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Baba Siddiqui: बाबा सिद्दीकी और जीशान का कत्ल कर इस देश में लेनी थी पनाह... लारेंस ने बनाया था सुरक्षित ठिकाना

अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ Published by: शाहरुख खान Updated Tue, 12 Nov 2024 10:34 AM IST
सार

बाबा सिद्दीकी और जीशान को मारने के बाद शूटरों को इस देश में पनाह लेनी थी। लारेंस बिश्नोई ने सुरक्षित ठिकाना बनाया था। चारों मददगार शिवा और धर्मराज के गहरे दोस्त हैं। चारों पर पाक्सो एक्ट का मुकदमा भी दर्ज हो चुका है।

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shooters had to take refuge in Shamsherganj, Nepal After killing Baba Siddiqui and Zeeshan
Baba Siddiqui - फोटो : अमर उजाला
मुंबई में महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी और उनके बेटे जीशान सिद्दीकी को ठिकाने लगाने के बाद तीनों शूटरों को नेपाल के बांके जिले के शमशेरगंज में लंबे वक्त तक छिपने का इंतजाम किया गया था। दरअसल, लारेंस बिश्नोई गैंग का शमशेरगंज में एक सुरक्षित ठिकाना है, जहां शूटरों को छिपाने के साथ उनको हत्या के बदले 10 लाख रुपये की रकम भी दी जानी थी। इससे पहले उन्हें उज्जैन के महाकाल मंदिर और फिर जम्मू में वैष्णो देवी मंदिर जाने को कहा गया था। दोनों जगहों पर लारेंस गैंग के लोग उनसे मिलने आने वाले थे।
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बाबा सिद्दीकी हत्याकांड - फोटो : अमर उजाला।
बता दें कि बाबा सिद्दीकी की हत्या करने वाले मुख्य शूटर शिव कुमार गौतम उर्फ शिवा को उसके चार अन्य साथियों के साथ यूपी एसटीएफ और मुंबई क्राइम ब्रांच ने रविवार को बहराइच के नानपारा इलाके से गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ में सामने आया है कि शूटर शिवकुमार, धर्मराज कश्यप, उसका भाई अनुराग कश्यप, ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी, आकाश श्रीवास्तव और अखिलेंद्र प्रताप सिंह दोस्त हैं। 

 
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बाबा सिद्दीकी हत्याकांड - फोटो : अमर उजाला।
शिवकुमार घटना को अंजाम देने के बाद फरार हो गया था और इंस्टाग्राम के जरिए चारों के संपर्क में था। कई बार उसने दूसरों का फोन लेकर भी अपने दोस्तों और ननिहाल में बात की थी। यह भी सामने आया है कि अनुराग कश्यप, ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी, आकाश श्रीवास्तव और अखिलेंद्र पर जुलाई माह में कैसरगंज थाने में पाक्सो एक्ट का मुकदमा भी दर्ज हो चुका है, जबकि शिवकुमार को कोई आपराधिक इतिहास नहीं है।

 
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बाबा सिद्दीकी - फोटो : PTI
ग्लॉक पिस्टल से मारी गोलियां
शिवकुमार ने पूछताछ में बताया कि उन्हें बाबा सिद्दीकी और उनके बेटे जीशान को मारने की सुपारी दी गई थी। हालांकि गाड़ी में केवल बाबा सिद्दीकी ही मौजूद थे। उसने आस्ट्रेलिया निर्मित ग्लॉक पिस्टल से बाबा सिद्दीकी पर 6 गोलियां चलाई थीं, जिसमें से तीन मिस हो गई थी। बता दें कि बाबा सिद्दीकी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी तीन गोलियां लगने की पुष्टि हुई है। लारेंस के भाई अनमोल विश्नोई ने उनसे कहा था कि इस वारदात के बाद गैंग की टीआरपी बढ़ जाएगी, जिससे मुंबई में ज्यादा वसूली होगी।

 
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बाबा सिद्दीकी, जीशान सिद्दीकी। - फोटो : X/BabaSiddique
एसटीएफ कर रही थी सुरागरसी
दरअसल, मुंबई पुलिस के अनुरोध पर एसटीएफ शिवकुमार और धर्मराज के परिजनों और दोस्तों की लगातार सुरागरसी कर रही थी। घटना के बाद फरार हुए शिवकुमार ने जब अनुराग, ज्ञानप्रकाश, आकाश और अखिलेंद्र से संपर्क साधना शुरू किया तो एसटीएफ को भनक लग गई। जिसके बाद उनकी तलाश की जाने लगी। हालांकि सोशल मीडिया के जरिए संपर्क करने की वजह से कई बार वह पुलिस के हाथ में आने बच गए। रविवार को सही लोकेशन मिलने पर पांचों को दबोच लिया गया।
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