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Prayagraj : प्रयागराज के 10 टोल प्लाजा ने निबंधन विभाग को लगाई करोड़ों की चपत, डीआईजी ने मांगे दस्तावेज
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Thu, 20 Nov 2025 02:58 PM IST
सार
टोल प्लाजा का संचालन कर रहीं एजेंसियां निबंधन विभाग को करोड़ों रुपये की चपत लगा रही हैं। एजेसियों ने निबंधन विभाग को स्टाम्प शुल्क एवं रजिस्ट्रीकरण फीस नहीं दी है।
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टोल प्लाजा।
- फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
टोल प्लाजा का संचालन कर रहीं एजेंसियां निबंधन विभाग को करोड़ों रुपये की चपत लगा रही हैं। एजेसियों ने निबंधन विभाग को स्टाम्प शुल्क एवं रजिस्ट्रीकरण फीस नहीं दी है। डीआईजी स्टाम्प ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को पत्र भेजकर टोल प्लाजा से संबंधित दस्तावेज मांगे हैं। प्रयागराज में 10 टोल प्लाजा हैं। इनमें प्रयागराज बाईपास पर कोखराज, नवाबगंज, सहसाें, सोरांव, हंडिया, रीवा रोड पर उमापुर, गन्ने, मुंगारी, वाराणसी रोड पर लालानगर और प्रतापगढ़ रोड पर रामनगर घंसियारी टोल प्लाजा शामिल हैं। वाराणसी-प्रयागराज हाईवे पर स्थित लालानगर टोल प्लाजा पर 62.87 करोड़ रुपये की स्टाम्प चोरी का आरोप लग चुका है।
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टोल कंपनी 100 रुपये का स्टाम्प शुल्क देकर सामान्य अनुबंध के आधार पर टोल का संचालन कर रही थी। जांच में पता चला था कि यह अनुबंध सामान्य नहीं, बल्कि लीज अनुबंध था। लीज अनुबंध के हिसाब से निर्धारित शुल्क जमा करना होता है, जिसको कंपनी ने जमा नहीं किया था। एजेंसी के खिलाफ निबंधन विभाग ने प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी। प्रयागराज मंडल के डीआईजी स्टाम्प सुरेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि अन्य टोल प्लाजा का संचालन कर रहीं एजेसियों ने भी निर्धारित स्टाम्प शुल्क जमा नहीं किया है।
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उन्होंने बताया कि एजेंसियां दस्तावेज देने को तैयार नहीं हैं। उनके प्रतिनिधियों का कहना है कि दस्तावेज एनएचएआई मुख्यालय में हैं। उन्होंने एनएचएआई को दोबारा पत्र लिखकर सभी टोल प्लाजा से संबंधित दस्तावेज मांगे हैं। हालांकि, एनएचएआई से दस्तावेज अभी उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। दस्तावेजों की जांच के बाद संबंधित एजेंसियों को नोटिस जारी किए जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि किरायेदारी विलेखों का रजिस्ट्रीकरण अनिवार्य है। टोल संबंधी पट्टे भी इस दायरे में आते हैं। ऐसे में टोल प्लाजा के किरायेदारी विलेखाें के तहत निर्धारित स्टाम्प शुल्क जमा करना अनिवार्य है।