Prayagraj : एंटी करप्शन टीम पर हमला करने पर पीडीए के 40-50 कर्मचारियों पर केस दर्ज, छानबीन में जुटी पुलिस
सिविल लाइंस इंदिरा भवन के सातवें मंजिल पर स्थित प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) कार्यालय के 40-50 अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
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सिविल लाइंस इंदिरा भवन के सातवें मंजिल पर स्थित प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) कार्यालय के 40-50 अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। यह मुकदमा एंटी करप्शन प्रयागराज के निरीक्षक राकेश बहादुर सिंह ने दर्ज कराई है। पीडीए कर्मचारियों पर एंटी करप्शन टीम के साथ मारपीट करने और सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप है। मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस सीसीटीवी कैमरे के आधार पर आरोपी कर्मचारियों की खोजबीन में जुट गई है।
प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के कनिष्ठ सहायक अजय कुमार को एंटी करप्शन की टीम ने मंगलवार को आठ हजार रुपये की रिश्वत के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था। अजय पर फाफामऊ के शांतिपुरम स्थित एक प्लॉट की रजिस्ट्री कराने के बदले रिश्वत मांगने का आरोप था। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को छुड़ाने के प्रयास में टीम पर हमला भी किया गया एंटी करप्शन के इंस्पेक्टर राकेश बहादुर सिंह के अलावा दो तीन सिपाही घायल हो गए। इस मामले में सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
आठ हजार रुपये की मांगी थी रिश्वत
थरवई थाना क्षेत्र के गोहरी गांव कोरसंड निवासी प्राणेंद्र पांडेय ने पीडीए के फाफामऊ स्थित शांतिपुरम में आवासीय योजना के तहत प्लॉट लेने के लिए आवेदन किया था। इसमें लॉटरी के माध्यम से 50 वर्गमीटर का प्लॉट आवंटित हो गया। आरोप लगाया कि उक्त प्लॉट की रजिस्ट्री करने के एवज में पीडीए के कनिष्ठ सहायक अजय कुमार ने आठ हजार रुपये की रिश्वत मांगी। शिकायत पर एंटी करप्शन के ट्रैप प्रभारी राकेश बहादुर सिंह ने निरीक्षक चंद्रभान सिंह, कांस्टेबल विकास पांडेय, दीपक शुक्ला, सुनील यादव, मिथलेश यादव, दिनेश प्रसाद समेत अन्य के साथ मिलकर पीडीए कार्यालय में मंगलवार दोपहर ट्रैप लगाया। जैसे ही पीड़ित ने आरोपी को आठ हजार रुपये थमाए तो टीम ने उसे दबोच लिया। आरोपी को सिविल लाइंस थाने में लाकर एफआईआर दर्ज कराई गई।
सातवीं मंजिल पर लिफ्ट के बाहर छुड़ाने का प्रयास
एंटी करप्शन की टीम ने आरोपी को पकड़ने के लिए पीडीए कार्यालय की सातवीं मंजिल पर ट्रैप लगाया था। जैसे ही आरोपी को पकड़कर टीम लिफ्ट के पास पहुंची तो टीम पर हमला कर मारपीट शुरू कर दी गई। इसमें एंटी करप्शन के दो से तीन सिपाही चोटिल हो गए। करीब आधे घंटे हंगामे के बाद टीम आरोपी को गाड़ी में बिठाकर अपने साथ ले गई।