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UP: हिंदू लड़कियां और फिर...धर्मांतरण गिरोह का सरगना अब्दुल का क्या था अगला टारगेट, पुलिस पूछताछ में खुला राज
अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Sat, 02 Aug 2025 09:32 AM IST
सार
अवैध धर्मांतरण गिरोह के सरगना अब्दुल रहमान के मंसूबे क्या थे, ये राज पुलिस पूछताछ में सामने आया है। भारत के बाद उसने म्यांमार और भूटान की सीमा पर भी सक्रियता बढ़ा दी थी।
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धर्मांतरण गिरोह
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
अवैध धर्मांतरण गिरोह का सरगना अब्दुल रहमान भारत ही नहीं विदेश में भी अपने गिरोह के सदस्यों के साथ सक्रियता बढ़ा रहा था। वह नेपाल के अलावा म्यांमार और भूटान की सीमा से लगे कई इलाकों में धर्मांतरण कराने की कोशिश में लगा था। रिमांड पर पुलिस की पूछताछ में यह बात सामने आई है। इस पर आगरा पुलिस के साथ ही खुफिया एजेंसियां भी पड़ताल में जुटी हुई हैं। उसकी काॅल डिटेल में आए नंबरों की जानकारी जुटाई जा रही है। यह देखा जा रहा है कि उसे फंडिंग करने वाले काैन लोग हैं। उधर चार आरोपियों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से सभी को जेल भेज दिया।

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धर्मांतरण गिरोह
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पुलिस ने मंगलवार को 6 आरोपियों को जेल भेजा था। 4 आरोपी गोवा की आयशा उर्फ एसबी कृष्णा, सराय ख्वाजा के रहमान कुरैशी, हसन अली उर्फ शेखर राय और मोहम्मद अली उर्फ पीयूष पंवार को रिमांड पर लिया था। 4 की रिमांड पूरी होने पर आरोपियों को जेल भेज दिया गया।
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धर्मांतरण गिरोह का पर्दाफाश
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पुलिस जुटा रही गिरोह के अन्य सदस्यों की जानकारी
पुलिस आयुक्त ने बताया कि अब्दुल रहमान से पूछताछ में कई जानकारी हाथ लगी हैं। उसकी व्हाट्सएप चैट, काॅल डिटेल एवं ट्रैवल हिस्ट्री देखी गई थी। इसमें पता चला कि अब्दुल रहमान धर्मांतरण के लिए नेपाल जाया करता था। वह सामूहिक धर्मांतरण की योजना बना रहा था। उसके गिरोह के सदस्य अलग-अलग देश में इसके लिए काम कर रहे थे। इसके लिए अब्दुल दिल्ली से सीतापुर, लखीमपुर होते हुए नेपाल गया था। वह नागालैंड, असम, पश्चिम बंगाल भी गया। इतना ही नहीं म्यांमार एवं भूटान की सीमा से लगे कई इलाकों में भी वह धर्मांतरण की योजना बना रहा था। पुलिस को उसके और सदस्यों के बारे में जानकारी मिली है। इनकी भी गिरफ्तारी की जा सकती है। शनिवार को अब्दुल रहमान को कोर्ट में पुलिस पेश कर सकती है।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि अब्दुल रहमान से पूछताछ में कई जानकारी हाथ लगी हैं। उसकी व्हाट्सएप चैट, काॅल डिटेल एवं ट्रैवल हिस्ट्री देखी गई थी। इसमें पता चला कि अब्दुल रहमान धर्मांतरण के लिए नेपाल जाया करता था। वह सामूहिक धर्मांतरण की योजना बना रहा था। उसके गिरोह के सदस्य अलग-अलग देश में इसके लिए काम कर रहे थे। इसके लिए अब्दुल दिल्ली से सीतापुर, लखीमपुर होते हुए नेपाल गया था। वह नागालैंड, असम, पश्चिम बंगाल भी गया। इतना ही नहीं म्यांमार एवं भूटान की सीमा से लगे कई इलाकों में भी वह धर्मांतरण की योजना बना रहा था। पुलिस को उसके और सदस्यों के बारे में जानकारी मिली है। इनकी भी गिरफ्तारी की जा सकती है। शनिवार को अब्दुल रहमान को कोर्ट में पुलिस पेश कर सकती है।

