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UP: भविष्य में कैंसर, हार्ट अटैक का आपको है कितना खतरा, एआई से पहले ही मिलेगा अलर्ट; जानें कैसे
संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Updated Mon, 22 Dec 2025 12:18 PM IST
सार
आप स्वस्थ हैं और बेहतर जीवन जी रहे हैं लेकिन भविष्य में कोई गंभीर बीमारी तो नहीं होगी, ये पता करना अब आसान हो गया है।
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फतेहाबाद रोड स्थित होटल में एसोसिएशन ऑफ सर्जंस ऑफ इंडिया की एआई पर आधारित कार्यशाला का शुभारंभ
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विस्तार
आर्टिफिशयल इंटेलीजेंसी (एआई) जेनेटिक स्क्रीनिंग कर कैंसर, किडनी, लिवर, हार्ट जैसी गंभीर बीमारियां के खतरे को पूर्व में ही बता देगा। फतेहाबाद रोड स्थित होटल में एसोसिएशन ऑफ सर्जंस ऑफ इंडिया की जेनरेटिव एआई फॉर हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स की कार्यशाला में विशेषज्ञों ने एआई की उपयोगिता पर व्याख्यान देते हुए ये बातें कहीं।
नई दिल्ली के डॉ. अंशुमान कौशल ने बताया कि युवाओं को भी कैंसर, किडनी, लिवर, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप समेत कई बीमारियां घेर रही हैं। कई बार एडवांस स्टेज में बीमारियों का पता चलने पर इलाज मुश्किल होता है। ऐसे में एआई लोगों के रक्त, हड्डी, मांसपेशियों और विभिन्न अंगों का अध्ययन कर भविष्य की बीमारियों को इंगित करेगा। इससे लोग संबंधित बीमारी के प्रति सजग रहते हुए अपनी जीवनशैली सुधार लेंगे। इलाज कराने से मर्ज के ठीक होने के ज्यादा अवसर मिलेंगे। इतना ही नहीं अब एआई आईसीयू के मरीजों के एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआई, खून समेत अन्य जांच का आकलन कर मरीज के ठीक होने की दर भी बता रहा है। यहां तक कि मरीज का जीवन कितने दिन है, इसका भी पता चल सकेगा।
कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता, आगरा सर्जंस एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. ज्ञानप्रकाश गुप्ता और डॉ. रमाकांत यादव ने कहा कि एआई मरीज के इलाज, जांच, सर्जरी को बेहतर करने में सहयोग दे रहा है। कार्यशाला में डॉ. प्रशांत लवानियां, डॉ. रणवीर त्यागी, डॉ. नरेंद्र देव, डॉ. शिखा सिंह, डॉ. सोमेंद्र पाल सिंह, डॉ. अजित चाहर, डॉ. निकिता कंथारिया, डॉ. राजकुमार गुप्ता, डॉ. नीतू चौहान, डॉ. राकेश त्यागी, डॉ. अंकुर बंसल आदि मौजूद रहे।
एआई से रोबोट करेगा जटिल सटीक सर्जरी
कार्यशाला के संयोजक डॉ. मयंक बंसल ने बताया कि एआई की मदद से पेट, हड्डी, दिमाग, हृदय समेत सभी तरह की सटीक सर्जरी संभव हो गई हैं। इससे त्रुटियाें का खतरा भी नहीं है। इससे मर्ज जल्दी ठीक होगी और रक्तश्राव भी कम होगा। अस्पताल में भर्ती होने का समय भी घटेगा। एआई से रोबोटिक सर्जरी भी बेहद कारगर हो रही है। अब एआई से रोबोट भी सर्जरी की गंभीरता और प्रक्रिया सोच सकेगा। इससे सर्जरी के परिणाम और बेहतर होंगे।
मोटापे के कारण 25 फीसदी युवा करा रहे सर्जरी
