियां लूट ली। एक तरफ जहां सुनील की हत्या कर दी गई। वहीं उसी बारात से लौट रहा सुनील का एक दोस्त सड़क हादसे में अपनी जान गंवा बैठा। मनहूसियत का सिलसिला यहीं पर नहीं ठहरा। बल्कि सुनील के दोस्त की मौत की खबर सुनकर दोस्त की मां को ब्रेन हैमरेज हो गया। उन्हें नाजुक हालत में ट्रॉमा सेंटर लखनऊ रेफर किया गया है। आज सुनील के दोस्त की मां जिंदगी व मौत के बीच संघर्ष कर रही है। बताया जा रहा है कि अन्य बारातियों की तरह सुनील का दोस्त महोली के कैथा गाजीपुर मूल पता ब्रम्हावली निवासी उदित बाजपेयी (25) भी लखीमपुर गया था। वहां जब दूल्हे सुनील की गोली मारकर हत्या कर दी गई तब अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। इस वजह से उदित कार से वापस घर के लिए चल दिया।
रास्ते में मितौली थाना क्षेत्र में सरायन नदी के निकट उदित की कार सड़क किनारे खड्ड में पलट गई। इससे उदित की मौके पर ही मौत हो गई। उदित की मौत की खबर जैसे ही उसके घर पहुंची। उदित की मां रामगुनी (60) को ब्रेन अटैक पड़ गया। इससे मां बेहाल हो गई। परिवारीजनों ने जब रामगुनी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया, तब डॉक्टरों ने बताया कि उदित की मां कोमा में चली गई है। जिसके बाद डॉक्टरों ने उसे ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया। इस वारदात में जहां सुनील के घर पर मुसीबतों का पहाड़ टूटा है, वहीं लड़की पक्ष भी गमजदा है। तीसरा परिवार उदित का परिवार है, जहां लोग उदित की मौत से दुखी और उदित की मां की तबीयत को लेकर बेहद चिंतित हैं।
दोस्त-दोस्त न रहा
सुनील वर्मा एक फार्मा कंपनी में एमआर था, जबकि उसको गोली मारने वाला दोस्त उदयपुर कोरौया निवासी रामचंद्र ने मेडिकल की दुकान खोल रखी है। सच मानें तो दवाओं के इसी व्यवसाय की वजह से सुनील व रामचंद्र की दोस्ती हुई थी। दोनों एक दूसरे को भाई से बढ़कर मानते थे। लेकिन इन दोनों के बीच कब दुश्मनी का बीज पनप गया, यह कोई नहीं जानता। एक तरफ दूल्हा सुनील मंडप में बैठा, तो दूसरी तरफ उसके ही अपने दोस्त रामचंद्र ने उसके ऊपर फायर झोंक दिया। नतीजा एक के बाद एक करके दो गोलियां उसके सीने में जा धंसी, जिससे सुनील की मौके पर ही मौत हो गई। इस वारदात को देख हर कोई एक ही बात कह रहा है कि दोस्त दोस्त न रहा। (दूल्हे के घर में पसरा मातम।)