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UP: दवा व्यापारी पर अकूत पैसा, हवाला से मंगाए एक करोड़ रुपये...इतनी बड़ी रिश्वत पर भी न डोला टीम का ईमान
अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Mon, 25 Aug 2025 03:39 PM IST
सार
नकली और अवैध दवा के कारोबारी द्वारा एसटीएफ और औषधि विभाग की टीम को एक करोड़ रुपये की रिश्वत का लालच दिया गया। उसने हवाला के एक करोड़ रुपये कुछ ही मिनटों में मगां लिए।
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रंगे हाथ पकड़ा दवा कारोबारी।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
आगरा के कोतवाली के फव्वारा बाजार में नकली दवाओं का अवैध धंधा कई साल से चल रहा है। असली की आड़ में दवा विक्रेता नकली दवाओं का धंधा कर रहे हैं। पूरे कारोबार के पीछे हवाला नेटवर्क सामने आया है। रकम हवाला से ही कारोबारी और दवाओं के सप्लायरों तक पहुंचती है। इससे बिलिंग की भी जरूरत नहीं पड़ती है और रकम भी आसानी से मिल जाती है। हे मां मेडिकल के संचालक दवा कारोबारी हिमांशु अग्रवाल ने भी एसटीएफ और औषधि विभाग की टीम को रिश्वत में देने के लिए हवाला से ही एक करोड़ रुपये मंगवाए थे।
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दवा कारोबारी और बरामद रकम
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
उससे रकम के बारे में जानकारी की गई। उसने बताया कि व्यापार से संबंधित पैसा हवाला में रखा जाता है। उसने यह रकम भी हवाला के माध्यम से ही मंगवाई है। मगर, उसने इस बात की जानकारी नहीं दी कि किस हवाला कारोबारी से और कहां से रकम मंगवाई है। टीम ने नोटों को गिनने के लिए मशीन मंगवाई थी। मगर यह नोट कई दिन से रखे हुए लग रहे थे। उनमें नमी होने के कारण मशीन भी फेल हो गई।
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एसटीएफ और औषधि विभाग की टीम
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
इस पर हाथ से ही एसटीएफ टीम ने नोटों की गिनती की। एसटीएफ के मुताबिक, पूरा नेटवर्क हवाला से चल रहा है। नकली दवाओं के कारोबार में बिल नहीं होते हैं। अधिक दवाएं मंगवाई जाती हैं, बिल 10 प्रतिशत के ही होते हैं। इस कारण जो भी भुगतान किया जाता है, वह रकम हवाला के जरिये ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजी जाती है।
सील की गईं दवाएं
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
वर्ष 2022 में भी आया था कारोबारी का नाम
एसटीएफ के निरीक्षक यतेंद्र शर्मा ने बताया कि रकम पकड़े जाने की जानकारी पर आयकर विभाग की टीम ने भी जांच की। इसमें पता चला कि पकड़े गए कारोबारी का नाम वर्ष 2022 में भी सामने आया था। गुजरात में हवाला एजेंट पकड़े गए थे। तब आगरा में रकम भेजी गई थी। एजेंटों के माध्यम से दवा कारोबारी को नोटिस जारी किया गया था। मगर जांच न होने की वजह से आगरा में चल रहे नेटवर्क का खुलासा नहीं हो सका था। अब एसटीएफ इसे पूरे नेटवर्क की पड़ताल में जुट गई है। हिमांशु अग्रवाल से पूछताछ में कई लोगों के नाम के बारे में पता चला है। उनकी धरपकड़ के लिए टीमें लगी हैं। आयकर विभाग की टीम ने अपने स्तर पर पूछताछ की है।
एसटीएफ के निरीक्षक यतेंद्र शर्मा ने बताया कि रकम पकड़े जाने की जानकारी पर आयकर विभाग की टीम ने भी जांच की। इसमें पता चला कि पकड़े गए कारोबारी का नाम वर्ष 2022 में भी सामने आया था। गुजरात में हवाला एजेंट पकड़े गए थे। तब आगरा में रकम भेजी गई थी। एजेंटों के माध्यम से दवा कारोबारी को नोटिस जारी किया गया था। मगर जांच न होने की वजह से आगरा में चल रहे नेटवर्क का खुलासा नहीं हो सका था। अब एसटीएफ इसे पूरे नेटवर्क की पड़ताल में जुट गई है। हिमांशु अग्रवाल से पूछताछ में कई लोगों के नाम के बारे में पता चला है। उनकी धरपकड़ के लिए टीमें लगी हैं। आयकर विभाग की टीम ने अपने स्तर पर पूछताछ की है।
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नोटों की गिनती करती टीम
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
10 साल में अवैध कारोबार से खड़ा किया साम्राज्य
एसटीएफ की पूछताछ में पता चला है कि हिमांशु अग्रवाल ने फव्वारा बाजार में एक छोटी से दुकान से शुरुआत की थी। इसके बाद मोती कटरा में बड़ी दुकान और गोदाम बना लिया। सूत्रों से पता चला कि कमला नगर में आलीशान कोठी से लेकर जमीन भी खरीद ली।
एसटीएफ की पूछताछ में पता चला है कि हिमांशु अग्रवाल ने फव्वारा बाजार में एक छोटी से दुकान से शुरुआत की थी। इसके बाद मोती कटरा में बड़ी दुकान और गोदाम बना लिया। सूत्रों से पता चला कि कमला नगर में आलीशान कोठी से लेकर जमीन भी खरीद ली।