Air Force Day : चेन्नई के एयर शो में नहीं गरजेगा मिग 21, आखिरी बार प्रयागराज में किया था अभूतपूर्व प्रदर्शन
खास बात यह है कि चेन्नई में आयोजित एयर शो में प्रयागराज स्थित मध्य वायु कमान मुख्यालय के कई जांबाज पॉयलट लड़ाकू विमान के माध्यम से अपना हुनर वहां दिखाएंगे। सुरक्षा की दृष्टि से वायुसेना ने इन जांबाज पॉयलटों के नाम अभी जारी नहीं किए हैं।
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चेन्नई में मंगलवार आठ अक्तूबर को मनाए जा रहे भारतीय वायुसेना के 92 वें स्थापना दिवस पर आयोजित एयर शो में राफेल, सुखोई समेत तमाम विमान अपना जलवा दिखाएंगे, लेकिन वहां मिग 21 एयर शो का हिस्सा नहीं बनेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले वर्ष आठ अक्तूबर को प्रयागराज में आयोजित एयर शो में ही इस लड़ाकू विमान को विदाई दे दी गई थी। इस वजह से देश की चौकसी में तैनात रहा मिग 21 लड़ाकू विमान वहां के आसमान नहीं दिखेगा।
खास बात यह है कि चेन्नई में आयोजित एयर शो में प्रयागराज स्थित मध्य वायु कमान मुख्यालय के कई जांबाज पॉयलट लड़ाकू विमान के माध्यम से अपना हुनर वहां दिखाएंगे। सुरक्षा की दृष्टि से वायुसेना ने इन जांबाज पॉयलटों के नाम अभी जारी नहीं किए हैं। मंगलवार को चेन्नई के आसमान में जो विमान अपना हैरत अंगेज प्रदर्शन करेंगे उसमें ये कुछ की कंट्रोलिंग मध्य वायु कमान मुख्यालय से की जा सकती है।
राफेल के साथ एएन -32, सुखोई-30, जुगआर, तेजस, अपाचे विमान प्रयागराज, ग्वालियर आदि वायु सेना स्टेशनों से चेन्नई के लिए उड़ाए जा सकते हैं। हालांकि वायुसेना की ओर से इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।बता दें देश की चौकसी में पिछले कई वर्ष से तैनात मिग-21 बाइसेन को प्रयागराज में आठ अक्तूबर 23 को आयोजित एयर शो के माध्यम से विदाई दी गई थी। यह विमान जब अंतिम बार संगम के ऊपर उड़ा तो वह सूर्य अस्त होने की दिशा की ओर गया। तब यहां मिग-21 के सम्मान में राफेल विमान द्वारा उसे एस्कार्ट दिया गया।
प्रयागराज में एयर मार्शल रहे हैं वायु सेना प्रमुख
भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह का प्रयागराज से रिश्ता रहा है। मध्य वायु कमान मुख्यालय में वह एयर मार्शल पद का दायित्व निभा चुके हैं। एक जुलाई 2022 से 31 जनवरी 23 तक यहां उनकी तैनाती रही। फिलहाल एयरफोर्स डे के मौके पर बमरौली स्थित मध्य वायु कमान मुख्यालय में वायु योद्धाओं की परेड कार्यक्रम का ही आयोजन इस बार किया गया है। मध्य वायु कमान मुख्यालय की बात करें तो कारगिल आदि युद्ध में इसकी अहम भूमिका रही। बिहार एवं अन्य स्थानों पर आने वाली बाढ़ के दौरान राहत एवं बचाव कार्य में भी मध्य वायु कमान मुख्यालय की भूमिका रहती है।
प्रयागराज में ही प्रशिक्षित किए जाते हैं हेलीकॉप्टर पॉयलट
प्रयागराज में वायुसेना का ऐसा एकमात्र सेंटर है जहां बेसिक फ्लाइंग ट्रेनिंग स्कूल (बीएफटीएस) है। बमरौली स्थित इस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में ही हेलीकॉप्टर पॉयलटों का प्रशिक्षण होता है। यह प्रशिक्षण पांच माह का रहता है। यहां 200 से ज्यादा आर्मी एविएटर्स कोर्स हो चुके हैं। इस दौरान जवानों ने पांच महीने के दौरान कठोर उड़ान और जमीनी प्रशिक्षण दिया जाता है। बता दें एचपीटी-32 विमान पर पायलटों को प्रारंभिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए 16 दिसंबर 1987 को इसकी स्थापना हुई। यहां पांच जुलाई 1999 से भारतीय वायुसेना के फ्लाइट कैडेटों को तैयार करने के साथ भारतीय सेना, नौसेना और तटरक्षक बल के अफसरों को प्रशिक्षित करना शुरू हुआ। हेलीकॉप्टर पर भारतीय सेना के अफसरों को प्रारंभिक उड़ान प्रशिक्षण देने के लिए 26 दिसंबर 2005 बीएफटीएस चेतक हेलीकॉप्टरों से सुसज्जित किया गया।