Pahalgam Attack : हवाई हमले की चेतावनी देगा सायरन, दुश्मन की नजर से बचने को होगा ब्लैकआउट
पहलगाम आतंकी हमले के बाद बुधवार को प्रयागराज समेत देश के कई शहरों में होने जा रही मॉकड्रिल के दौरान सिविल डिफेंस यानी नागरिक सुरक्षा के संबंध में तैयारियाें को परखा जाएगा।
विस्तार
पहलगाम आतंकी हमले के बाद बुधवार को प्रयागराज समेत देश के कई शहरों में होने जा रही मॉकड्रिल के दौरान सिविल डिफेंस यानी नागरिक सुरक्षा के संबंध में तैयारियाें को परखा जाएगा। हवाई हमले की चेतावनी देने के लिए सायरन बजेंगे तो महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए क्रैश ब्लैकआउट भी किया जाएगा।
मॉकड्रिल में अलग-अलग 22 विभागों के साथ ही कई स्कूल-कॉलेज भी शामिल होंगे। इनमें पुलिस के साथ ही जिला प्रशासन, स्वास्थ्य के साथ ही सिविल डिफेंस, फायर ब्रिगेड, आरएएफ, एडीआरएफ, एनसीसी, एनएसएस, सीपीएमएफ समेत कई अन्य शामिल हैं। इन सभी के प्रतिनिधियों के साथ अतिरिक्त पुलिस आयुक्त डाॅ.अजयपाल शर्मा ने पुलिस लाइन के त्रिवेणी सभागार में बैठक की। इसमें मॉकड्रिल के दौरान सभी विभागों को उनकी भूमिका के बारे में विस्तार से बताया गया।
कहा कि यह मॉकड्रिल युद्ध, मिसाइल व हवाई हमले जैसी आपातकालीन स्थितियों में नागरिक सुरक्षा प्रणाली को लेकर की गई तैयारियों को परखने की एक्सरसाइज है। इसके जरिये प्रणाली की मजबूती के साथ ही कमियों को पता लगाया जाएगा। साथ ही आपात स्थितियों में विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय को भी परखा जाएगा।
क्या होगा मॉकड्रिल के दौरान
अफसरों ने बताया कि मॉकड्रिल के दौरान आपात स्थितियों में नागरिकों के साथ ही सामरिक महत्व वाले प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को लेकर सचेत किए जाने के साथ स्कूल-कॉलेजों व अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर लोगों को जागरूक भी किया जाएगा। इस दौरान हवाई हमलों के प्रति सचेत करने के लिए सायरन बजेंगे तो हमले की स्थिति में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्रैश ब्लैकआउट (अचानक बिजली बंद किए जाने) भी किया जाएगा। कुछ स्थानों के लिए अस्थायी ट्रैफिक डायवर्जन भी लागू किए जा सकते हैं।
कुछ महत्वपूर्ण परिसरों में इवैकुएशन एक्सरसाइज (परिसर को अचानक खाली कराया जाना) भी कराई जा सकती है। स्कूल-कॉलेजों व कम्युनिटी सेंटरों में वर्कशॉप भी आयोजित होंगी। इसमें आम नागरिकों को यह सिखाया जाएगा कि युद्ध जैसी स्थिति में किस तरह से व्यवहार करें। खुद को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने की तकनीक के साथ ही छिपने के स्थान ढूंढ़ने, प्राथमिक उपचार व तनावपूर्ण स्थिति में खुद को संयमित रखना भी सिखाया जाएगा।
सभी विभागों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई और उन्हें उनकी भूमिका के बारे में विस्तार से बताया गया। सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। शासन के दिशानिर्देशों के मुताबिक बुधवार को मॉकड्रिल का आयोजन किया जाएगा। -- डाॅ.अजयपाल शर्मा, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त
आपात स्थिति में नागरिक सुरक्षा प्रणाली की इन एक्सरसाइजों से परखी जाएंगी तैयारियां
हवाई हमले का सायरन
मॉकड्रिल के दौरान एयर स्ट्राइक/हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए जाएंगे। इमरजेंसी में यह अलार्म सिस्टम लोगों को हवाई हमले के प्रति सचेत करते हैं, ताकि वह सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाएं।
नागरिकों को प्रशिक्षण
आम लोगों के लिए स्कूल, कार्यालयों और कम्युनिटी सेंटर्स में कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। यहां सिखाया जाएगा कि हमले के दौरान क्या करें। जैसे- ‘ड्रॉप एंड कवर’ तकनीक (झुककर छिप जाओ और कान बंद कर लो), नजदीकी शेल्टर का पता लगाना, प्राथमिक चिकित्सा देना और तनाव के समय शांत रहना सिखाया जाएगा।
क्रैश ब्लैकआउट
देश में अचानक ब्लैकआउट का अभ्यास किया जाएगा। इसमें बिजली आपूर्ति बाधित कर दी जाएगी। रोशनी वाले सभी उपकरण बंद कर दिए जाएंगे, ताकि हवाई हमले के दौरान दुश्मन की नजर से बचा जा सके।
कैमोफ्लाज एक्सरसाइज
कैमोफ्लाज एक्सरसाइज (Camouflage Exercises) यानी सैन्य ठिकानों, संसद, संचार टावरों और बिजली संयंत्रों जैसी रणनीतिक इमारतों और प्रतिष्ठानों को इस तरह ढक (छलावरण) दिया जाएगा कि सैटेलाइट या हवाई निगरानी के दौरान पहचाना ना जा सके।
इवैकुएशन ड्रिल्स
इवैकुएशन ड्रिल्स, यानी अधिकारी अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों पर ले जाने की प्रैक्टिस करेंगे। इवैकुएशन ड्रिल्स में इमरजेंसी में सभी संभावित परेशानियों की पहचान कर संचालन को सुचारू करने में मदद मिलेगी।
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