कोरोना की तीसरी लहर के बीच शुरू हो रहे माघ मेले में पहला स्नान 14 व 15 जनवरी को मकर संक्राति पर होगा। मेले में स्नान के लिए आने वाले स्नानार्थियों व श्रद्घालुओं के आने का सिलसिला बृहस्पतिवार से ही शुरु हो गया। माघ मेले में कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे है।
प्रयागराज संगम : माघ मेले में बढ़ा संक्रमण का खतरा, कुल एक्टिव मरीज हुए 69, जिले में 416 नए केस मिले
माघ मेला में संक्रमण रोकने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे है। उसके बाद भी संक्रमित मरीजों केमिलने का सिलसिला जारी है। इसमें कई लोग मेला ड्यूटी के लिए पहुंच थे। बुधवार को सबसे अधिक 38 संक्रमित मरीज मिले। गुरुवार को जिले में कुल 9330 लोगों की जांच की गई जिसमें 416 नए संक्रमित मिले। इसमें एसआरएन के दो जूनियर डाक्टर भी शामिल हैं।
19 2 पहुंचा कुल एक्टिव मरीजों का आंकड़ा
कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उसके बाद भी आम लोगों की लापरवाही कम नहीं हो रही है। जिसका परिणाम शहर में लगातार बढ़ रहे संक्रमित मरीजों की संख्या के रूप में है।
कोरोना की तीसरी लहर में बृहस्पतिवार को रिकार्ड 416 नए संक्रमित मिले। इसके साथ ही जिले में कुल संक्रमित मिले मरीजों की संख्या 1952 पहुंच गई। राहत की बात यह है कि कोरोना संक्रमित मिल रहे मरीजों में अधिक लक्षण वाले मरीजों की संख्या बेहद कम है। जिसके कारण अस्पताल में भर्ती कराने को लेकर स्थिति लगभग सामान्य बनी है।
कोरोना संक्रमण तीसरी लहर तेजी से फैल रही है, लेकिन दूसरी लहर की तरह भयानक स्थिति अभी तक नहीं बनी है। हालांकि माघ मेले की शुरुआत के बाद संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने की संभावना है। ऐसे में मेला क्षेत्र में अधिक सर्तकता बरतने की आवश्यकता है।
बृहस्पतिवार को कोरोना संक्रमितों की जांच के लिए कुल 9330 लोगों का सैंपल लिया गया। वहीं कोरोना को कुल 10 लोगों ने मात दी। इसमें 8 लोगों ने होम आइसोलेशन खत्म किया और 2 लोग अस्पताल से डिस्चार्ज हुए। कोरोना संक्रमित के मरीज शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से मिले। मेला क्षेत्र में भी कोरोना जांच का सिलसिला जारी है।
स्नान पर्व से पहले सघन चेकिंग, मास्क न लगाने पर चालान
माघ मेले के पहले स्नान पर्व मकर संक्रांति से एक दिन पहले सुरक्षा के मद्देनजर पूरे क्षेत्र की सघन चेकिंग कराई गई। एंटी सबाटोज टीम और बीडीडीएस के साथ एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड की टीम ने मेले के चप्पे-चप्पे की तलाशी ली।
स्नान पर्व सकुशल संपन्न कराने के लिए एक दिन पहले ही जवान ड्यूटी पर मुस्तैद कर दिए गए। इसमें पुलिस के साथ ही पीएसी और एटीएस के साथ ही जल पुलिस की टीमें शामिल हैं। एसपी मेला देर रात तक खुद मेला क्षेत्र में भ्रमण कर सुरक्षा संबंधी तैयरियों का जायजा लेते रहे। मेेले में लगभग पांच हजार सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।
अफसरों व जवानों को मिलाकर कुल तीन हजार पुलिसकर्मियों को मेला क्षेत्र में तैनात किया गया है। इसमें एडिशनल एसपी से लेकर सिपाही तक के पुलिसकर्मी शामिल हैं। मेला क्षेत्र स्थित रिजर्व पुलिस लाइन के मानसरोवर सभागार में शाम को पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए।
इसके बाद मेला एसपी के नेतृत्व में एटीएस व अन्य टीम ने संगम नोज पहुंचकर सुरक्षा संबंधी तैयारियों को देखा। साथ ही एक-एक प्वाइंट को चेक भी किया। मेला एसपी राजीव नारायण मिश्रा ने बताया कि सभी जवानों को उनके ड्यूटी प्वाइंट बता दिए गए हैं, साथ ही एक दिन पहले से ही उनकी ड्यूटी भी लगा दी गई है।
कोविड गाइडलाइन के उल्लंघन पर चालान
इस बार माघ मेले में कोविड गाइडलाइन का पालन कराना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है। इसी के तहत बृहस्पतिवार को मास्क न लगाने वालों का चालान किया गया। एसपी मेला ने बताया कि लगभग सभी पुलिसकर्मियों का कोविड टेस्ट करा लिया गया है।
इसके अलावा नाव संचालकों का भी कोविड टेस्ट कराया गया। मेला क्षेत्र के 16 प्रवेश द्वारों व पार्किंग स्थलों पर थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था की गई है। जिनमें भी लक्षण दिखेेंगे, उन्हें आइसोलेट कराया जाएगा।
मेला क्षेत्र में तैनाती
दो एडिशनल एसपी, आठ डिप्टी एसपी, 15 इंस्पेक्टर, 200 एसआई, 250 हेड कांस्टेबल, 1400 कांस्टेबल, 1150 होमगार्ड, 400 पीआरडी जवान, 10 कंपनी पीएसी, एसडीआरएफ, एटीएस
चार दिनों में 8226 ने ली कोरोना की प्रीकॉशन डोज
कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के बीच कोरोना टीका की दोनों डोज लेने वालों के लिए बूस्टर यानी प्रीकॉशन डोज की व्यवस्था की गई। 10 जनवरी से जिले में प्रीकॉशन डोज देने के लिए टीकाकरण केंद्रों पर लोगों केआने का सिलसिला शुरू हुआ। सिर्फ 4 दिनों में प्रीकॉशन डोज लेने वालों की संख्या 8 हजार से अधिक पहुंच गई।
फंट लाइन वर्कर, हेल्थ वर्कर और 60 साल से अधिक उम्र वालों को कोरोना की तीसरी लहर से सुरक्षित रखने के लिए प्रीकॉशन डोज की व्यवस्था की गई है। इसमें उन्हीं लोगों को प्रीकॉशन डोज दिया जाना है, जिन्होंने कोरोना टीकाकरण की दूसरी डोज लिए 9 महीने बिता लिए थे। ऐसे में दूसरी डोज लेकर 9 माह का समय बिताने वालों की संख्या काफी कम है। उसके बाद भी प्रीकॉशन डोज लेने वालों का आंकड़ा बेहतर है।
10 जनवरी से शुरु हुए टीकाकरण में पहले दिन 1306 लोगों ने प्रीकॉशन डोज लिया। इसके बाद 11 जनवरी से आंकड़ा बढ़ने लगा। जो चार दिनों में बढ़कर 8,226 तक पहुंच गया। कोरोना टीकाकरण के नोडल अधिकारी डॉ. तीरथ लाल के मुताबिक प्रीकॉशन डोज को लेकर लोगों में अधिक जागरूकता है। जो कोरोना से संक्रमण से बचाव में कारगर होगा।