सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Prayagraj News ›   Allahabad University Walls will illuminate the house, paint will work as a solar panel

Allahabad University : दीवारों से रोशन होगा घर, पेंट करेगा सोलर पैनल का काम, पेंट में किया जा सकेगा इस्तेमाल

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Wed, 03 Dec 2025 04:30 PM IST
सार

आने वाले दिनों में दीवारों से ही घर रोशन होंगे। दीवारों पर लगा पेंट सोलर सेल का काम करेगा। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मैटेरियल साइंस के वैज्ञानिकों ने प्रोटोटाइप आर्गेनिक फ्लेक्सिबल सोलर सेल बनाने में सफलता पाई है।

विज्ञापन
Allahabad University Walls will illuminate the house, paint will work as a solar panel
प्रोटोटाइप आर्गेनिक फ्लेक्सिबल सोलर सेल। - फोटो : अमर उजाला।
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

आने वाले दिनों में दीवारों से ही घर रोशन होंगे। दीवारों पर लगा पेंट सोलर सेल का काम करेगा। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मैटेरियल साइंस के वैज्ञानिकों ने प्रोटोटाइप आर्गेनिक फ्लेक्सिबल सोलर सेल बनाने में सफलता पाई है। अब यह कितना टिकाऊ हो सकता है इस पर शोध जारी है। इसमें सफलता मिलने के बाद इसे पेंट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा।

Trending Videos


सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं शुरू की गई हैं। सोलर पार्क के साथ लोगों के घरों पर सोलर पैनल देखे जा सकते हैं लेकिन आने वाले दिनों में इनके डंपिंग की समस्या होगी। पर्यावरणीय दृष्टि से इसे बड़े खतरे में रूप में देखा जा रहा है।
विज्ञापन
विज्ञापन


ऐसे में इसके विकल्प के तौर पर वैज्ञानिकों ने आर्गेनिक फ्लेक्सिबल सोलर सेल की तरफ रुख किया है। विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मैटेरियल साइंस के प्रोे.रविंद्र धर, बंगलूरू के रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रो.संदीप कुमार, राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला नई दिल्ली की प्रो.रितु श्रीवास्तव की टीम संयुक्त रूप से इस पर शोध कर रही है।

प्रो.रविंद्र धर ने बताया कि डिस्कॉटिक लिक्विड क्रिस्टल मैटेरियल से सोलर सेल बनाने में सफलता मिली है। इसमें तरल पदार्थ एवं क्रिस्टल दोनों के गुण हैं। उन्होंने बताया कि तरल होने की वजह से इसका इस्तेमाल पेंट के रूप में किया जा सकेगा। वहीं, क्रिस्टल में करंट का प्रवाह व्यवस्थित होता है। ऐसे में इसे सोलर सेल का मजबूत विकल्प माना जा रहा है। प्रो.रविंद्र धर का कहना है कि पर्याप्त क्षमता का लिक्विड सोलर सेल बनाने में सफलता मिली है, लेकिन वह अभी टिकाऊ नहीं है। इस पर अध्ययन जारी है। जल्द ही प्रोटोटाइप आर्गेनिक फ्लेक्सिबल सोलर सेल के बाजार में आने की उम्मीद है।

15 फीसदी क्षमता का तैयार हो चुका है सोलर सेल

प्रो.रविंद्र धर के अनुसार 1999 में जर्मनी में आर्गेनिक लिक्विड सोलर सेल बनाने की दिशा में काम शुरू हुआ था। दो फीसदी क्षमता (सेल पर पड़ी सूर्य की कुल ऊर्जा को इलेक्ट्रिक एनर्जी में बदलने की क्षमता) का सोलर सेल बनाने में सफलता भी मिली थी, लेकिन इसके बाद काम रुक गया। अकार्बनिक तत्वों से बने सोलर सेल (सोलर पैनल) के विकल्प के तौर पर अब इस पर फिर से शोध शुरू हुआ है। प्रो.धर ने बताया कि उन्होंने 15 फीसदी क्षमता का प्रोटोटाइप आर्गेनिक सोलर सेल बनाने में सफलता पाई है। छह फीसदी क्षमता तक तो ट्रायल भी हो चुका है। उन्होंने बताया कि अभी लगाए जाने वाले इनऑर्गेनिक सोलर सेल की क्षमता भी 18 से 20 फीसदी ही है। इस लिहाज से लिक्विड सोलर सेल का अब इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन यह बहुत टिकाऊ नहीं है। इस पर भी रिसर्च जारी है। जल्द ही सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है।

चादर की तरह भी किया जा सकेगा इस्तेमाल

प्रो.धर का कहना है कि प्रोटोटाइप आर्गेनिक सोलर सेल का इस्तेमाल पेंट के रूप में किया जा सकता है। इसे दीवारों पर पेंट कर दिया जाएगा और इसके सेल सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदल देंगे। इसके अलावा इसकी चादर भी तैयार की जा सकती है, जिसका इस्तेमाल छत एवं किसी भी मुड़े स्थान पर किया जा सकेगा।

25 फीसदी ही आएगी लागत

प्रोटोटाइप आर्गेनिक सोलर सेल की लागत भी बहुत कम होगी। प्रो.धर ने बताया कि अभी लगने वाले साेलर पैनल की तुलना में इसमें 25 फीसदी ही लागत आएगी।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed