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Deoband: जमीयत उलमा-ए-हिंद के अधिवेशन का पहला दिन, पढ़िए उलमा ने किन-किन मुद्दों पर जताई चिंता

अमर उजाला ब्यूरो, सहारनपुर Published by: कपिल kapil Updated Sat, 28 May 2022 09:22 PM IST
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Deoband: First day of the session of Jamiat Ulama-e-Hind, read on which issues Ulama expressed concern
जमीयत उलमा-ए-हिंद का अधिवेशन - फोटो : amar ujala
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जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि देश के मुस्लिमों, मध्यकालीन भारत के मुस्लिम शासकों और इस्लामी सभ्यता व संस्कृति के खिलाफ भद्दे व निराधार आरोपों को जोरों से फैलाया जा रहा है। सत्ता में बैठे लोग उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के बजाए उन्हें आजाद छोड़कर और पक्ष लेकर उनके हौसले बढ़ा रहे हैं। एकता और अखंडता की बात करने वाले वर्ग विशेष को परेशान किया जा रहा हैं। 

उन्होंने सरकार व आरएसएस पर हमला बोलते हुए कहा कि सभी लोग राष्ट्र निर्माण और राष्ट्र को मजबूत करने की बात करते हैं, लेकिन नफरत के मुद्दे पर खामोश रहते हैं। 
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जमीयत उलमा-ए-हिंद का अधिवेशन - फोटो : amar ujala
जमीयत उलमा-ए-हिद की राष्ट्रीय प्रबंधक कमेटी का दो दिवसीय अधिवेशन शनिवार सुबह देवबंद की ईदगाह में शुरू हुआ। अपने अध्यक्षीय संबोधन में पूर्व राज्यसभा सदस्य मौलाना महमूद मदनी ने मुस्लिमों को देश का सबसे कमजोर तबका बताया और कहा कि इसका यह मतलब नहीं, हम हर बात को सिर झुकाकर मानते जाएंगे। मदनी ने सरकार को उसके कर्तव्यों की याद दिलाई और नफरत को प्यार और मोहब्बत से हराने पर जोर दिया। 
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जमीयत उलमा-ए-हिंद का अधिवेशन - फोटो : amar ujala
उन्होंने कहा कि नफरत का बाजार सजाने वाले लोग देश के दुश्मन हैं। आग से आग नहीं बुझाई जाती, नफरत का जवाब कभी नफरत नहीं हो सकता। हम नफरत का जवाब नफरत से दे सकते हैं, लेकिन देश का मुसलमान कभी ऐसा नहीं करेगा। हमें सबसे ज्यादा प्यार इस देश की शांति से है। इससे पहले अधिवेशन में जमीयत उलमा-ए-हिंद के दो दिवसीय राष्ट्रीय प्रबंधक कमेटी के अधिवेशन में मुल्क भर से आए प्रमुख उलमा ने देश के वर्तमान हालात पर चिंता जताई। 
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जमीयत उलमा-ए-हिंद का अधिवेशन - फोटो : amar ujala
साजिश के तहत बनाया जा रहा देशवासियों को बांटने का माहौल: नोमानी
अधिवेशन में दीनी तालीम के प्रमुख केंद्र दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि यह देश एक गुलदस्ते की तरह है। जिसमें हर धर्म के मानने वाले और विभिन्न संस्कृति के लोग एक साथ प्यार और मोहब्बत के साथ रहते हैं।  बेहद अफसोस की बात है कि मुल्क में साजिश के तहत कुछ इस तरह का माहौल बनाया जा रहा है कि देशवासियों को आपस में बांटा जा सके। इस तरह की साजिशें मुल्क की तरक्की के लिए नुकसानदायक हैं। उन्होंने जमीयत प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वह देश की एकता, शांति, मुस्लिमों के उत्थान और आपसी भाईचारे को लेकर जितने भी प्रस्ताव आएं। उन पर गंभीरता के साथ काम करने की शपथ लें। 
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जमीयत उलमा-ए-हिंद का अधिवेशन - फोटो : amar ujala
धर्म संसद की जगह सद्भावना संसद करेगी जमीयत 
अधिवेशन में पिछले दिनों हरिद्वार और दिल्ली सहित अन्य राज्यों में हुई धर्म संसद को लेकर भी चर्चा हुई, साथ ही यह एलान किया गया कि धर्म संसद के स्थान पर जमीयत उलमा-ए-हिंद जगह-जगह  सद्भावना संसद करेगी।
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