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AMU: अनार की झिल्ली से शुगर काबू करने का तरीका खोजा, इस तरह काम करता है इसका बनाया हुआ मिश्रण

अमर उजाला नेटवर्क, अलीगढ़ Published by: चमन शर्मा Updated Thu, 04 Dec 2025 05:19 PM IST
सार

अनार के छिलके, झिल्ली और फूल में औषधीय गुण होते हैं और इसमें काफी मात्रा में टैनिन और एलेजिक एसिड जैसे यौगिक पाए जाते हैं। जबकि सहजन की पत्तियों में क्वेरसेटिन पाया जाता है जो शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है।

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Discovered a way to control sugar using pomegranate membrane
नो शुगर - फोटो : Freepik.com
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विस्तार
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मधुमेह के मरीजों के लिए यह खबर वाकई सुकून देने वाली है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के इंटरडिसिप्लिनरी बायोटेक्नोलॉजी विभाग में पांच साल तक चले शोध के मुताबिक अनार की झिल्ली और सहजन के बीज के इस्तेमाल से मधुमेह पर नियंत्रण पाया जा सकता है। इसका क्लीनिकल ट्रायल चूहों पर किया गया, जो पूरी तरह से सफल रहा। अब चिकित्सकों की टीम जल्द ही इंसानों पर ट्रायल शुरू करेगी।

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यूनिवर्सिटी के इंटरडिसिप्लिनरी बायोटेक्नोलॉजी विभाग के प्रो. वसीम अहमद सिद्दीकी (सुपरवाइजर) और तिब्बिया कॉलेज के इलाज बिद तबदीर विभाग की प्रो. आसिया सुल्ताना (को-सुपरवाइजर) के निर्देशन में शोधार्थी नाजिया इमाम ने उच्च वसा युक्त आहार (एचएफडी) और स्ट्रेप्टोजोटोसिन (एसटीजेड) से उत्पन्न टाइप-2 मधुमेह पर शोध किया। उन्होंने पहले चूहे को एसटीजेड से मधुमेह ग्रस्त बनाया। चार सप्ताह में एक चूहे की नसों में सूजन, तनाव और रक्त में ग्लूकोज स्तर बढ़ गया था। 
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इसके बाद चूहे को अनार की झिल्ली, सहजन के बीज का अलग-अलग पाउडर बनाकर खिलाया गया। अध्ययन में पाया गया कि रक्त शर्करा और एचबीए-1 सी में कमी, इंसुलिन स्तर में सुधार, दर्द और राहत, ऑक्सीडेटिव तनाव के मार्कर एमडीए में कमी, एंटीऑक्सीडेंट एसओडी और जीएसएच में वृद्धि दर्ज की गई, जबकि जिसे पाउडर नहीं खिलायाा गया, उसमें दर्द था, रक्त शर्करा बढ़ी थी।

यह अध्ययन मधुमेह के मरीजों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। अब इंसानों पर ट्रायल किया जाएगा। अनार की झिल्ली, सहजन, टैक्सिफोलिन और एलैजिक एसिड भविष्य में क्लीनिकल स्तर पर नई संभावनाएं खोल सकता है। पेटेंट कराया जाएगा। मधुमेह के मरीजों को अनार का जूस नहीं पीना चाहिए, बल्कि पीली झिल्ली सहित दाना खाना चाहिए, जो फायदेमंद साबित होगा।-प्रो. आसिया सुल्ताना

इस तरह काम करता है यह मिश्रण

अनार के छिलके, झिल्ली और फूल में औषधीय गुण होते हैं और इसमें काफी मात्रा में टैनिन और एलेजिक एसिड जैसे यौगिक पाए जाते हैं। जबकि सहजन की पत्तियों में क्वेरसेटिन पाया जाता है जो शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। क्लोरोजेनिक एसिड छाल और फली में पाया जाता है। यह ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करता है और शरीर में इंसुलिन के स्राव को भी सकारात्मक कर सकता है। जबकि ग्लाइकोसाइड्स और काएम्फेरोल शरीर में हेल्दी ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखने और इंसुलिन स्राव को बढ़ाने में सहायक होते हैं।

अनार की झिल्ली के पाउडर से

  • ब्लड शुगर कम की
  • लिपिड प्रोफाइल सुधरी
  • ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन कमी


सहजन के बीज से

  • मधुमेह टाइप-1 में राहत
  • ग्लूकोज नियंत्रण बेहतर हुआ
  • दर्द और संवेदनशीलता में कमी आई
  • ब्रेन ऊतकों में सुरक्षात्मक प्रभाव देखने को मिले


मधुमेह के लिए प्राकृतिक स्रोत फायदेमंद
अध्ययन में पाया गया कि प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त फाइटो केमिकल्स कई रास्तों से एक साथ काम करते हैं, जैसे—मधुमेह नियंत्रण, लिपिड मॉड्यूलेशन, एंटीऑक्सीडेंट सुरक्षा, सूजन कम करना और नसों की मरम्मत को बढ़ावा देना। यह हर्बल तत्व भविष्य में डायबिटिक न्यूरोपैथी की नई और सुरक्षित दवाओं के रूप में विकसित किए जा सकते हैं।

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