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Karwa Chauth 2025: सुहागिनों का त्योहार आज, अलीगढ़ में पूजा और चंद्रमा को अर्घ्य देने का यह है समय

अमर उजाला नेटवर्क, अलीगढ़ Published by: चमन शर्मा Updated Fri, 10 Oct 2025 10:26 AM IST
सार

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ पर सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा एवं सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रहकर पूजा-पाठ करती हैं। शाम को शृंगार कर छलनी से पति का दीदार कर चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं।

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Karwa Chauth 2025 Moon Time in Aligarh
करवा चौथ 2025: रामघाट रोड पर करवा चौथ को लेकर करवा खरीदती महिला - फोटो : संवाद
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विस्तार
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अखंड सौभाग्य का प्रतीक एवं सुहागिनों का प्रमुख त्योहार करवा चौथ आज पूरे उल्लास एवं पारंपरिक तरीके से मनाया जाएगा। सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु एवं अच्छे स्वास्थ्य की कामना कर आज व्रत रखेंगी। व्रत रखने वाली महिलाओं में जबरदस्त उत्साह है। नवविवाहिताओं में इस व्रत को लेकर विशेष उत्साह है। त्योहार की पूर्व संध्या पर महिलाओं ने बाजारों में जमकर खरीदारी की। देर रात तक बाजारों में खूब चहल-पहल रही। कपड़े, जेवर, चूड़ी आदि खरीदने के साथ ही मेहंदी लगवाने के लिए ब्यूटी पार्लर में महिला ग्राहकों की भीड़ रही। बाजार में मेहंदी लगाने वालों के पास भी कतार लगी रहीं।

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मेरा पहला करवा चौथ

करवा चौथ प्यार, विश्वास और त्याग का त्योहार है। पहली बार यह त्योहार मना रही हूं। काफी दिनों से इसकी तैयारी में जुटी थी।-तान्या जलाली, सासनीगेट।

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त्योहार को लेकर काफी उत्साहित हूं। पति की दीर्घायु के लिए निर्जल उपवास रखूंगी। कई दिन से व्रत की तैयारी कर रही हूं।-प्रियंका, तमोलीपाड़ा।
विधि-विधान से व्रत रखूंगी। घर की बुजुर्ग महिलाओं से भी व्रत को लेकर जानकारी ली है। काफी अच्छा लग रहा है।-साक्षी वार्ष्णेय, सराय हकीम।
पहली बार व्रत रखने का काफी उत्साह है। कई दिन से बाजार में जाकर सजने-संवरने के साथ ही खूब खरीदारी की है।-आकृति सरकोड़ा, रामबिहार काॅलोनी।
काफी उत्साह है। इसके लिए पिछले कई दिन से तैयारी चल रही है। पूजा-अर्चना कर पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखूंगी।-डाॅ तृषा वार्ष्णेय, आवास विकास काॅलोनी सासनीगेट।
पहले व्रत को लेकर उत्सुक हूं। अभी तक दूसरी महिलाओं को ही व्रत करते हुए देखा है। पति के दीर्घायु होने के लिए निर्जला व्रत रखूंगी।-प्रियंका मिश्रा, नाैरंगाबाद।

पूजा में छलनी का महत्व

सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा एवं सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रहकर पूजा-पाठ करती हैं। शाम को शृंगार कर छलनी से पति का दीदार कर चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं। इस पूजा में छलनी का महत्व है। महिलाएं पूजा की थाली सजाते समय बाकी चीजों के साथ छलनी को भी जगह देती हैं। इसी से पति का चेहरा देखकर उनके हाथों से पानी पीकर व्रत पूरा करती हैं।

कृतिका-रोहिणी नक्षत्र होगा
ज्योतिषाचार्य पंडित हृदयरंजन शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को कृतिका और रोहिणी नक्षत्र के साथ सिद्धि और व्यतिपात योग के शुभ संयोग में मनाया जाएगा। सिद्धि योग प्रात:काल से लेकर शाम 5: 41 मिनट तक है। इसके बाद से व्यतिपात योग होगा। कृतिका नक्षत्र प्रात:काल से लेकर शाम 5: 31 मिनट तक है, उसके बाद रोहिणी नक्षत्र रहेगा।

पूजा और अर्घ्य देने का समय

  • पूजा का शुभ मुहूर्त : शाम 05:32 से 8:00 बजे तक
  • चंद्रमा को अर्घ्य देने का समय : रात्रि 08:17 बजे से 09:30 तक
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