सहारनपुर की डॉ. शिप्रा तिवारी ने बताया कि फास्टफूड, तला भोजन और व्यायाम से दूरी लोगों में मोटापा तेजी से बढ़ने का बड़ा कारण है। मोटापे के कारण बेरिएट्रिक सर्जरी बढ़ रही हैं। इसमें आंत को काटकर छोटा करते हैं और भूख कम करने के हार्माेंस भी सक्रिय करते हैं। अभी 25 से 40 साल के करीब 25 फीसदी युवा सर्जरी करा रहे हैं। खानपान पर नियंत्रण और व्यायाम नहीं करने पर 10-15 साल बाद फिर से वजन बढ़ने लगता है। जेनेटिक और खास बीमारी से अत्यधिक मोटापा होने पर 12 से 18 साल के बच्चों और किशोरों की भी सर्जरी करनी पड़ रही है। ऐसा नहीं होने से उनकी जान को खतरा रहता है।
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नई दिल्ली के डॉ. अंशुमान कौशल ने बताया कि युवाओं को भी कैंसर, किडनी, लिवर, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप समेत कई बीमारियां घेर रही हैं। कई बार एडवांस स्टेज में बीमारियों का पता चलने पर इलाज मुश्किल होता है। ऐसे में एआई लोगों के रक्त, हड्डी, मांसपेशियों और विभिन्न अंगों का अध्ययन कर भविष्य की बीमारियों को इंगित करेगा। इससे लोग संबंधित बीमारी के प्रति सजग रहते हुए अपनी जीवनशैली सुधार लेंगे। इलाज कराने से मर्ज के ठीक होने के ज्यादा अवसर मिलेंगे। इतना ही नहीं अब एआई आईसीयू के मरीजों के एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआई, खून समेत अन्य जांच का आकलन कर मरीज के ठीक होने की दर भी बता रहा है। यहां तक कि मरीज का जीवन कितने दिन है, इसका भी पता चल सकेगा।
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कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता, आगरा सर्जंस एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. ज्ञानप्रकाश गुप्ता और डॉ. रमाकांत यादव ने कहा कि एआई मरीज के इलाज, जांच, सर्जरी को बेहतर करने में सहयोग दे रहा है। कार्यशाला में डॉ. प्रशांत लवानियां, डॉ. रणवीर त्यागी, डॉ. नरेंद्र देव, डॉ. शिखा सिंह, डॉ. सोमेंद्र पाल सिंह, डॉ. अजित चाहर, डॉ. निकिता कंथारिया, डॉ. राजकुमार गुप्ता, डॉ. नीतू चौहान, डॉ. राकेश त्यागी, डॉ. अंकुर बंसल आदि मौजूद रहे।
एआई से रोबोट करेगा जटिल सटीक सर्जरी
कार्यशाला के संयोजक डॉ. मयंक बंसल ने बताया कि एआई की मदद से पेट, हड्डी, दिमाग, हृदय समेत सभी तरह की सटीक सर्जरी संभव हो गई हैं। इससे त्रुटियाें का खतरा भी नहीं है। इससे मर्ज जल्दी ठीक होगी और रक्तश्राव भी कम होगा। अस्पताल में भर्ती होने का समय भी घटेगा। एआई से रोबोटिक सर्जरी भी बेहद कारगर हो रही है। अब एआई से रोबोट भी सर्जरी की गंभीरता और प्रक्रिया सोच सकेगा। इससे सर्जरी के परिणाम और बेहतर होंगे।
मोटापे के कारण 25 फीसदी युवा करा रहे सर्जरी
सहारनपुर की डॉ. शिप्रा तिवारी ने बताया कि फास्टफूड, तला भोजन और व्यायाम से दूरी लोगों में मोटापा तेजी से बढ़ने का बड़ा कारण है। मोटापे के कारण बेरिएट्रिक सर्जरी बढ़ रही हैं। इसमें आंत को काटकर छोटा करते हैं और भूख कम करने के हार्माेंस भी सक्रिय करते हैं। अभी 25 से 40 साल के करीब 25 फीसदी युवा सर्जरी करा रहे हैं। खानपान पर नियंत्रण और व्यायाम नहीं करने पर 10-15 साल बाद फिर से वजन बढ़ने लगता है। जेनेटिक और खास बीमारी से अत्यधिक मोटापा होने पर 12 से 18 साल के बच्चों और किशोरों की भी सर्जरी करनी पड़ रही है। ऐसा नहीं होने से उनकी जान को खतरा रहता है।
