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पुष्पांजलि सीजंस की दोबारा पैमाइश, पिलर से रचा पूरा खेल
पुष्पांजलि सीजंस की दोबारा पैमाइश, पिलर से रचा पूरा खेल
Updated Sun, 25 Sep 2016 01:11 AM IST
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पुष्पांजलि सीजंस की दोबारा पैमाइश, पिलर से रचा पूरा खेल
- फोटो : अमर उजाला ब्यूरो
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यमुना नदी के डूब क्षेत्र में बने निर्माणों की जांच करने आए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के लोकल कमिश्नर मुकेश कुमार गुप्ता ने शनिवार को दयालबाग क्षेत्र में नौ प्रोजेक्ट की पैमाइश की। याचिकाकर्ता डीके जोशी की आपत्ति के बाद लोकल कमिश्नर ने प्रकाश माथुर फार्म हाउस की ओर से पुष्पांजलि सीजंस की डूब क्षेत्र में दोबारा पैमाइश कराई। दयालबाग में यमुना किनारे के सभी प्रोजेक्टों में सिंचाई विभाग और एडीए की करतूत सामने नजर आई। सिंचाई विभाग ने जहां साल 2010 में आई बाढ़ के आधार पर पिलर लगाने के नाम पर पूरा खेल रच दिया, वहीं एडीए ने एनओसी और नक्शा पास करने में आंखें बंद रखीं। यही वजह रही कि लोकल कमिश्नर के सामने बिल्डरों के अधिवक्ताओं की जगह दोनों विभाग ही प्रोजेक्टों की वकालत करते नजर आए।
एनजीटी के लोकल कमिश्नर मुकेश कुमार गुप्ता ने शनिवार सुबह गणपति वंडर सिटी से पैमाइश की शुरूआत कराई। डूब क्षेत्र में निर्माण की पैमाइश के लिए वह विभव वाटिका पहुंचे। शनिवार को उन्हें नौ प्रोजेक्ट देखने थे, लेकिन रास्ते में उन्होंने बहुमंजिला इमारत पुष्पांजलि सीजंस की पैमाइश भी करा दी। दरअसल, याचिकाकर्ता डीके जोशी ने 12 अगस्त को लोकल कमिश्नर के दौरे की रिपोर्ट में पुष्पांजलि को क्लीन चिट देने पर आपत्ति उठाई थी। लोकल कमिश्नर ने प्रकाश माथुर फार्म हाउस के बराबर से गुजर रही रोड से सीजंस की दूरी नपवाई। यहां डूब क्षेत्र की ओर यमुना से सटा हुआ पीएफए और पशु क्रूरता निवारण समिति (एसपीसीए) की गौशाला है। इन दोनों ही जगहों पर काफी निर्माण है। डीके जोशी पक्ष की ओर से सीजंस की पैमाइश को प्रोजेक्ट के एक कोने से भी नपवाने की मांग की गई ताकि प्रोजेक्ट के दोनों किनारों की दूरी अलग-अलग सामने आ सके।
राधा बल्लभ स्कूल के पास पिलर नंबर आरयू 32 टूटा हुआ मिला। अमर बाग फेज-2 के कोने पर लगे पिलर के आगे ही रोड और कालोनी बसी है। पिलर पत्थर की सड़क और मलबे से दबा हुआ मिला। लोकल कमिश्नर ने इसके बाद तनिष्क राजश्री कालोनी के सामने सड़क के कोने पर यमुना के डूब क्षेत्र की पैमाइश कराई। दयालबाग के इन प्रोजेक्टों में सीवर लाइन नहीं मिली और न ही एसटीपी। डूब क्षेत्र में मलबा डालकर उसे पाटने के सबूत मिले।
शनिवार को इनकी पैमाइश
- गणपति वंडर सिटी
- विभव वाटिका
- पुष्पांजलि सीजंस
- राधा बल्लभ पब्लिक स्कूल
- राजश्री गार्डन
- मंगलम शिला
- जवाहर बाग फेज-2
- राम मोहन विहार
- कल्याणी हाइट
- अपर्णा रिवर व्यू
कल्याणी हाइट पर सिंचाई विभाग का अजब खेल
एनजीटी लोकल कमिश्नर मुकेश कुमार गुप्ता दयालबाग सौ फुटा रोड पर जब कल्याणी हाइट के पीछे पहुंचे तो सिंचाई विभाग के दो पिलरों को एकदम अलग देखकर चौंक उठे। कल्याणी हाइट प्रोजेक्ट के एक कोने पर नाले के किनारे जहां 18 मीटर पर पिलर है, वहीं दीवार महज 90 सेमी ही दूर है। डूब क्षेत्र की पैमाइश का पिलर नंबर आरयू 37 और आरयू 36 अजीबोगरीब तरीके से लगाए गए हैं। मल्टी स्टोरी बिल्डिंग की दीवार से सटकर ही यमुना नदी बह रही है। यमुना नदी का पानी सीधे इमारत की बाउंड्री से न टकराए, इसलिए नदी के डूब क्षेत्र में मिट्टी का भराव कराकर आगे एक प्लेटफार्म बनाया गया है। लोकल कमिश्नर ने इन दोनों पिलरों की पैमाइश कराई।
