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यूक्रेन में फंसी लाडलों की जान: रातभर टीवी स्क्रीन पर नजरें लगाए रहे पिता, बेटे ने कहा- सबकुछ बंद है, खाने का सामान भी थोड़ा सा बचा और...

अमर उजाला ब्यूरो, मेरठ Published by: कपिल kapil Updated Sat, 26 Feb 2022 03:07 PM IST
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Russia Ukraine War: Priyanshu Prabhakar of Meerut told his father Vinod Prabhakar that now food items have also run out
यूक्रेन में फंसे मेरठ के छात्र। - फोटो : amar ujala

डॉक्टर बनने का ख्वाब लिए यूक्रेन पहुंचे मेरठ के कई बच्चे वहां फंस गए हैं। कई बच्चों के आसपास के इलाकों में धमाकों की आवाज आ रही है तो कईयों के पास खाने-पीने का सामान बहुत कम बचा है। मेरठ में परिजन सरकार से बच्चों को सही सलामत वापस लाने की मांग कर रहे हैं। वह दिन-रात प्रार्थना कर रहे हैं कि उनके बच्चे सुरक्षित लौट आएं। 

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मेरठ में मलियाना निवासी प्रियांशु प्रभाकर के पिता विनोद प्रभाकर ने रात जागकर काटी। वह टीवी स्क्रीन पर नजरें लगाए हैं। प्रियांशु ने फोन पर बताया कि शहर में सबकुछ बंद है। खाने-पीने का जो थोड़ा-बहुत सामान बचा है उसी से काम चला रहे हैं। अपार्टमेंट में बंद हैं चारों ओर से धमाकों की आवाजें आ रहीं हैं।

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Russia Ukraine War: Priyanshu Prabhakar of Meerut told his father Vinod Prabhakar that now food items have also run out
यूक्रेन में हो रहे धमाके। - फोटो : amar ujala

यूरेशिया एजुकेशन के सीईओ डॉ. मशरूर ने रोमानिया के लिए बस से निकालने का आश्वासन दिया है। गोकलपुर निवासी अरहान भी यूक्रेन की राजधानी कीव में फंसे हुए हैं और बेसमेंट में बने बंकर में टाइम गुजार रहे हैं। उन्होंने भी अपनी वीडियो और फोटो शेयर किए हैं। रोहटा थाना क्षेत्र के मिर्जापुर निवासी इजहार त्यागी यूक्रेन की नीव में फंसे हैं। पिता इदरीस त्यागी ने बताया कि इजहार को हंगरी के लिए बॉर्डर से निकालने की तैयारी है।

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यूक्रेन के हालात। - फोटो : amar ujala

आज बस में हंगरी निकलेंगी तमन्ना
खरखौदा के पांची गांव निवासी तमन्ना त्यागी के पिता अतुल त्यागी लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। बेटी ने कहा लगातार डर लग रहा है, हमलों की आवाजें कानों में गूंज रहीं हैं। आज इवानो शहर से बसों से हंगरी के लिए निकलने की तैयारी है। सौ बसें लगाई गई हैं, जो करीब एक हजार छात्रों को बॉर्डर से हंगरी पहुंचाएंगी। परतापुर काशी गांव निवासी अतहर बैग की भांजी अफ्शा खान से लगातार संपर्क में हैं।

Russia Ukraine War: Priyanshu Prabhakar of Meerut told his father Vinod Prabhakar that now food items have also run out
यूक्रेन के हालात। - फोटो : amar ujala

बस किसी तरह हंगरी और रोमानिया पहुंच जाएं बच्चे 
इवानो व कीव से छात्रों को बसों द्वारा दूसरे देशों में पहुंचाने का प्लान है। जिसमें बसों से हंगरी और रोमानिया में पहुंचाने की तैयारी है। लेकिन बसों से दूसरे देश में पहुंचाने को लेकर परिजन बेचैन है। तमन्ना के मां रीना त्यागी ने बताया बसों से दूसरे स्थानों पर ले जाना बड़े जोखिम भरा लग रहा है। वहीं स्नेहाशीष के पिता संतु ने बताया बच्चों को बसों द्वारा दूसरे देश ले जाने में डर लग रहा है।

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यूक्रेन के हालात। - फोटो : amar ujala

दोस्त के साथ पोलैंड निकले विधु यादव
रुस और यूक्रेन के बीच रहे युद्ध ने यूक्रेन में रह रहे भारतीय नागरिकों और छात्रों को ही नहीं बल्कि उनके परिजनों के भी होश उड़ा रखे हैं। अभी तक सुरक्षित माने जा रहे शहरों के बाशिंदों ने भी सुरक्षित जगह की तरफ कूच करना शुरू कर दिया है। यूक्रेन के प्रमुख शहर विन्नित्सा की नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस कर रहे रोहटा रोड निवासी विधु यादव ने अमर उजाला से बातचीत में बताया कि विन्नित्सा शहर में भी अब लगातार सायरन बजाया जा रहा है। इसके चलते यहां रहकर पढ़ाई कर रहे छात्रों ने सीमावर्ती देश पोलैंड और हंगरी आदि के लिए कूच करना शुरू कर दिया है। 

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