अवैध धर्मांतरण गिरोह
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
हवाला से होती थी गिरोह को फंडिंग
गिरोह के 14 सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को पता चला था कि फंडिंग विदेश से की जा रही थी। कुछ रकम खातों में भेजी जाती थी। बाकी रकम हवाला से आती थी। इसके बाद अब्दुल रहमान आयशा के माध्यम से गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचा देता था। इस बारे में पुलिस को साक्ष्य मिले हैं। हवाला के तार गुजरात के अलावा राजस्थान के टोंक एवं अलवर से जुड़े हैं। रिमांड पर लिए गए गिरोह के एक अन्य सदस्य रहमान कुरैशी भी क्रिप्टोकरेंसी और डालर में फलस्तीन के लिए रकम जुटाता था। पुलिस ने रहमान कुरैशी के खातों को भी खंगाला है।
गिरोह के 14 सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को पता चला था कि फंडिंग विदेश से की जा रही थी। कुछ रकम खातों में भेजी जाती थी। बाकी रकम हवाला से आती थी। इसके बाद अब्दुल रहमान आयशा के माध्यम से गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचा देता था। इस बारे में पुलिस को साक्ष्य मिले हैं। हवाला के तार गुजरात के अलावा राजस्थान के टोंक एवं अलवर से जुड़े हैं। रिमांड पर लिए गए गिरोह के एक अन्य सदस्य रहमान कुरैशी भी क्रिप्टोकरेंसी और डालर में फलस्तीन के लिए रकम जुटाता था। पुलिस ने रहमान कुरैशी के खातों को भी खंगाला है।
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धर्मांतरण गिरोह का सदस्य रहमान कुरैशी।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
धर्मांतरण के बाद गिरोह करता था निकाह
पुलिस की जांच में यह पूरी तरह से साफ हो गया है कि गिरोह के सदस्य युवतियों को जाल में फंसाने के बाद धर्म परिवर्तन के लिए तैयार करते थे। उन्हें धन का लालच दिया जाता था। युवतियों के तैयार होने पर उन्हें मास्टरमाइंड के पास भेजा जाता था। धर्मांतरण करा दिया जाता था। इसके बाद युवतियों को रहने और खाने की अलग से व्यवस्था होती थी। उनके विधिक कागजात तैयार कराए जाते थे। इसके बाद निकाह करा दिया जाता था। एक बार निकाह होने के बाद कोई युवती गिरोह के चंगुल से बाहर नहीं जा पाती थी। कुछ दिन बाद मदद बंद हो जाती थी। उन्हीं लोगों की मदद होती थी, जो गिरोह के लिए अलग से काम करते थे। युवतियों को धर्म बदलने के लिए तैयार करते थे।
पुलिस की जांच में यह पूरी तरह से साफ हो गया है कि गिरोह के सदस्य युवतियों को जाल में फंसाने के बाद धर्म परिवर्तन के लिए तैयार करते थे। उन्हें धन का लालच दिया जाता था। युवतियों के तैयार होने पर उन्हें मास्टरमाइंड के पास भेजा जाता था। धर्मांतरण करा दिया जाता था। इसके बाद युवतियों को रहने और खाने की अलग से व्यवस्था होती थी। उनके विधिक कागजात तैयार कराए जाते थे। इसके बाद निकाह करा दिया जाता था। एक बार निकाह होने के बाद कोई युवती गिरोह के चंगुल से बाहर नहीं जा पाती थी। कुछ दिन बाद मदद बंद हो जाती थी। उन्हीं लोगों की मदद होती थी, जो गिरोह के लिए अलग से काम करते थे। युवतियों को धर्म बदलने के लिए तैयार करते थे।