Ganga Expressway News: गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का चौथा एक्सप्रेसवे है। यह देश का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे है, जिसकी हवाई पट्टी पर वायुसेना के लड़ाकू विमान रात में भी उतर सकेंगे। आपात लैंडिंग के लिए शुक्रवार की रात वायुसेना अभ्यास करेगी। 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी पर राफेल, जगुआर, मिराज जैसे लड़ाकू विमानों की लैंडिंग होगी। नाइट लैंडिंग के दौरान कटरा-जलालाबाद हाईवे तीन घंटे तक पूरी तरह से बंद रहेगा। इस दौरान वैकल्पिक मार्गों से वाहन गुजारे जाएंगे। सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस के साथ एटीएस कमांडो भी तैनात रहेंगे। हवाई पट्टी के पांच किमी क्षेत्र में आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था में चार एडिशनल एसपी, 14 सीओ, 30 इंस्पेक्टर, छह सौ से ज्यादा सिपाही, 360 होमगार्ड, सात कंपनी पीएसी के साथ ही एटीएस कमांडो मुस्तैद किए गए हैं। पूरा क्षेत्र नो फ्लाइंग जोन घोषित किया गया है। इसके मद्देनजर एंटी ड्रोन सिस्टम भी रहेगा।
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Ganga Expressway: देश का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे, जिस पर रात में भी उतर सकेंगे लड़ाकू विमान; जानिए क्या है खास
संवाद न्यूज एजेंसी, शाहजहांपुर
Published by: मुकेश कुमार
Updated Fri, 02 May 2025 02:55 PM IST
सार
Ganga Expressway Latest Update: शाहजहांपुर के जलालाबाद में गंगा एक्सप्रेसवे पर बनाई गई हवाई पट्टी बेहद खास है। इस पर रात में भी वायुसेना के विमान लैंडिंग कर सकेंगे। आपात लैंडिंग के लिए शुक्रवार रात वायुसेना अभ्यास करेगी।
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गंगा एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी
- फोटो : अमर उजाला
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हवाई पट्टी पर सीएम योगी
- फोटो : अमर उजाला
गंगा एक्सप्रेसवे हवाई पट्टी पर दो व तीन मई को आधुनिक सुविधाओं से लैस विभिन्न तरह के लड़ाकू विमानों की चरणबद्ध तरीके से लैंडिंग कराई जानी है। इसको लेकर पिछले 15 दिनों से प्रशासनिक व वायु सेना के अधिकारियों की देखरेख में युद्धस्तर पर तैयारियां चल रहीं थीं। 27 अप्रैल को मुख्यमंत्री ने भी यहां पहुंचकर इससे जुड़ी तैयारियों का जायजा लिया था।
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गंगा एक्सप्रेसवे पर बनी हवाई पट्टी
- फोटो : अमर उजाला
एसडीएम दुर्गेश यादव ने बताया कि हवाई पट्टी व उसके आसपास सेना के अधिकारियों के मुताबिक व्यवस्थाएं की गई हैं। सुरक्षा के दृष्टिकोण से हवाई पट्टी के दोनों किनारों पर करीब 250 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इस दौरान कोई भी जानवर हवाई पट्टी के करीब नहीं आने दिया जाएगा।
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हवाई पट्टी पर वायुसेना द्वारा लगाए गए लैंडिंग संबंधी उपकरण।
- फोटो : संवाद
अभ्यास में भाग लेने वाले प्रमुख फाइटर जेट्स
1.राफेल : आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और लंबी दूरी की मेटेओर मिसाइल से लैस, यह विमान सभी मौसम में ऑपरेशन कीक्षमता रखता है।
2.एसयू-30 एमकेआई : भारत-रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित यह ट्विन-सीटर फाइटर लंबी दूरी तक स्ट्राइक करने में सक्षम है और ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें लेकर उड़ान भर सकता है।
3. मिराज-2000: फ्रेंच मूल का यह विमान हाई-स्पीड डीप स्ट्राइक में दक्ष है और न्यूक्लियर कैपेबल है।
