2025 का अंतिम पड़ाव: अलीगढ़ स्मार्ट सिटी की सुस्त रफ्तार, पूरे नहीं हो पाए 281 करोड़ के पांच बड़े प्रोजेक्ट
साल 2025 विदा होने वाला है और 2026 आने वाला है, पर अलीगढ़ में 281 करोड़ के पांच बड़े प्रोजेक्ट अब भी अधूरे हैं। इस पर नगर निगम और स्मार्ट सिटी प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। संबंधित कार्यदायी फर्मों को अंतिम चेतावनी जारी की गई है।
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स्मार्ट सिटी मिशन के तहत अलीगढ़ शहर को आधुनिक बनाने का दावा समय की कसौटी पर पिछड़ रहा है। वर्ष 2025 अंतिम पड़ाव पर है, लेकिन विकास के नाम पर शुरू किए गए 281 करोड़ के पांच बड़े प्रोजेक्ट अब भी अधूरे हैं। इन प्रोजेक्ट्स की समय सीमा इसी वर्ष समाप्त हो रही थी। इस देरी को लेकर नगर निगम और स्मार्ट सिटी प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। संबंधित कार्यदायी फर्मों को अंतिम चेतावनी जारी की गई है।
यदि मार्च 2026 तक इन कार्यों को पूर्ण नहीं किया गया, तो फर्मों पर भारी जुर्माना लगाने के साथ-साथ उन्हें ब्लैक लिस्ट (काली सूची) में डाल दिया जाएगा। इन परियोजनाओं के अधूरे होने से शहर की जनता को न केवल यातायात की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि धूल और अधूरे ड्रेनेज के कारण दैनिक जीवन भी प्रभावित हो रहा है।
इन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए कई बार समय सीमा बढ़ाई गई, लेकिन कार्यदायी संस्थाओं की लापरवाही के कारण काम समय पर पूरे नहीं हो सके। अब काम में देरी के अनुपात में फर्मों पर आर्थिक दंड लगाया जाएगा। भविष्य में किसी भी सरकारी टेंडर में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी जाएगी। मार्च 2026 तक हर हाल में प्रोजेक्ट पूरे करने होंगे। - प्रेम प्रकाश मीणा, नगर आयुक्त, नगर निगम
अधर में मुख्य प्रोजेक्ट और उनकी लागत
प्रोजेक्ट का नाम -अनुमानित लागत
मल्टीलेवल कार पार्किंग (बारहद्वारी) - 50 करोड़
सूत मिल चौराहा से नादा पुल रोड - 20 करोड़
सूत मिल चौराहा से भांकरी रोड - 99 करोड़
स्पोर्ट्स कांप्लेक्स - 50 करोड़ -
ड्रेनेज सिस्टम (महेंद्र नगर, कला नगर, जीवनगढ़) - 62 करोड़
हर सप्ताह होगी निर्माण की समीक्षा
नगर निगम के मुख्य अभियंता और स्मार्ट सिटी के सीओओ वीके सिंह कहते हैं कि स्मार्ट सिटी के तहत जो निर्माण धीमी गति से चल रहे हैं उनकी निगरानी की व्यवस्था की गई है। टीम इनकी निर्माण की प्रगति की प्रत्येक सप्ताह समीक्षा करेगी। कार्यदायी संस्था पर इस बात के लिए दबाव रहेगा कि वह समय से काम पूरा करे।
