Prayagraj : जहरीले सिरप पर प्रयागराज में भी कसा शिकंजा, औषधि विभाग ने फर्म पर दर्ज कराया मुकदमा
Prayagraj News : नारकोटिक्स कटेगरी के सिरफ के अवैध खरीद फरोख्त के मामले में औषधि विभाग ने प्रयागराज के एक फर्म के खिलाफ केस दर्ज कराया है। धूमनगंज के लखनपुर स्थित फर्म मेसर्स एमके हेल्थकेयर के खिलाफ एयरपोर्ट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। आरोप है कि कंपनी ने कोडीनयुक्त कफ सिरप की 100 एमएल की 9,67,724 बोतलों की अवैध रूप से खरीद-फरोख्त की।
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धूमनगंज के लखनपुर स्थित फर्म मेसर्स एमके हेल्थकेयर के खिलाफ एयरपोर्ट थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि कंपनी ने कोडीनयुक्त कफ सिरप की 100 एमएल की 9,67,724 बोतलों की अवैध रूप से खरीद-फरोख्त की। औषधि निरीक्षक संतोष कुमार पटेल की तहरीर पर कार्रवाई की गई है।
संतोष ने पुलिस को जानकारी दी कि 15 अक्तूबर को कानपुर के औषधि सहायक आयुक्त दिनेश कुमार तिवारी ने बताया था कि मेसर्स अग्रवाल एंड ब्रदर्स की ओर से पांच सितंबर को धूमनगंज के लखनपुर स्थित फर्म मेसर्स एमके हेल्थकेयर को कफ सिरप की 100 एमएल की 89,600 बोतलें बेची गईं। इसे लेकर प्रयागराज मंडल के सहायक आयुक्त (औषधि) संजय ने कौशाम्बी की औषधि निरीक्षक माधुरी सिंह को आदेश दिया कि उक्त फर्म का तत्काल निरीक्षण कर सिरप की खरीद-फरोख्त का सत्यापन किया जाए।
मौके पर टीम पहुंची तो फर्म बंद मिली। फर्म के प्रोप्राइटर मोहम्मद सैफ ने बताया कि वह दिल्ली में हैं और अगले दो दिन में आकर फर्म का निरीक्षण कराएंगे। अगले दिन सैफ के भाई फैजुर रहमान ने कफ सिरप की खरीद-फरोख्त के दस्तावेज दिखाए जिससे पता चला कि उक्त फर्म ने वाराणसी में 89,600 कफ सिरप बेचे हैं। इस पर फर्म को निर्देशित किया गया कि पिछले एक वर्ष का शिड्यूल और नारकोटिक्स दवाइयों की खरीद-फरोख्त के अभिलेख प्रस्तुत करें।
20 नवंबर को लाइसेंस निरस्त
एफआईआर के मुताबकि, प्रयागराज मंडल औषधि सहायक आयुक्त संजय ने उक्त फर्म को 17 अक्तूबर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। फर्म की ओर से कोई जवाब न मिलने पर 20 नवंबर को उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया गया। वहीं, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि आयुक्त कार्यालय से मिली एक्सेल शीट के आधार पर जब प्रदेशभर के रिकॉर्ड खंगाले गए तो पता चला कि उक्त कंपनी की ओर से फेनसेडिल डीएक्स सिरप की 9,67,724 बोतलें विभिन्न तारीखों पर खरीदी गई थीं। ये कोडीनयुक्त नॉरकोटिक कैटेगरी की औषधि है जिसका चिकित्सकीय सलाह के बिना उपयोग अपराध है।