कैबिनेट मंत्री नंदी पर हमले के आरोपी दिलीप मिश्रा की अवैध संपत्तियों पर भी बुलडोजर चलने का सिलसिला शुरू हो गया है। रविवार को औद्योगिक क्षेत्र के महुआरी गांव स्थित उसका तीन मंजिला लॉज ढहा दिया गया। सुबह 11 बजे के करीब शुरू हुआ ध्वस्तीकरण देर शाम तक जारी रहा। बाजार में इसकी कीमत कई करोड़ बताई जा रही है।
अतीक अहमद के बाद माफिया दिलीप मिश्र के बहुमंजिला मकान पर चला बुलडोजर
वर्तमान में फतेहगढ़ जेल में बंद दिलीप मिश्रा निवासी लवायन कला, औद्योगिक क्षेत्र 27 मई को हत्या की साजिश रचने समेत अन्य आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। डीएम की अनुमति पर पुलिस ने 45 मुकदमों में नामजद दिलीप की 12 अचल संपत्तियों को 11 सितंबर को कुर्क किया था। इन्हीं मेें से एक औद्योगिक थाना क्षेत्र के महुवारी गांव स्थित उसका तीन मंजिला लॉज भी है।
रविवार सुबह जोनल अफसर सत शुक्ला, एसडीएम बारा गौरव रंजन श्रीवास्तव के नेतृत्व में पीडीए व तहसील की टीम महुवारी गांव स्थित लॉज पर पहुंची। वहां मौजूद पूर्व ब्लाक प्रमुख की पत्नी अर्चना मिश्रा को बताया गया कि लॉज का नक्शा नहीं पास कराया गया, इस तरह से निर्माण अवैध है। इसके बाद ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू कराई गई। पहले तीन जेसीबी मशीनों से लॉज के अगले हिस्से से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की गई।
करीब आठ घंटे की कार्रवाई के बाद लॉज को ध्वस्त करा दिया गया। पुलिस और राजस्व की टीम ने दिलीप के कॉलेज समेत 12 अचल संपत्ति को कुर्क किया है। कुर्की के समय जब्त की गई संपत्तियों की बाजार में कीमत करीब 14 करोड़ रुपये आंकी गई थी। पीडीए के जोनल अधिकारी आलोक पांडेय ने बताया कि अवैध तरीके से बिना नक्शा पास कराए लॉज व मार्केट का निर्माण कराया गया था। जो पूरी तरह से अवैध था, इसीलिए इसे ध्वस्त करा दिया गया।