Aligarh: मंत्री के घर के सामने की सड़क बना दी घटिया, शासन ने बैठाई जांच, 30 सितंबर तक मांगी रिपोर्ट
धीमी गति से चल रहे निर्माण कार्य के साथ ही नाला निर्माण की खामियों की बात नगर निगम तक लोगों ने पहुंचाई थी। इसके साथ ही निर्माण की घटिया गुणवत्ता के भी आरोप लगाए गए थे। इसके बाद नगर आयुक्त ने निर्माण की जांच कराए जाने की मांग शासन से की थी।

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यूपी के शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के घर के सामने बनाई जा रही सड़क में भी घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया। इतना ही नहीं नाला सड़क से ऊंचा बना दिया गया। नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीणा की शिकायत के बाद शासन ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है। समिति इस मामले की जांच 30 सितंबर तक पूरी करके शासन को सौंपेगी।

स्मार्ट सिटी योजना के तहत मैरिस रोड पर 12 करोड़ रुपये की लागत से अब्दुल्ला कॉलेज से केला नगर चौराहे तक 800 मीटर की सड़क को चौड़ा करने और दोनों तरफ नाला निर्माण करने का काम किया जा रहा है। एक वर्ष पहले काम शुरू हुआ था। इस काम को कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेस (सीएनडीएस) के द्वारा किया जा रहा है। धीमी गति से चल रहे निर्माण कार्य के साथ ही नाला निर्माण की खामियों की बात नगर निगम तक लोगों ने पहुंचाई थी। इसके साथ ही निर्माण की घटिया गुणवत्ता के भी आरोप लगाए गए थे। इसके बाद नगर आयुक्त ने निर्माण की जांच कराए जाने की मांग शासन से की थी।
अब सीएनडीएस के निदेशक डीपी सिंह ने मामले की जांच के लिए मुख्य महाप्रबंधक एसके गौतम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की है। यह समिति मानकों के विपरीत नाले के निर्माण के साथ ही घटिया निर्माण की भी जांच करेगी। यहां पर जो नाला निर्माण किया गया है उसका लेवल सड़क से बहुत ही उंचा कर दिया गया है। जब यह बात सार्वजनिक रूप से चर्चा में आई तो नाले की दीवारों को काटकर छोटा किया जाने लगा। इससे और भी किरकिरी हुई। जिसके बाद नगर निगम ने मामले की शिकायत शासन में की।
नाला और सड़क निर्माण के संबंध में लोगों से लगातार शिकायतें मिल रही थीं। निर्माण की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे थे। इसके बाद ही मामले की जांच के लिए शासन को पत्र लिखा गया था। अब पूरे मामले की जांच होगी। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ शासन स्तर से ही कार्यवाही की जाएगी। - प्रेम प्रकाश मीणा, नगर आयुक्त
बारिश में हुआ जबरदस्त जलभराव
मंत्री संदीप सिंह के घर के सामने इस पूरे रोड पर जरा सी बारिश में जबरदस्त जलभराव हो जाता है। निर्माण कार्य के दौरान भी जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई, जिससे यहां से गुजरने वाले लोगों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा।