हाथरस और बलरामपुर प्रकरण से नाराज सपा कार्यकर्ताओं ने शनिवार को सर्किट हाउस में भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री सांसद विनोद सोनकर का घेराव किया। सांसद के सम्मान समारोह के दौरान पहुंचे सपाइयों का भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध किया। इस दौरान उनके बीच जमकर हाथापाई तथा धक्कामुक्की हुई। इसमें कई सपा कार्यकर्ताओं को चोट भी पहुंची है। मौके पर पहुंची पुलिस ने बल प्रयोग कर सपा कार्यकर्ताओं को हटाया। नेहा यादव, निर्मला यादव समेत 12 कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। कोविड-19 की जांच तथा चिकित्सीय परीक्षण के बाद देर रात उन्हें जेल भेज दिया गया।
भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री विनोद सोनकर के कार्यक्रम में सपा कार्यकर्ताओं का हंगामा-हाथापाई, 12 सपाई जेल भेजे गए
भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री के सर्किट हाउस में होने की सूचना पर लगभग तीन बजे कई सपा कार्यकर्ता वहां पहुंच गए। पुलिस तथा भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें सर्किट हाउस गेट पर रोकने की कोशिश की, लेकिन सपाई नहीं माने और सभागार के गेट तक पहुंच गए। सभागार में भाजपा नेता को सम्मानित किया जा रहा था। सपा कार्यकर्ताओं का कहना था कि प्रदेश में सांसद के ही समाज की बालिकाओं के साथ अन्याय हो रहा है और वह स्वागत करवा रहे हैं। यह शर्मनाक है। सपा कार्यकर्ता मुख्यमंत्री के इस्तीफे की भी मांग कर रहे थे।
सपा कार्यकर्ताओं के एकत्र होने पर भाजपाई भी बाहर आ गए और धक्कामुक्की शुरू हो गई। इसमें कई सपा कार्यकर्ता नीचे गिर गए। इसके बाद पुलिस ने भी बल प्रयोग किया। इसमें कई कार्यकर्ताओं को चोट पहुंची। इसके बाद भी सपा कार्यकर्ता पीछे हटने के लिए तैयार नहीं थे। इसके बाद पुलिस 12 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर थाने ले गई। देर शाम सभी की कोविड जांच कराई गई। काल्विन अस्पताल में उनका चिकित्सीय परीक्षण कराया गया। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। इस दौरान थाने पर बड़ी संख्या में सपा नेता तथा कार्यकर्ता कैंट थाने पर मौजूद रहे।
इन्हें भेजा गया जेल
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की छात्रा नेहा यादव, राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य निर्मला यादव, शिव यादव, कमलेश केशरवानी, हिमांशु यादव, अमन पांडेय, हिमांशु मिश्रा, सुशील, मोनू यादव, मोहित यादव, अजय भारतीय, राहुल पटेल को जेल भेजा गया।
गिरफ्तारी की निंदा
सपा नेताओं ने कार्यकर्ताओं को जेल भेजे जाने की निंदा की है। जिलाध्यक्ष योगेश चंद्र यादव, महानगर अध्यक्ष सैयद इफ्तेख़ार हुसैन, जिला प्रवक्ता दान बहादुर मधुर कहना है कि भाजपा तानाशाही के बल पर विपक्षी दलों की आवाज को दबाना चाहती है, लेकिन सपा के लोग संघर्ष में पीछे हटने वाले नहीं हैं।