इस विधानसभा चुनाव में रालोद के साथ गठबंधन कर लड़ रही समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन सबसे शानदार रहा। इससे पहले सबसे ज्यादा तीन सीटें ही एक बार में जीती थीं, जबकि 2017 में तो सिर्फ एक ही सीट जीत पाई थी, छह सीटें भाजपा ने कब्जाई थीं। इस बार सपा ने तगड़ा पलटवार किया। चार सीटें जीती हैं, जो करीब 58 प्रतिशत है। इससे पहले यह प्रतिशत 43 से ज्यादा नहीं रहा था। मेरठ में इस प्रदर्शन के बावजूद प्रदेश में सरकार न बनने का मलाल सपा नेताओं को रह गया, जो अब पांच साल सालता रहेगा।
चार अक्तूबर 1992 को गठन के बाद से ही सपा मेरठ की सभी सीटों पर चुनाव लड़ती रही है। पार्टी को सबसे ज्यादा सफलता यहां किठौर सीट पर मिली है। इससे पहले यहां 2002, 2007 और 2012 के तीन विधानसभा चुनाव सपा के शाहिद मंजूर ने जीते हैं।
चार अक्तूबर 1992 को गठन के बाद से ही सपा मेरठ की सभी सीटों पर चुनाव लड़ती रही है। पार्टी को सबसे ज्यादा सफलता यहां किठौर सीट पर मिली है। इससे पहले यहां 2002, 2007 और 2012 के तीन विधानसभा चुनाव सपा के शाहिद मंजूर ने जीते हैं।