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प्रवासी मजदूर: बाइक से बनाया ‘जुगाड़’ और चल दिए गांव, प्याज-चटनी से रोटी खाकर पूरा कर रहे सफर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, आगरा
Published by: Abhishek Saxena
Updated Wed, 05 May 2021 01:15 PM IST
सार
झांसी के बुढैरा कलां निवासी चंद्रशेखर पत्नी उमा और बच्चों बबली व आशुतोष तथा मिझौना निवासी प्रदीप पत्नी सुजाता, बच्चे सुरीली, शिवम, विभव और विजय पत्नी के साथ लुधियाना में गोलगप्पे बेचते थे।
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पंजाब से झांसी के लिए निकले प्रवासी मजदूर
- फोटो : अमर उजाला
प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में संक्रमण बढ़ने से प्रवासी मजदूरों के लिए फिर मुश्किल हालात बन गए हैं। लॉकडाउन और अन्य प्रतिबंध से काम खत्म हो रहा है। ऐसे में प्रवासी कामगारों को घर लौटना पड़ रहा है। पिछले लॉकडाउन के अनुभव से आशंकाग्रस्त प्रवासी जैसे भी हो अपने गांव पहुंचना चाहते हैं। बाइक की जुगाड़ गाड़ी बनाकर पंजाब से झांसी जा रहे तीन मजदूर परिवारों ने क्षेत्र से गुजरने के दौरान मंगलवार को दर्द साझा किया।
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पंजाब से झांसी के लिए बाइक की जुगाड़ बनाकर निकले प्रवासी मजदूर
- फोटो : अमर उजाला
झांसी के बुढैरा कलां निवासी चंद्रशेखर पत्नी उमा और बच्चों बबली व आशुतोष तथा मिझौना निवासी प्रदीप पत्नी सुजाता, बच्चे सुरीली, शिवम, विभव और विजय पत्नी के साथ लुधियाना में गोलगप्पे बेचते थे। पंजाब में लगातार चल रहे लॉकडाउन के कारण उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई। कमरे के किराए में जमापूंजी भी चली गई। इसके बाद तीनों परिवारों ने बाइक की जुगाड़ गाड़ी से 860 किमी लंबा सफर शुरू किया।
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प्रवासी मजदूर चंद्रशेखर अपने परिवार के साथ
- फोटो : अमर उजाला
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण उनका परिवार चलाना मुश्किल हो गया था। प्याज, चटनी से रोटी खाकर किसी तरह अपना सफर पूरा कर रहे हैं। उन्होंने गांव में ही मजदूरी कर परिवार के भरण पोषण की बात कही। उन्होंने गांव में ही मेहनत मजदूरी करने की ठानी है।
बस की छत पर बैठे प्रवासी
- फोटो : अमर उजाला
दूसरे राज्यों से आगरा में प्रवासियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। एक माह के भीतर 80 हजार से ज्यादा प्रवासी आगरा पहुंचे हैं। सबसे ज्यादा पलायन महाराष्ट्र और दिल्ली से हुआ है। इसके बाद गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा में काम करने वाले लोग अपने घरों को लौटे हैं। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में महाराष्ट्र में सबसे पहले असर डाला। वहां आंशिक लॉकडाउन के शुरू होते ही प्रवासी कामगारों ने अपने घर लौटना शुरू कर दिया था। होली के बाद प्रवासियों की भीड़ ट्रेनों में बढ़ने लगी तो रेलवे ने मुंबई के विभिन्न स्टेशनों से स्पेशल ट्रेनों के फेरे शुरू कर दिए थे।
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आगरा कैंट रेलवे स्टेशन
- फोटो : अमर उजाला
रेलवे चला रहा 24 स्पेशल ट्रेनें
रेलवे प्रवासियों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए भी 24 ट्रेनों का संचालन कर चुका है। इन ट्रेनों में से 20 ट्रेनों का ठहराव आगरा में भी हुआ है। अभी तक 80 हजार से ज्यादा प्रवासी आगरा में उतर चुके हैं। दिल्ली में लॉकडाउन लगने के बाद 25 हजार से ज्यादा प्रवासी फरीदाबाद, दिल्ली, नोएडा से अपने गांवों को लौटे। दिल्ली में आगरा परिक्षेत्र से भी 200 से अधिक बसों से प्रवासी कामगारों को आगरा और आसपास के जिलों तक भेजा गया। इसके अलावा ट्रेनों से आगरा में उतरने वाले प्रवासियों को उनके गृह जिलों तक भिजवाने के लिए भी एक सौ से ज्यादा रोडवेज बसों का संचालन किया गया। अभी सिलसिला थमा नहीं है। अब कर्नाटक से भी बड़ी संख्या में प्रवासी लौट रहे हैं। कर्नाटक में दो दिन पहले लॉकडाउन लगाया गया है। इस तरह लगातार प्रवासी श्रमिक और अन्य स्थानों पर कंपनियों में कार्यरत लोग अपने घरों को लौट रहे हैं।
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रेलवे प्रवासियों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए भी 24 ट्रेनों का संचालन कर चुका है। इन ट्रेनों में से 20 ट्रेनों का ठहराव आगरा में भी हुआ है। अभी तक 80 हजार से ज्यादा प्रवासी आगरा में उतर चुके हैं। दिल्ली में लॉकडाउन लगने के बाद 25 हजार से ज्यादा प्रवासी फरीदाबाद, दिल्ली, नोएडा से अपने गांवों को लौटे। दिल्ली में आगरा परिक्षेत्र से भी 200 से अधिक बसों से प्रवासी कामगारों को आगरा और आसपास के जिलों तक भेजा गया। इसके अलावा ट्रेनों से आगरा में उतरने वाले प्रवासियों को उनके गृह जिलों तक भिजवाने के लिए भी एक सौ से ज्यादा रोडवेज बसों का संचालन किया गया। अभी सिलसिला थमा नहीं है। अब कर्नाटक से भी बड़ी संख्या में प्रवासी लौट रहे हैं। कर्नाटक में दो दिन पहले लॉकडाउन लगाया गया है। इस तरह लगातार प्रवासी श्रमिक और अन्य स्थानों पर कंपनियों में कार्यरत लोग अपने घरों को लौट रहे हैं।
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