UP : 2016 के बलपूर्वक बेदखली मामले में आजम खां को राहत, ट्रायल कोर्ट के अंतिम फैसले पर रोक 15 जुलाई तक बढ़ी
इलाहाबाद हाईकोर्ट से सपा नेता आजम खां को 2016 के बलपूर्वक बेदखली मामले में राहत मिली है। न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए ट्रायल कोर्ट की ओर से आजम खां और अन्य सह-आरोपियों के खिलाफ अंतिम फैसला देने पर लगी रोक 15 जुलाई 2025 तक बढ़ा दी है।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट से सपा नेता आजम खां को 2016 के बलपूर्वक बेदखली मामले में राहत मिली है। न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए ट्रायल कोर्ट की ओर से आजम खां और अन्य सह-आरोपियों के खिलाफ अंतिम फैसला देने पर लगी रोक 15 जुलाई 2025 तक बढ़ा दी है। बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने मामले में निर्देश प्राप्त करने और कुछ दस्तावेज जमा करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया और अगली तिथि 15 जुलाई नियत कर दी।
ट्रायल कोर्ट में याचियों ने मांग की थी कि मुख्य गवाहों, विशेष रूप से सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर अहमद फारूकी, की दोबारा गवाही कराई जाए और महत्वपूर्ण वीडियो फुटेज को रिकॉर्ड में लाया जाए, जो उनकी घटनास्थल पर अनुपस्थिति साबित कर सकती है। ट्रायल कोर्ट ने इस मांग को 30 मई 2025 के आदेश से खारिज कर दी थी। इसे याचियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। आजम खां की याचिका को सह-आरोपियों की लंबित याचिका के साथ जोड़ दिया गया है। ब्यूरो
रामपुर में 2019 में आजम खां पर दर्ज हुआ था मुकदमा
रामपुर के कोतवाली थाने में 2016 में यतीमखाना को ढहाने के मामले में 2019 में मुकदमा दर्ज कराया गया था। आजम खां और अन्य पर जबरन बेदखली, डकैती, गृह में अनधिकृत प्रवेश और आपराधिक षडयंत्र जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे।