नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने वाराणसी में गुरुवार की सुबह पौराणिक नदी असि के पुनर्जीवन के लिए फावड़ा चलाया। मंत्री ने खुद फावड़ा चलाकर संदेश दिया कि काशीवासियों की आस्था से जुड़ी असि को मूल रूप में वापस लाने के लिए सरकार मदद करेगी।
उन्होंने नदी के तट पर हरित पट्टी के विकास के लिए नीम का पौधा रोपा। कहा कि पुराणों-शास्त्रों में नदी के रूप में असि का उल्लेख मिलता है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र की इस नदी को जन सहयोग के बल पर पुनर्जीवित किया जाएगा।
उन्होंने असि नदी मुक्ति अभियान, यमुना मिशन, साझा संस्कृति मंच, जागृति फाउंडेशन के अलावा नदी के पुनरुद्धार अभियान से जुड़े सामाजिक संगठनों और नागरिकों के प्रयास को सराहा। मंत्री ने अभियान से जुड़े लोगों को भरोसा दिलाया कि वह बीच-बीच में असि पर श्रमदान के लिए काशी आते रहेंगे।
तीन वर्ष पहले अस्सी घाट पर फावड़ा चलाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी से ही स्वच्छ भारत मिशन का श्रीगणेश किया था। रवींद्रपुरी पुलिया के पास असि नदी पर श्रमदान के लिए नगर विकास मंत्री सुबह करीब नौ बजे पहुंचे। वहां अभियान कर्मियों के अलावा नगर निगम और वीडीए के अधिकारियों से उन्होंने नदी की स्थिति के बारे में जानकारी ली।
इसके बाद मंत्री ने खुद फावड़ा उठा लिया। उन्होंने नदी तट पर फावड़ा चलाकर कई टोकरी मिट्टी निकाली। इस दौरान हर-हर महादेव के जयकारे लगाए जा रहे थे। इसके बाद उन्होंने नदी तट पर पौधरोपण भी किया। मंत्री ने कहा कि नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के सलाहकार और पूर्व डीजी (सिविल डिफेंस) आरएन सिंह ने उनसे मिलकर असि की व्यथा बताई थी। इस नदी को अब जन सहयोग के बल पर अविरल-निर्मल बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा।