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मंडुवाडीह स्टेशन की इस खासियत को जानते हैं आप, आलिया-रणवीर से लेकर आयुष्मान खुराना तक हैं दीवाने
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: स्वाधीन तिवारी
Updated Wed, 19 Aug 2020 02:06 AM IST
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रणवीर कपूर और आलिया भट्ट
- फोटो : file photo
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वाराणसी के मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलने को लेकर गृह मंत्रालय की ओर से आदेश जारी कर दिया है। इसके बाद से ही समर्थन और विरोध के स्वर उठने लगे हैं। इन सबके बीच जो एक महत्वपूर्ण है वह है इस स्टेशन की खूबसूरती जो कि हर आम से लेकर खास तक को लुभाती है। फिर चाहे वो फिल्मी सितारे हों या भोजपुरी के।
मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन बेहद खूबसूरत स्टेशन है और शाम के समय का यहां का नजारा देखने लायक होता है। तभी तो वाराणसी में किसी फिल्म की शूटिंग हो और वह स्टेशन या इसके एरिया में न हो ऐसा होना नामुमकिन सा होता है। बॉलीवुड के फेमस कपल रणबीर कपूर और आलिया भट्ट भी फिल्म ब्रह्मास्त्र की शूटिंग के लिए यहां आ चुके हैं।
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आयुष्मान खुराना
- फोटो : अमर उजाला
इसके पूर्व अभिनेता आयुष्मान खुराना की फ़िल्म "शुभ मंगल ज्यादा सावधान" पखवारे भर तक मंडुवाडीह स्टेशन पर शूट हुई थी। इसके पूर्व भी कई फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। स्टेशन के सेकेंड एंट्री गेट का सर्कुलेटिंग एरिया इतना बड़ा है कि युवा आए दिन अपनी डॉक्यूमेंट्री यहीं शूट करते हैं।
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : amar ujala
गूंजने लगे विरोध के स्वर
मंडुवाडीह स्टेशन का नाम बनारस बदलने पर विरोध भी शुरू हो गया है। जदयू के नेता और अन्य समाजसेवियों को नाम बदलने पर आपत्ति है। कुछ लोगों ने आपत्ति को लेकर गृह मंत्रालय को पत्र भी लिखने का मन बना लिया है। कबीरचौरा के रहने वाले रविंद्र सहाय कैलाशी ने बताया कि महान संत कबीर का उद्भव काशी के लहरतारा (मंडुवाडीह स्टेशन के पास) हुआ था।
विश्व व भारत में संत कबीर के करोड़ों अनुयायी व भक्त हैं और आम जनता संत कबीर से बेहद प्यार करती हैं। कबीर के सम्मान में 2016 से देश के आठ राज्यों में एक हस्ताक्षर अभियान चलाया गया था। जिसे 2018 में प्रधानमंत्री व रेलमंत्री को मंडुवाडीह स्टेशन का नाम कबीरधाम मंडुवाडीह स्टेशन के नाम से जाना जाए, इसका पत्रक भेजा गया था।
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मंडुवाडीह स्टेशन
ककरमत्ता निवासी दिलीप सोनकर के अनुसार काशी में एक कहावत चरितार्थ हुई गुड़ खाए गुलगुला से परहेज। एक महान संत मांडव ऋषि के नाम को ही खत्म कर दिया गया। यह कहीं से उचित नहीं है। युवा जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व पार्षद विकास चंद्र तिवारी ने नामकरण को अनुचित निर्णय करार दिया। कहा कि सबकी सहमति एवं आपत्ति प्राप्त करने के बाद इस तरह के निर्णय होना चाहिए था।
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