4. मिग-29: यह तेज गति, ऊंची उड़ान और राडार चकमा देने की क्षमता वाला लड़ाकू विमान है।
5. जगुआर: यह ग्राउंड अटैक और एंटी-शिप मिशन में प्रयोग होने वाला सटीक स्ट्राइक विमान है।
6. सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस: यह भारी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट विशेष बलों की तैनाती, आपदा राहत और रेस्क्यू मिशन में प्रमुख भूमिका निभाता है।
7. एएन-32: ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सामान और जवानों की ढुलाई के लिए उपयुक्त ट्रांसपोर्ट विमान।
8. एमआई-17 वी 5 हेलिकॉप्टर : सर्च एंड रेस्क्यू, मेडिकल एवेकुएशन और मानव सहायता कार्यों के लिए जरूरी बहुउद्देशीय हेलिकॉप्टर।
1.राफेल : आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और लंबी दूरी की मेटेओर मिसाइल से लैस, यह विमान सभी मौसम में ऑपरेशन कीक्षमता रखता है।
2.एसयू-30 एमकेआई : भारत-रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित यह ट्विन-सीटर फाइटर लंबी दूरी तक स्ट्राइक करने में सक्षम है और ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें लेकर उड़ान भर सकता है।
3. मिराज-2000: फ्रेंच मूल का यह विमान हाई-स्पीड डीप स्ट्राइक में दक्ष है और न्यूक्लियर कैपेबल है।
4. मिग-29: यह तेज गति, ऊंची उड़ान और राडार चकमा देने की क्षमता वाला लड़ाकू विमान है।
5. जगुआर: यह ग्राउंड अटैक और एंटी-शिप मिशन में प्रयोग होने वाला सटीक स्ट्राइक विमान है।
6. सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस: यह भारी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट विशेष बलों की तैनाती, आपदा राहत और रेस्क्यू मिशन में प्रमुख भूमिका निभाता है।
7. एएन-32: ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सामान और जवानों की ढुलाई के लिए उपयुक्त ट्रांसपोर्ट विमान।
8. एमआई-17 वी 5 हेलिकॉप्टर : सर्च एंड रेस्क्यू, मेडिकल एवेकुएशन और मानव सहायता कार्यों के लिए जरूरी बहुउद्देशीय हेलिकॉप्टर।
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हवाई पट्टी के किनारे लगाई गई लाइट
- फोटो : अमर उजाला
सिर्फ यहां की हवाई पट्टी पर नाइट लैंडिंग की क्षमता
चीन की सीमा नजदीक होने के कारण शाहजहांपुर का विशेष सामरिक महत्व है। गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का चौथा एक्सप्रेसवे है, जहां पर एयर स्ट्रिप की सुविधा मिलने जा रही है। इससे पूर्व आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर उन्नाव जिले में एक एयर स्ट्रिप बनाई गई है, जबकि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर सुल्तानपुर जिले में भी एक एयर स्ट्रिप है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में इटावा जिले के पास एक एयर स्ट्रिप है, जो युद्ध और आपातस्थिति में भारतीय वायुसेना को वैकल्पिक रनवे की सुविधा उपलब्ध कराती है।
चीन की सीमा नजदीक होने के कारण शाहजहांपुर का विशेष सामरिक महत्व है। गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का चौथा एक्सप्रेसवे है, जहां पर एयर स्ट्रिप की सुविधा मिलने जा रही है। इससे पूर्व आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर उन्नाव जिले में एक एयर स्ट्रिप बनाई गई है, जबकि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर सुल्तानपुर जिले में भी एक एयर स्ट्रिप है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में इटावा जिले के पास एक एयर स्ट्रिप है, जो युद्ध और आपातस्थिति में भारतीय वायुसेना को वैकल्पिक रनवे की सुविधा उपलब्ध कराती है।
