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Mulayam Singh Death: 1987 में क्रांति रथ लेकर सहारनपुर आए थे सियासी दंगल के सिरमौर मुलायम सिंह यादव

अमर उजाला ब्यूरो, सहारनपुर Published by: Dimple Sirohi Updated Mon, 10 Oct 2022 01:28 PM IST
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Mulayam Singh Death: Mulayam Singh Yadav came to Saharanpur with a revolution chariot in 1987
सपा के स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुलायम सिंह यादव के साथ मंच पर मौजूद चौधरी रामशरण दास - फोटो : अमर उजाला

10 अक्तूबर को सपा के संस्थापक एवं पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन सूचना से जनपद में उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड गई। उनका जनपद से गहरा नाता रहा है। उन्होंने जनपद में कई बार राजनीतिक एवं निजी कार्यक्रमों में शिरकत की। उनका जनपद के कई नेताओं से राजनीतिक एवं आत्मीय लगाव रहा।



सोमवार की सुबह सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन की खबर से सपा कार्यकर्ताओं से लेकर उनके चाहने वाले शोकाकुल हो गए। जनपद के कई नेताओं से उनका करीबी रिश्ता रहा। इनमें सपा के आजीवन प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री चौधरी रामशरण दास उनके दाहिने हाथ रहे।

वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री काजी रशीद मसूद, पूर्व मंत्री एवं सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे चौधरी यशपाल सिंह, पूर्व मंत्री जगदीश राणा, पूर्व मंत्री राजेंद्र राणा, पूर्व मंत्री संजय गर्ग, पूर्व सांसद बाबू मुल्कीराज सैनी, चौधरी बख्तावर सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष जगपाल दास एवं चौधरी रुद्रसेन, पूर्व विधायक इमरान मसूद, सरफराज खान, फैसल सलमानी, ब्रिजेश शर्मा, सहित से भी उनके आत्मीय संबंध रहे। उन्होंने जनपद में कई विधानसभा और लोकसभा चुनाव में सपा के प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभाएं की। जनपद में उनकी अंतिम जनसभा फरवरी 2014 में राजकीय मेडिकल कॉलेज में हुई थी।

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क्रांति रथ यात्रा - फोटो : अमर उजाला
1987 में क्रांति रथ लेकर आए
जनपद में सपा संस्थापक वर्ष 1987 में क्रांति रथ लेकर आए थे। जब उनके साथ अमेठी के राजा संजय सिंह, रामशरण दास, वीके जैन आदि भी साथ थे। जनपद में नानौता, गंगोह, नकुड और सरसावा के डीसी जैन इंटर कालेज में जनसभा की थी।
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सपा के स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुलायम सिंह यादव के साथ मंच पर मौजूद चौधरी रामशरण दास - फोटो : अमर उजाला

ग्राम सांपला स्थित इंटर कालेज मैदान में हुई जनसभा में मुख्य भूमिका अदा करने वाले बसंत कुमार बताते हैं कि मुलायम सिंह यादव ने किसानों, मजदूरों, पिछडों और वंचित समाज के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया था। यहां से क्रांति रथ सहारनपुर पहुंचा था और रात को जनमंच में सभा हुई थी। रात को देहरादून चौक स्थित लोक निर्माण विभाग के अतिथिगृह में रुकने के बाद अगले दिन उन्होंने गागलहेडी इंटर कालेज में भी सभा की और ग्राम तिवाया भी पहुंचे। इसके बाद क्रांति रथ देवबंद पहुंचा था।

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मंच पर चौधरी यशपाल सिंह से बातचीत करते मुलायम सिंह यादव। - फोटो : अमर उजाला

सहारनपुर में छपे थे सपा के स्थापना दिवस के लिए पोस्टर
सपा का स्थापना दिवस कार्यक्रम लखनऊ में हुआ था, लेकिन इसके लिए पोस्टर सहारनपुर की इलेक्ट्रिक प्रेस में छपे थे। सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष जगपाल दास याद करते हैं कि स्थापना दिवस से एक सप्ताह पहले मुलायम सिंह यादव ने फोन करके कार्यक्रम से दो दिन पहले पोस्टर लखनऊ भिजवाने के लिए कहा था। लेकिन वे स्वयं ही जीप चलाकर पोस्टर पहुंचाने तय दिन से पहले ही पहुंच गए थे। जिस पर मुलायम सिंह उनकी पीठ थपथपाई थी।

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गांव साल्हापुर में मुलायम सिंह यादव व उनके साथ चौधरी कंवरपाल सिंह राठी। - फोटो : अमर उजाला
रामशरण दास के गांव चार बार आए
सपा के आजीवन प्रदेश अध्यक्ष रहे चौधरी रामशरण दास से राजनीतिक से लेकर निजी तौर पर बेहद आत्मीयता रही। वे उनके गांव में शादियों से लेकर उनकी शोक सभा तक में पहुंचे। पहली बार में 1986 में उनके बेटे जगपाल दास के मंढे में आए थे। दो बार उनकी पौत्रियों की शादी में और अंतिम बार रामशरण दास की शोकसभा में 11 नवंबर 2008 को शामिल हुए थे।
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