राजश्री गार्डन में न सीवर, न एसटीपी
लोकल कमिश्नर एमके गुप्ता ने राजश्री गार्डन में नदी किनारे बनी दीवार से मकान की दूरी नपवाई तो यह महज छह मीटर निकली। कालोनी में एक किनारे बना मंदिर तो दीवार से सटा निकला। यमुना से दीवार महज 90 सेमी दूरी पर है। कालोनी की दीवार बनाते समय कंक्रीट भरा गया। राजश्री गार्डन में न तो सीवर लाइन है और न ही एसटीपी। इसका गंदा पानी सीधे यमुना नदी में गिर रहा है।
एनजीटी के लोकल कमिश्नर मुकेश कुमार गुप्ता ने शनिवार सुबह गणपति वंडर सिटी से पैमाइश की शुरूआत कराई। डूब क्षेत्र में निर्माण की पैमाइश के लिए वह विभव वाटिका पहुंचे। शनिवार को उन्हें नौ प्रोजेक्ट देखने थे, लेकिन रास्ते में उन्होंने बहुमंजिला इमारत पुष्पांजलि सीजंस की पैमाइश भी करा दी। दरअसल, याचिकाकर्ता डीके जोशी ने 12 अगस्त को लोकल कमिश्नर के दौरे की रिपोर्ट में पुष्पांजलि को क्लीन चिट देने पर आपत्ति उठाई थी। लोकल कमिश्नर ने प्रकाश माथुर फार्म हाउस के बराबर से गुजर रही रोड से सीजंस की दूरी नपवाई। यहां डूब क्षेत्र की ओर यमुना से सटा हुआ पीएफए और पशु क्रूरता निवारण समिति (एसपीसीए) की गौशाला है। इन दोनों ही जगहों पर काफी निर्माण है। डीके जोशी पक्ष की ओर से सीजंस की पैमाइश को प्रोजेक्ट के एक कोने से भी नपवाने की मांग की गई ताकि प्रोजेक्ट के दोनों किनारों की दूरी अलग-अलग सामने आ सके।
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राधा बल्लभ स्कूल के पास पिलर नंबर आरयू 32 टूटा हुआ मिला। अमर बाग फेज-2 के कोने पर लगे पिलर के आगे ही रोड और कालोनी बसी है। पिलर पत्थर की सड़क और मलबे से दबा हुआ मिला। लोकल कमिश्नर ने इसके बाद तनिष्क राजश्री कालोनी के सामने सड़क के कोने पर यमुना के डूब क्षेत्र की पैमाइश कराई। दयालबाग के इन प्रोजेक्टों में सीवर लाइन नहीं मिली और न ही एसटीपी। डूब क्षेत्र में मलबा डालकर उसे पाटने के सबूत मिले।
शनिवार को इनकी पैमाइश
- गणपति वंडर सिटी
- विभव वाटिका
- पुष्पांजलि सीजंस
- राधा बल्लभ पब्लिक स्कूल
- राजश्री गार्डन
- मंगलम शिला
- जवाहर बाग फेज-2
- राम मोहन विहार
- कल्याणी हाइट
- अपर्णा रिवर व्यू
कल्याणी हाइट पर सिंचाई विभाग का अजब खेल
एनजीटी लोकल कमिश्नर मुकेश कुमार गुप्ता दयालबाग सौ फुटा रोड पर जब कल्याणी हाइट के पीछे पहुंचे तो सिंचाई विभाग के दो पिलरों को एकदम अलग देखकर चौंक उठे। कल्याणी हाइट प्रोजेक्ट के एक कोने पर नाले के किनारे जहां 18 मीटर पर पिलर है, वहीं दीवार महज 90 सेमी ही दूर है। डूब क्षेत्र की पैमाइश का पिलर नंबर आरयू 37 और आरयू 36 अजीबोगरीब तरीके से लगाए गए हैं। मल्टी स्टोरी बिल्डिंग की दीवार से सटकर ही यमुना नदी बह रही है। यमुना नदी का पानी सीधे इमारत की बाउंड्री से न टकराए, इसलिए नदी के डूब क्षेत्र में मिट्टी का भराव कराकर आगे एक प्लेटफार्म बनाया गया है। लोकल कमिश्नर ने इन दोनों पिलरों की पैमाइश कराई।
राजश्री गार्डन में न सीवर, न एसटीपी
लोकल कमिश्नर एमके गुप्ता ने राजश्री गार्डन में नदी किनारे बनी दीवार से मकान की दूरी नपवाई तो यह महज छह मीटर निकली। कालोनी में एक किनारे बना मंदिर तो दीवार से सटा निकला। यमुना से दीवार महज 90 सेमी दूरी पर है। कालोनी की दीवार बनाते समय कंक्रीट भरा गया। राजश्री गार्डन में न तो सीवर लाइन है और न ही एसटीपी। इसका गंदा पानी सीधे यमुना नदी में गिर रहा है।